एसीबी को देख वकील ने रिश्वत का नोट निगला! एंडोस्कोपी कर पेट से निकाला

राजस्थान में एसीबी ने रिश्वत लेते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी से पहले पीपी ने निगला रिश्वत को नोट। एसीबी ने एंडोस्कॉपी करा निकलवाया।

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Nitin Kumar Bhal
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Anti Curruption Bureau

एसीबी की गिरफ्त में रिश्वतखोर विशिष्ट लोक अभियोजक। Photograph: (The Sootr)

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राजस्थान (Rajasthan) के बीकानेर में मंगलवार यानि 15 जुलाई 2025 को एक रिश्वतखोर वकील को पकड़ने गई भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के सामने अजीबोगरीब हालात पैदा ​हो गए। विशिष्ट लोक अभियोजक (PP) ने एसीबी को देख रिश्वत का नोट ही निगल लिया। एसीबी ने रोकने का प्रयास किया तो पुलिस निरीक्षक की अंगुली ही चबा डाली। हालांकि, एसीबी ने बाद में अस्पताल ले जाकर एंडोस्कोपी के जरिए वकील के पेट से नोट के टुकड़े निकलवाए और एफएसएल (FSL) जांच के लिए भेजे हैं।  एसीबी के पुलिस निरीक्षक इन्द्र कुमार ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायालय एससी-एसटी कोर्ट में विशिष्ट लोक अभियोजक जगदीश कुमार पुत्र जियाराम को पांच सौ रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने नोखा में दर्ज मारपीट के एक मामले में गवाह के बयान कराने की एवज में रिश्वत ली थी। साथ ही इसी कोर्ट के पूर्व में रह चुके विशिष्ट लोक अभियोजक कुंदन और पेशकार जाकिर को भी नामजद किया गया है। पकड़े जाने पर विशष्ट लोक अभियोजक जगदीश पहले तो धमकाने लगा। फिर उसने तुरन्त रिश्वत की राशि मुंह में डाल कर निगल ली। पुलिस निरीक्षक ने जगदीश के मुंह को खोलकर नोट बरामद करने का प्रयास किया। इस दौरान आरोपी ने निरीक्षक की अंगुली को दांतों से काट दिया। इसके बाद नोट बरामद करने के लिए एसीबी टीम आरोपी को पीबीएम अस्पताल ले गई।  वहां चिकित्सकों ने एंडोस्कॉपी के माध्यम से अभियोजक के पेट से नोट के टुकड़े निकाले। इन टुकड़ों को बोतल में सील कर एसीबी ने एफएसएल जांच के लिए भेज दिया।

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पूर्व अभियोजक और पेशकार भी नामजद

इस मामले में एसीबी ने एक पूर्व विशिष्ट लोक अभियोजक और एक पेशकार को भी नामजद किया है। एसीबी के पुलिस निरीक्षक इन्द्र कुमार ने बताया कि यह गिरफ्तारी जिला एवं सत्र न्यायालय के एससी-एसटी कोर्ट में हुई। अभियोजक जगदीश कुमार ने नोखा में एक मारपीट के मामले में गवाह के बयान कराने के बदले रिश्वत ली थी।

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रिश्वत लेने के बाद आरोपी ने क्या किया?

पकड़े जाने के बाद विशिष्ट लोक अभियोजक जगदीश ने पुलिस को धमकाने की कोशिश की, लेकिन बाद में उसने रिश्वत का नोट अपने मुंह में डालकर निगल लिया। जब पुलिस ने उसके मुंह को खोला और नोट निकालने का प्रयास किया, तो आरोपी ने निरीक्षक की अंगुली को काट लिया। इसके बाद आरोपी को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने नोट के टुकड़े निकाले।

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अगर कोई रिश्वत मांगे तो क्या करें?

अगर कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी आपसे रिश्वत मांगता है, तो आप भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) से मदद ले सकते हैं। इसके लिए आप 1064 पर कॉल कर सकते हैं या एसीबी की वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

एसीबी से संपर्क करने के तरीके:

  1. हेल्पलाइन नंबर: राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) का हेल्पलाइन नंबर 1064 है। आप इस नंबर पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

  2. व्हाट्सएप हेल्पलाइन: आप व्हाट्सएप पर 9413502834 नंबर पर भी शिकायत भेज सकते हैं।

  3. ईमेल: आप एसीबी को complt.acb@rajasthan.gov.in पर ईमेल भी भेज सकते हैं।

कभी भी रिश्वत न दें: रिश्वत देना और लेना दोनों ही कानूनी अपराध हैं। एसीबी आपकी शिकायत को पूरी गोपनीयता के साथ संभालेगा।

शिकायत करते समय कुछ जरूरी बातें:

  • यदि संभव हो, तो रिश्वत मांगने का कोई प्रमाण इकट्ठा करें, जैसे कि ऑडियो, वीडियो रिकॉर्डिंग, या कोई लिखित दस्तावेज।

  • शिकायत दर्ज करते समय घटना का समय, स्थान और आरोपी का विवरण सटीक रूप से दें।

 


FAQ

विशिष्ट लोक अभियोजक (PP) क्या होता है?
विशिष्ट लोक अभियोजक वह व्यक्ति होता है जो सरकारी मामलों में अभियोजन का कार्य करता है। वह न्यायालय में राज्य का प्रतिनिधित्व करता है और अपराधियों के खिलाफ मामलों की पैरवी करता है।
रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार अभियोजक के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी?
एसीबी आरोपी के खिलाफ पूरी जांच करेगी और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। आरोपित को कोर्ट में पेश किया जाएगा और उसे सजा दिलवाने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
यदि कोई अधिकारी रिश्वत लेता है तो क्या कानूनी कार्रवाई होती है?
यदि कोई अधिकारी रिश्वत लेता है, तो उसे भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया जाता है और कानूनी कार्रवाई की जाती है। आरोपी को न्यायालय में पेश कर सजा दिलवाने के लिए केस चलाया जाता है।

 

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