राजस्थान में लापरवाह और भ्रष्ट कार्मिकों पर गिरी गाज, चार मामलों में पेंशन रोकी गई

राजस्थान सरकार ने लापरवाह और भ्रष्ट कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। 14 प्रकरणों में अनुशासनात्मक कार्रवाई और 2 मामलों में अभियोजन स्वीकृत किए गए।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान में लापरवाही, अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। इस दिशा में हाल ही में 14 प्रकरणों में कार्मिकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है और दो मामलों में अभियोजन की स्वीकृति दी गई है। 

 मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देश पर हुई इस कार्रवाई से सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों में सख्त संदेश गया है। किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

राजस्थान में चार सेवानिवृत अधिकारियों की पेंशन रोकी 

मुख्यमंत्री ने सेवानिवृत अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की है। 4 प्रकरणों में सेवानिवृत अधिकारियों की पेंशन रोकने का निर्णय लिया गया है। इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार कर्मचारियों की किसी भी प्रकार की लापरवाही और कदाचार को गंभीरता से ले रही है, चाहे वे सेवानिवृत हों या सेवारत। 

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अनुशासनात्मक कार्रवाई और वेतन वृद्धि रोकने का निर्णय

सीएम ने सेवारत अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत 8 प्रकरणों में वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने का निर्णय लिया है। यह कदम इस बात का संकेत है कि सरकार शासकीय कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही को पूरी तरह से खत्म करने का इरादा रखती है।

सीसीए नियमों के तहत कार्रवाई

एक अन्य प्रकरण में नियम 34-सीसीए के अंतर्गत अपील को खारिज कर दिया गया और पहले लगाए गए दंड को यथावत रखा गया। वहीं, सीसीए नियम 23 के अंतर्गत एक अन्य अपील में राहत दी गई।

सरकार का दावा है कि प्रत्येक प्रकरण की जांच करके निष्पक्ष निर्णय लिया गया है और कार्रवाई की प्रक्रिया को पारदर्शी रखा है।

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भविष्य में और सख्त कदम

सीएम भजन लाल शर्मा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी कार्यों में लापरवाही और भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने अधिकारियों से यह अपेक्षा की है कि वे पूरी जिम्मेदारी से अपने कार्यों को अंजाम दें और जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप काम करें।

FAQ

1. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किस प्रकार की कार्रवाई की है?
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने लापरवाह और भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की। दो मामलों में अभियोजन की स्वीकृति दी। 
2. क्या सेवानिवृत अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है?
हां, सेवानिवृत अधिकारियों के चार प्रकरणों में पेंशन को रोकने का दंड दिया गया है।
3. सीसीए नियमों के तहत क्या निर्णय लिया गया?
नियम 34-सीसीए के अंतर्गत एक अपील को खारिज कर दिया गया और दंड को यथावत रखा गया, जबकि सीसीए नियम 23 के अंतर्गत एक अन्य अपील में राहत दी गई है।

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