Nepal Gen-Z Protest : नेपाल हिंसा में फंसे सैकड़ों राजस्थानी, सरकार से मदद की दरकार

नेपाल में जारी हिंसा के कारण लगभग 4 हजार राजस्थान यात्री काठमांडू में फंसे हुए हैं। इनमें से 700 जयपुर के यात्री हैं जो धार्मिक यात्रा पर गए थे।

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Nitin Kumar Bhal
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नेपाल में पिछले कुछ दिनों से जारी राजनीतिक और सामाजिक बवाल (Nepal Gen-Z Protest) के कारण काठमांडू एयरपोर्ट पर सैकड़ों भारतीय यात्री फंसे हुए हैं। इनमें से अधिकांश यात्री राजस्थान के हैं, जिनमें लगभग 700 जयपुर के हैं। ये सभी यात्री 10 दिन पहले अयोध्या से धार्मिक पर्यटन के लिए नेपाल गए थे। इन यात्रियों को मंगलवार को गयाजी (Gaya) में आना था, लेकिन नेपाल में जारी हिंसा और हड़ताल के कारण उनकी फ्लाइट्स कैंसल हो गईं, जिससे यात्री काठमांडू एयरपोर्ट पर फंस गए हैं।

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नेपाल में फंसे जयपुर के लोग। Photograph: (TheSootr)

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जताई चिंता

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल ने नेपाल में फंसे भारतीयों और राजस्थान के लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया X पर आगे लिखा कि नेपाल में रह रहे सभी प्रवासी राजस्थानियों से अपील है कि काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के सतत संपर्क में बने रहें और भारत सरकार द्वारा जारी की जा रही एडवाइजरी का पालन अवश्य करें। भारत सरकार प्रत्येक देशवासी की सुरक्षा तथा सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध है।

नेपाल में भारतीय यात्री कैसे फंसे?

यह घटनाक्रम कुछ दिन पहले तब शुरू हुआ जब नेपाल में अचानक राजनीतिक और सामाजिक संघर्ष तेज हो गया। ऐसे में देश में उथल-पुथल मच गई और काठमांडू सहित अन्य प्रमुख शहरों में कर्फ्यू लगाना पड़ा। इसके परिणामस्वरूप, राजस्थान के हजारों यात्री काठमांडू एयरपोर्ट और अन्य स्थानों पर फंसे हुए हैं। इनमें से कुछ यात्री होटल और धर्मशालाओं में ठहरे हुए हैं, जबकि काठमांडू एयरपोर्ट पर कई यात्री भूखे-प्यासे भी हैं।

नेपाल में फंसे जयपुर के यात्री घनश्याम शर्मा ने बताया कि उन्हें कहा गया है कि कर्फ्यू खुलने के बाद ही यात्रा जारी की जाएगी, लेकिन कर्फ्यू कब खुलेगा, इसकी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। इसका मतलब है कि इन यात्रियों को काठमांडू में अनिश्चितकाल तक फंसे रहना पड़ सकता है। इसके कारण उनकी यात्रा की योजना बुरी तरह से प्रभावित हुई है।

जयपुर के 230 यात्री भी नेपाल में फंसे

जयपुर के लगभग 230 यात्री काठमांडू एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं। इनमें से कुछ यात्री होटल और अन्य आवास स्थलों पर ठहरे हैं, जबकि कई एयरपोर्ट पर ही मदद का इंतजार कर रहे हैं। इन यात्रियों में घनश्याम शर्मा जैसे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर स्थिति बहुत तनावपूर्ण है। यात्री और उनके परिवारजन एक दूसरे से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन संचार की स्थिति भी खराब है।

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Nepal Gen-Z Protest Photograph: (TheSootr)

काठमांडू एयरपोर्ट पर क्या स्थिति है?

काठमांडू एयरपोर्ट पर अराजकता का माहौल है। एयरपोर्ट के बाहर यात्रियों की भारी भीड़ और हंगामा हो रहा है। रामशरण शर्मा और हाबूदेवी जैसे यात्री जो एयरपोर्ट के बाहर खड़े थे, उन्होंने बताया कि पूरे एयरपोर्ट पर दहशत का माहौल बना हुआ है। वे करीब 10 घंटे तक भूखे-प्यासे एयरपोर्ट के बाहर खड़े रहे। एयरपोर्ट की स्थिति इतनी बुरी हो गई कि कुछ यात्रियों को अस्पताल भी जाना पड़ा, क्योंकि उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो रही थीं।

इस कठिन स्थिति में, यात्रियों को किसी प्रकार की राहत मिलने का कोई स्पष्ट संकेत नहीं है। उन्हें सिर्फ यह बताया गया है कि कर्फ्यू खुलने के बाद ही उनकी यात्रा को आगे बढ़ाया जा सकेगा। लेकिन कर्फ्यू कब खुलेगा, यह एक बड़ा सवाल है।

नेपाल में हिंसा क्यों हो रही है?

  • सोशल मीडिया बैन और विरोध

    • नेपाल सरकार ने फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम समेत सभी सोशल मीडिया ऐप्स को रजिस्ट्रेशन करवाने का आदेश दिया।

    • एक हफ्ते बाद इन ऐप्स पर बैन लगा दिया गया, जिसके खिलाफ हजारों युवा सड़कों पर उतर आए।

    • प्रदर्शन के दौरान नेपाल की संसद पर हमला किया गया, और पुलिस की जवाबी कार्रवाई में 19 लोग मारे गए और कई घायल हुए।

    • इसके बाद नेपाल में प्रदर्शन और हिंसा बढ़ी, जिससे प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और अन्य नेताओं को भागना पड़ा।

  • नेपोटिज़्म और भाई-भतीजावाद

    • नेपाल सरकार पर लगातार नेपोटिज़्म का आरोप लगता रहा है। नेताओं और उनके परिवारों की शाही जीवनशैली सोशल मीडिया पर उजागर हो रही थी।

    • 'नेपो बेबी' अभियान नेपाल के सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा, जिससे युवाओं की नाराजगी साफ दिखाई दे रही थी।

  • भ्रष्टाचार के आरोप

    • नेपाल सरकार पर कई बड़े घोटालों का आरोप लगा है, जिनमें गिरि बंधु भूमि स्वैप घोटाला, ओरिएंटल कॉरपोरेटिव घोटाला और कॉरपोरेटिव घोटाला शामिल हैं।

    • इन घोटालों का पर्दाफाश होने के बाद युवाओं का गुस्सा और बढ़ गया।

  • बेरोजगारी और आर्थिक स्थिति

    • नेपाल में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में नेपाल के 10.71 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं।

    • महंगाई दर 5.2 प्रतिशत है, और केवल 20 प्रतिशत लोग देश की 56 प्रतिशत संपत्ति के मालिक हैं, जिनमें नेता भी शामिल हैं।

  • भारत से दूरी और चीन से नजदीकी

    • 2024 में केपी ओली की सरकार के बाद नेपाल का रुझान चीन की ओर बढ़ने लगा।

    • नेपाल ने भारत के साथ सीमा विवाद को उठाया, जिससे नेपाल पर आर्थिक दबाव बढ़ा।

    • इस बदलाव को लेकर नेपाली नागरिकों में नाराजगी थी, जो हिंसा के रूप में सामने आई।

  • राजशाही की वापसी की मांग

    • नेपाल में लोकतंत्र के खिलाफ राजशाही की वापसी की मांग उठ रही है, खासकर भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच।

    • पिछले 5 सालों में नेपाल में तीन बार सरकारें बदल चुकी हैं, और अब भड़की हिंसा के बाद सत्ता परिवर्तन की संभावना जताई जा रही है।

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Nepal Gen-Z Protest Photograph: (TheSootr)

नेपाल में फंसे राजस्थानी लोगों के परिजन भी परेशान

इन घटनाओं से केवल यात्री ही नहीं, बल्कि उनके परिवारजन भी मानसिक तनाव में हैं। राजस्थान के विभिन्न शहरों से यात्रा पर गए ये लोग अब अपने घरों की ओर लौटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। खासकर जयपुर के यात्रियों को इस स्थिति से सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है, क्योंकि उन्हें श्राद्ध पक्ष में गयाजी पहुंचने की उम्मीद थी। अब, यह सब अव्यवस्थित हो गया है और वे अपने परिवारों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।

इस स्थिति में भारतीय सरकार और नेपाल सरकार को इस स्थिति का समाधान जल्दी से जल्दी निकालने की आवश्यकता है। यात्रियों को सही तरीके से मार्गदर्शन और सहायता मिलनी चाहिए ताकि वे सुरक्षित रूप से घर लौट सकें।

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नेपाल में फंसे भारतीय किस प्रकार की सहायता चाहते हैं?

Gen Z आंदोलन नेपाल के कारण काठमांडू में फंसे इन यात्रियों की प्राथमिक आवश्यकता है एक स्थिर और सुरक्षित मार्ग। वे चाहते हैं कि उनके लिए जल्द से जल्द फ्लाइट्स उपलब्ध करवाई जाएं ताकि वे घर लौट सकें। इसके अलावा, इन यात्रियों को मेडिकल सहायता, भोजन, और पानी की भी सख्त जरूरत है। काठमांडू एयरपोर्ट और आसपास के क्षेत्रों में स्थित होटल, धर्मशालाएं इन यात्रियों को प्राथमिक सुविधाएं देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन स्थिति बहुत जटिल है।

इन यात्रियों को यह भी शिकायत है कि नेपाल में सरकार और स्थानीय प्रशासन से कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं मिल रहे हैं। वे सिर्फ कर्फ्यू के खुलने का इंतजार कर रहे हैं, जो अनिश्चित काल के लिए बढ़ सकता है।

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नेपाल में फंसे भारतीयों के लिए हेल्पलाइन नंबर क्या है?

भारतीय दूतावास ने नेपाल में हिंसा के कारण काठमांडू में फंसे हुए भारतीय नागरिकों के लिए एक हेल्पलाइन जारी की है। किसी भी मदद के लिए भारतीय दूतावास की हेल्पलाइन +977-9808602881 और +977-9810326134 पर संपर्क किया जा सकता है। इन नंबरों पर व्हाट्सएप कॉल पर भी बात की जा सकती है। यात्रियों को इस हेल्पलाइन के माध्यम से अपनी स्थिति के बारे में जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही, दूतावास ने इस स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने का वादा किया है। दूतावास के अधिकारी ने यात्रियों से धैर्य रखने और सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन करने की अपील की है।

जेन जी कौन होते हैं?

  • जेनरेशन Z (Gen Z): यह एक पीढ़ी है, जिसमें वे लोग शामिल हैं जिनका जन्म 1997 से 2012 के बीच हुआ है। आज के समय में ये लोग ज्यादातर किशोर और युवा हैं।

  • डिजिटल दुनिया में बड़े हुए: Gen Z लोग इंटरनेट, स्मार्टफोन, सोशल मीडिया और डिजिटल टेक्नोलॉजी के साथ बड़े हुए हैं।

  • सोशल मीडिया पर एक्टिव: इस पीढ़ी के लोग सोशल मीडिया पर सबसे अधिक एक्टिव रहते हैं, और इसे अपनी आवाज और पहचान बनाने का एक प्रमुख प्लेटफॉर्म मानते हैं।

Gen Z की खासियत:

  • सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर: Gen Z वाले युवा सोशल मीडिया पर कंटेंट बनाने, नए आइडियाज सोचने और क्रिएटिव काम करने में माहिर होते हैं। ये लोग फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसे प्लेटफार्म्स पर अपनी क्रिएटिविटी दिखाते हैं।

  • सोशल इश्यूज पर जागरूकता: जेन Z जेंडर इक्वालिटी, पर्यावरण और समाज के अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी आवाज उठाते हैं। वे ऑनलाइन कैंपेन और मूवमेंट्स चला कर समाज में बदलाव लाने की कोशिश करते हैं।

  • नई चीजों को अपनाना: Gen Z के लोग हमेशा नए ट्रेंड्स और कल्चर को अपनाने में अग्रसर रहते हैं। वे सोशल मीडिया के माध्यम से अपना कल्चर सेट करते हैं और लगातार नई चीजें ट्राय करते रहते हैं।

  • क्रिएटिविटी पर फोकस: इस पीढ़ी के लोग अपनी क्रिएटिविटी पर ज्यादा ध्यान देते हैं और अपनी प्रेजेंटेशन स्किल्स को निरंतर सुधारते रहते हैं।

  • टेक्नोलॉजी में सबसे आगे: Gen Z के युवा तकनीकी दुनिया में सबसे तेज और अपडेटेड रहते हैं।

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राजस्थान सरकार ने स्थिति पर चिंता जताई

राजस्थान सरकार ने भी इस स्थिति पर चिंता जताई है और अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे काठमांडू में फंसे यात्रियों से संपर्क बनाए रखें। राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि वे नेपाल सरकार के साथ मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए काम करेंगे। उन्होंने यात्रियों से अपील की है कि वे राहत और मदद के लिए भारतीय दूतावास के साथ सहयोग करें।

FAQ

1. काठमांडू में राजस्थान के कितने यात्री फंसे हुए हैं?
राजस्थान के लगभग 4 हजार यात्री काठमांडू में फंसे हुए हैं, जिनमें से 700 जयपुर के हैं।
2. काठमांडू में राजस्थान समेत भारत के यात्री क्यों फंसे हैं?
नेपाल में जारी हिंसा और कर्फ्यू के कारण काठमांडू एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स रद्द हो गईं, जिसके कारण यात्री फंसे हुए हैं।
3. नेपाल में जयपुर के यात्री किस स्थिति में हैं?
जयपुर के लगभग 230 यात्री काठमांडू एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं और उन्हें कर्फ्यू खुलने का इंतजार है।
4. नेपाल में फंसे भारत के यात्रियों को किस प्रकार की मदद मिल रही है?
यात्रियों को भारतीय दूतावास की हेल्पलाइन द्वारा सहायता मिल रही है। साथ ही, होटल और धर्मशालाओं में उनकी ठहरने की व्यवस्था की जा रही है।
5. काठमांडू में फंसे यात्रियों के लिए भारत सरकार क्या कदम उठा रही है?
राजस्थान सरकार और भारतीय दूतावास मिलकर इस स्थिति से निपटने के लिए उपाय कर रहे हैं और यात्रियों को जल्द घर लौटने की व्यवस्था करने का प्रयास कर रहे हैं।

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