निकाय चुनावों को लेकर सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग आमने-सामने, टकराव के बने हालात

राजस्थान के यूडीएच मंत्री खर्रा ने कहा कि सभी निकायों के चुनाव दिसंबर में, यदि पहले चुनाव कार्यक्रम जारी हुआ तो जो करना होगा, वो हम करेंगे। संशोधन करना पड़ा, तो वो भी करेंगे।

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Amit Baijnath Garg
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jhabar singh kharra

Photograph: (the sootr)

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राजस्थान में शहरी निकायों के चुनावों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग और सरकार आमने-सामने हो गए हैं और दोनों के बीच टकराव के हालात बनते दिख रहे हैं, क्योंकि पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव पर दोनों की अलग-अलग राय है।

मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त की दो महीने में चुनाव कार्यक्रम घोषित कर चुनाव करवाने की घोषणा के बाद बुधवार को यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा है कि सभी 309 शहरी निकायों के एक साथ चुनाव दिसंबर महीने में करवाएंगे। 

राज्य निर्वाचन आयोग के सप्ताह भर में चुनाव कार्यक्रम जारी करने के सवाल पर बुधवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए खर्रा ने कहा कि यदि आयोग कार्यक्रम जारी कर देगा तो उसके अनुसार देखेंगे और जो कुछ हमें करना होगा वह हम करेंगे, आयोग को जो करना है वो आयोग करेगा। 

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चुनाव एक साथ करवाने की बात

खर्रा ने कहा कि राजस्थान हाई कोर्ट ने जल्द से जल्द चुनाव करवाने को कहा है, लेकिन हम तो दिसंबर में सभी निकायों के एक साथ चुनाव करवाने की बात कर रहे हैं। यदि यह माना जाए कि हाई कोर्ट ने छह महीने में चुनाव करवाने को कहा है, तो भी सरकार के पास फरवरी तक का समय है, क्योंकि फरवरी, 2025 में छह महीने पूरे होते हैं। जबकि सरकार तो दिसंबर में ही चुनाव करवा देगी। हाईकोर्ट के आदेश की हमने प्रमाणित प्रति मंगवाई है और आदेश का अध्ययन करने के बाद ही हम उचित कदम उठाएंगे।

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दो अलग-अलग बात कर रहा है आयोग

खर्रा ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने दो तरह के बयान दिए हैं। पहला बयान आया कि दो तीन दिन में कार्यक्रम की घोषणा कर देंगे, फिर कहा कि दो महीने में करेंगे। खर्रा ने कहा कि दिसंबर, 2025 में वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत चुनाव करवाने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है। वार्ड परिसीमन पूरा हो चुका है। एक-दो दिन में पत्रावली भेज देंगे और सप्ताह भर में परिसीमन की अधिसूचना जारी हो जाएगी। 

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चुनाव एक साथ करवाने में परेशानी

बातचीत के दौरान खर्रा ने पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव एक साथ करवाने में परेशानी की बात भी स्वीकार की है। इसका कारण पंचायती राज संस्थाओं की अवधि अलग-अलग होना है। उन्होंने बताया कि कुछ पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल 2027 में खत्म हो रहा है, कुछ का 2026 में खत्म हो रहा है। इसलिए मंथन चल रह है कि एक साथ चुनाव कैसे हों? उम्मीद है कि एक साथ चुनाव करवाने के लिए जो संभव होगा, वह किया जाएगा।

FAQ

Q1: राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच क्या विवाद है?
राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच विवाद इस बात को लेकर है कि शहरी निकायों के चुनाव कब कराए जाएं। सरकार दिसंबर में चुनाव कराने की पक्षधर है, जबकि आयोग ने दो महीने बाद चुनाव कार्यक्रम जारी करने की बात कही है।
Q2: क्या राजस्थान में सभी निकायों के चुनाव एक साथ होंगे?
हां, राज्य सरकार का कहना है कि वे दिसंबर में सभी 309 शहरी निकायों के चुनाव एक साथ कराएंगे, हालांकि इसमें कुछ समस्याएं भी आ सकती हैं, खासकर पंचायती राज संस्थाओं के कार्यकाल के अंतर के कारण।
Q3: राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश का पालन कैसे किया है?
राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार चुनाव को जल्द कराने की योजना बनाई है, लेकिन साथ ही दिसंबर में चुनाव कराने की बात भी कही है, जो कि कोर्ट के छह महीने के निर्देश के भीतर है।

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