अजमेर डिस्कॉम उड़ाएगा ड्रोन, बिजली चोरों को पकड़ने के लिए 14 जिलों में होगी शुरुआत

राजस्थान के अजमेर डिस्कॉम ड्रोन के माध्यम से बिजली चोरी और अवैध ट्रांसफार्मर लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगा, 14 जिलों में इसकी शुरुआत की जाएगी। इसके लिए आवश्यक तैयारी की जा रही है।  

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान में अजमेर डिस्कॉम (Ajmer Discom) के 14 जिलों में पहली बार ड्रोन (Drone) का उपयोग करके बिजली चोरों को पकड़ा जाएगा। ड्रोन के माध्यम से चोरी की जगहों को चिह्नित कर, उचित कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, अवैध ट्रांसफार्मर लगाने वालों की भी पहचान की जाएगी और उनकी लिस्ट तैयार की जा रही है।

अजमेर डिस्कॉम की स्थिति

अजमेर डिस्कॉम के पास वर्तमान में लगभग 61 लाख उपभोक्ता हैं। वर्ष 2024-25 में बिजली छीजत   7.56% रही है, जबकि अप्रैल से अगस्त तक इस प्रतिशत में वृद्धि हो कर 9.98% हो गई है।

अजमेर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक के.पी. वर्मा ने कहा, "बिजली चोरों के खिलाफ डिस्कॉम द्वारा नियमित कार्रवाई की जाती है, लेकिन हमारा उद्देश्य है कि हमारे विजिलेंस की टीम हर जगह न जाए।"

वे बताते हैं कि बिलिंग सिस्टम से यह पहचानने का प्रयास किया जा रहा है कि कौन से क्षेत्र में बिजली चोरी ज्यादा हो रही है। जहां ज्यादा चोरी हो रही है, वहां स्थानीय पुलिस की मदद ली जाएगी। फिलहाल, कैमरे से चोरी की जगह की फोटो ली जाती है, लेकिन यदि जरूरत पड़ी तो ड्रोन का उपयोग भी किया जाएगा।

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बिजली चोरी के नए - नए हथकंडे

डिस्कॉम अफसरों के अनुसार, रिमोट के जरिए भी बिजली चोरी के मामले सामने आते हैं। इसमें दो डिवाइस होते हैं, एक रेजिस्टेंस (Resistance) जो मीटर में लगा होता है और दूसरा रिमोट (Remote) जिसमें नियंत्रण होता है।

इसे मीटर के पास तार से जोड़कर, रिमोट से बिजली की सप्लाई को कंट्रोल किया जाता है। इसके कारण घरों में बिजली की सप्लाई बिना किसी रुकावट के जारी रहती है, जबकि मीटर में कोई खपत दर्ज नहीं होती।

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कैसे होती है बिजली चोरी?

सीधा वायर जोड़कर चोरी

बिजली चोरी के सबसे सामान्य तरीकों में से एक है, बिजली लाइन से सीधे तार जोड़ना। इसके अलावा, मीटर से पहले लाइन में कट लगाना और मीटर से छेड़छाड़ भी प्रमुख कारण हैं।

रिमोट से बिजली चोरी

जैसे पहले बताया गया, रिमोट के माध्यम से मीटर के नियंत्रण को प्रभावित किया जाता है, जिससे घरों में बिना मीटर के बिजली की आपूर्ति होती है।

ट्रांसफार्मर लगाकर चोरी

कुछ लोग 11 केवी  लाइन से सीधे ट्रांसफार्मर (Transformer) लगाकर बिजली चोरी करते हैं।  नागौर जिले में अवैध ट्रांसफार्मर लगाकर बिजली चोरी केमामले अधिक देखे जाते हैं। यहां पर अवैध ट्रांसफार्मर लगाने की घटनाएं सामने आई हैं और इनके खिलाफ कार्रवाई भी की गई है। 

5 महीने में 7 हजार से ज्यादा जगह पकड़ी चोरी

पिछले 5 महीनों में डिस्कॉम की विजिलेंस टीम ने 7,000 से ज्यादा स्थानों पर बिजली चोरी पकड़ी। इस वर्ष अप्रैल से अगस्त तक, कुल 9,376 स्थानों की जांच की गई, जिनमें से 7,064 स्थानों पर चोरी पकड़ी गई। इसके अलावा, कुल 30 करोड़ 20 लाख 33 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। अब अजमेर डिस्कॉम बिजली चोरी रोकने के लिए करेगा ड्रोन का इस्तेमाल। इससे बिजली चोरी करना आसान नहीं होगा।

FAQ

1. अजमेर डिस्कॉम द्वारा ड्रोन का उपयोग कैसे किया जाएगा?
बिजली चोरी करने वाले क्षेत्रों का पता लगाने और कार्रवाई करने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जाएगा। यह किसी स्थान पर चोरी का पता लगाने के लिए एक नया और प्रभावी तरीका है।
2. बिजली चोरी के कौन-कौन से तरीके प्रमुख हैं?
बिजली चोरी के प्रमुख तरीके हैं: बिजली लाइन से सीधा तार जोड़ना,मीटर में छेड़छाड़ करना,रिमोट के माध्यम से बिजली की आपूर्ति को नियंत्रित करना और अवैध ट्रांसफार्मर लगाना।
3. 5 महीने में 7,000 से ज्यादा स्थानों पर बिजली चोरी कैसे पकड़ी गई?
विजिलेंस टीम ने विभिन्न स्थानों की जांच की और सटीक निगरानी द्वारा बिजली चोरी के मामलों को पकड़ा।
4. ट्रांसफार्मर लगाकर बिजली चोरी करने के मामले कहां अधिक देखे जाते हैं?
ट्रांसफार्मर लगाकर चोरी करने के मामले नागौर जिले में अधिक देखे जाते हैं।
5. ड्रोन के अलावा, बिजली चोरी को पकड़ने के लिए और कौन से उपकरणों का उपयोग किया जाता है?
ड्रोन के अलावा, कैमरे, रिमोट डिवाइस, और अन्य तकनीकी उपायों का भी उपयोग किया जाता है।

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