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Photograph: (TheSootr)
नेपाल में 8 सितंबर 2025 को शुरू हुए हिंसक आंदोलन (Nepal Gen-Z Protest) ने न केवल देश में आंतरिक संकट पैदा किया, बल्कि विदेशों से आने वाले पर्यटकों को भी भारी संकट में डाल दिया। भारतीय पर्यटक, विशेषकर राजस्थान से जो नेपाल में छुट्टियां मनाने या धार्मिक स्थलों का दर्शन करने आए थे, हिंसा के कारण वहां फंसे हुए हैं। राजस्थान की महिला विधायक ऋतु बनावत समेत हजारों भारतीय नेपाल में फंसे हुए हैं।
नेपाल में हिंसक आंदोलन के कारण नेपाल की सड़कों पर अशांति का माहौल है, जिससे हज़ारों पर्यटक, जिनमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं, संकट में हैं।
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नेपाल में हिंसक आंदोलन क्यों शुरू हुआ?
नेपाल में हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शनों ने देश को गंभीर संकट में डाल दिया है। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों में आग लगा दी, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई। इन घटनाओं के परिणामस्वरूप, काठमांडू सहित कई बड़े शहरों में सुरक्षा की स्थिति नाजुक हो गई। अब तक 20 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और कई नेता भागने के लिए मजबूर हो गए हैं। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सेना ने हस्तक्षेप किया, लेकिन फिर भी पर्यटकों में डर और चिंता का माहौल है।
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विधायक ऋतु बनावत के नेपाल में फंसे होने की पुष्टि करते हुए कहा कि राज्य सरकार भारतीय दूतावास के संपर्क में है और जैसे ही हालात सामान्य होंगे, उनके सुरक्षित निकासी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
राजस्थान के सीएम ने काठमांडू में भारतीय दूतावास को लगाया फोन
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नेपाल में हुई हिंसा को हृदय विदारक बताते हुए कहा है कि वहां उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार वहां रह रहे राजस्थानी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। उन्होंने काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क कर मौजूदा हालात की जानकारी ली। मुख्यमंत्री के निर्देश पर नेपाल में फंसे भारतीयों की मदद के लिए राजस्थान पुलिस मुख्यालय में विशेष सेल स्थापित कर हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने नेपाल में रह रहे सभी प्रवासी राजस्थानियों से अपील की कि काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के सतत संपर्क में बने रहें और भारत सरकार की ओर से जारी की जा रही एडवाइजरी का पालन अवश्य करें।
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जयपुर के 230 यात्री भी नेपाल में फंसे
जयपुर के लगभग 230 यात्री काठमांडू एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं। इनमें से कुछ यात्री होटल और अन्य आवास स्थलों पर ठहरे हैं, जबकि कई एयरपोर्ट पर ही मदद का इंतजार कर रहे हैं। इन यात्रियों में घनश्याम शर्मा जैसे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर स्थिति बहुत तनावपूर्ण है। यात्री और उनके परिवारजन एक दूसरे से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन संचार की स्थिति भी खराब है।
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नेपाल में हिंसा क्यों हो रही है?
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नेपाल में भारतीय पर्यटकों की स्थिति
इस हिंसा के बीच नेपाल में फंसे भारतीय पर्यटकों की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। राजस्थान के बयाना विधानसभा क्षेत्र की निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत और उदयपुर के पूर्व पार्षद अनिल सिंघल का परिवार भी नेपाल में फंसा हुआ है। इन दोनों का परिवार नेपाल के विभिन्न हिस्सों में होटलों में फंसा हुआ है, जहां तक उनकी वापसी का कोई निश्चित समय नहीं है।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि राज्य सरकार भारतीय दूतावास के संपर्क में है और जैसे ही हालात सामान्य होंगे, उनके सुरक्षित निकासी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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भारतीय दूतावास ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
राजस्थान सरकार और भारतीय दूतावास मिलकर नेपाल में फंसे राजस्थानी व अन्य भारतीयों को बचाने के लिए काम कर रहे हैं। भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि प्रभावित नागरिक तुरंत संपर्क कर सकें। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी इस संकट पर चिंता जताई है और प्रभावित नागरिकों से दूतावास के संपर्क में रहने की अपील की है।
राजस्थान के उदयपुर जिले के पूर्व पार्षद अनिल सिंघल ने बताया कि वह 5 सितंबर 2025 को पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन के लिए काठमांडू गए थे। उनके पास 12 सितंबर को दिल्ली लौटने का टिकट था, लेकिन हिंसा के कारण सभी उड़ानें रद्द हो गईं और वह पोखरा में फंसे हुए हैं। पोखरा, काठमांडू से करीब 500 किलोमीटर दूर स्थित है। ऐसे में उनकी वापसी में और भी समस्याएं आ सकती हैं।
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नेपाल में फंसे भारतीयों के लिए हेल्पलाइन नंबर क्या है?
भारतीय दूतावास ने Gen Z आंदोलन नेपाल के कारण काठमांडू में फंसे हुए भारतीय नागरिकों के लिए एक हेल्पलाइन जारी की है। किसी भी मदद के लिए भारतीय दूतावास की हेल्पलाइन +977-9808602881 और +977-9810326134 पर संपर्क किया जा सकता है। इन नंबरों पर व्हाट्सएप कॉल पर भी बात की जा सकती है। यात्रियों को इस हेल्पलाइन के माध्यम से अपनी स्थिति के बारे में जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही, दूतावास ने इस स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने का वादा किया है। दूतावास के अधिकारी ने यात्रियों से धैर्य रखने और सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन करने की अपील की है।
जेन जी कौन होते हैं?
Gen Z की खासियत:
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नेपाल हिंसा में भारतीय दूतावास और राजस्थान सरकार के प्रयास
राजस्थान सरकार और भारतीय दूतावास मिलकर प्रभावित नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए प्रयास कर रहे हैं। दूतावास ने सभी भारतीय नागरिकों से संपर्क करने और हेल्पलाइन नंबरों का उपयोग करने की अपील की है। इसके अलावा, राजस्थान सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और राज्य के नागरिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लाने के लिए केंद्र सरकार और भारतीय दूतावास के साथ सहयोग कर रही है।