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Photograph: (TheSootr)
नेपाल में पिछले कुछ दिनों से जारी राजनीतिक और सामाजिक बवाल (Nepal Gen-Z Protest) के कारण काठमांडू एयरपोर्ट पर सैकड़ों भारतीय यात्री फंसे हुए हैं। इनमें से अधिकांश यात्री राजस्थान के हैं, जिनमें लगभग 700 जयपुर के हैं। ये सभी यात्री 10 दिन पहले अयोध्या से धार्मिक पर्यटन के लिए नेपाल गए थे। इन यात्रियों को मंगलवार को गयाजी (Gaya) में आना था, लेकिन नेपाल में जारी हिंसा और हड़ताल के कारण उनकी फ्लाइट्स कैंसल हो गईं, जिससे यात्री काठमांडू एयरपोर्ट पर फंस गए हैं।
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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जताई चिंता
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल ने नेपाल में फंसे भारतीयों और राजस्थान के लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया X पर आगे लिखा कि नेपाल में रह रहे सभी प्रवासी राजस्थानियों से अपील है कि काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के सतत संपर्क में बने रहें और भारत सरकार द्वारा जारी की जा रही एडवाइजरी का पालन अवश्य करें। भारत सरकार प्रत्येक देशवासी की सुरक्षा तथा सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध है।
नेपाल में हुई हिंसा हृदय विदारक है। वहाँ उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए हमारी सरकार वहाँ फंसे राजस्थानी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। मैंने काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क कर वहाँ की वर्तमान परिस्थितियों की जानकारी ली है।
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) September 9, 2025
नेपाल में रह रहे सभी प्रवासी… pic.twitter.com/mM7woIZs5L
नेपाल में भारतीय यात्री कैसे फंसे?
यह घटनाक्रम कुछ दिन पहले तब शुरू हुआ जब नेपाल में अचानक राजनीतिक और सामाजिक संघर्ष तेज हो गया। ऐसे में देश में उथल-पुथल मच गई और काठमांडू सहित अन्य प्रमुख शहरों में कर्फ्यू लगाना पड़ा। इसके परिणामस्वरूप, राजस्थान के हजारों यात्री काठमांडू एयरपोर्ट और अन्य स्थानों पर फंसे हुए हैं। इनमें से कुछ यात्री होटल और धर्मशालाओं में ठहरे हुए हैं, जबकि काठमांडू एयरपोर्ट पर कई यात्री भूखे-प्यासे भी हैं।
नेपाल में फंसे जयपुर के यात्री घनश्याम शर्मा ने बताया कि उन्हें कहा गया है कि कर्फ्यू खुलने के बाद ही यात्रा जारी की जाएगी, लेकिन कर्फ्यू कब खुलेगा, इसकी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। इसका मतलब है कि इन यात्रियों को काठमांडू में अनिश्चितकाल तक फंसे रहना पड़ सकता है। इसके कारण उनकी यात्रा की योजना बुरी तरह से प्रभावित हुई है।
जयपुर के 230 यात्री भी नेपाल में फंसे
जयपुर के लगभग 230 यात्री काठमांडू एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं। इनमें से कुछ यात्री होटल और अन्य आवास स्थलों पर ठहरे हैं, जबकि कई एयरपोर्ट पर ही मदद का इंतजार कर रहे हैं। इन यात्रियों में घनश्याम शर्मा जैसे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर स्थिति बहुत तनावपूर्ण है। यात्री और उनके परिवारजन एक दूसरे से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन संचार की स्थिति भी खराब है।
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काठमांडू एयरपोर्ट पर क्या स्थिति है?
काठमांडू एयरपोर्ट पर अराजकता का माहौल है। एयरपोर्ट के बाहर यात्रियों की भारी भीड़ और हंगामा हो रहा है। रामशरण शर्मा और हाबूदेवी जैसे यात्री जो एयरपोर्ट के बाहर खड़े थे, उन्होंने बताया कि पूरे एयरपोर्ट पर दहशत का माहौल बना हुआ है। वे करीब 10 घंटे तक भूखे-प्यासे एयरपोर्ट के बाहर खड़े रहे। एयरपोर्ट की स्थिति इतनी बुरी हो गई कि कुछ यात्रियों को अस्पताल भी जाना पड़ा, क्योंकि उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो रही थीं।
इस कठिन स्थिति में, यात्रियों को किसी प्रकार की राहत मिलने का कोई स्पष्ट संकेत नहीं है। उन्हें सिर्फ यह बताया गया है कि कर्फ्यू खुलने के बाद ही उनकी यात्रा को आगे बढ़ाया जा सकेगा। लेकिन कर्फ्यू कब खुलेगा, यह एक बड़ा सवाल है।
नेपाल में हिंसा क्यों हो रही है?
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नेपाल में फंसे राजस्थानी लोगों के परिजन भी परेशान
इन घटनाओं से केवल यात्री ही नहीं, बल्कि उनके परिवारजन भी मानसिक तनाव में हैं। राजस्थान के विभिन्न शहरों से यात्रा पर गए ये लोग अब अपने घरों की ओर लौटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। खासकर जयपुर के यात्रियों को इस स्थिति से सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है, क्योंकि उन्हें श्राद्ध पक्ष में गयाजी पहुंचने की उम्मीद थी। अब, यह सब अव्यवस्थित हो गया है और वे अपने परिवारों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस स्थिति में भारतीय सरकार और नेपाल सरकार को इस स्थिति का समाधान जल्दी से जल्दी निकालने की आवश्यकता है। यात्रियों को सही तरीके से मार्गदर्शन और सहायता मिलनी चाहिए ताकि वे सुरक्षित रूप से घर लौट सकें।
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नेपाल में फंसे भारतीय किस प्रकार की सहायता चाहते हैं?
Gen Z आंदोलन नेपाल के कारण काठमांडू में फंसे इन यात्रियों की प्राथमिक आवश्यकता है एक स्थिर और सुरक्षित मार्ग। वे चाहते हैं कि उनके लिए जल्द से जल्द फ्लाइट्स उपलब्ध करवाई जाएं ताकि वे घर लौट सकें। इसके अलावा, इन यात्रियों को मेडिकल सहायता, भोजन, और पानी की भी सख्त जरूरत है। काठमांडू एयरपोर्ट और आसपास के क्षेत्रों में स्थित होटल, धर्मशालाएं इन यात्रियों को प्राथमिक सुविधाएं देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन स्थिति बहुत जटिल है।
इन यात्रियों को यह भी शिकायत है कि नेपाल में सरकार और स्थानीय प्रशासन से कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं मिल रहे हैं। वे सिर्फ कर्फ्यू के खुलने का इंतजार कर रहे हैं, जो अनिश्चित काल के लिए बढ़ सकता है।
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नेपाल में फंसे भारतीयों के लिए हेल्पलाइन नंबर क्या है?
भारतीय दूतावास ने नेपाल में हिंसा के कारण काठमांडू में फंसे हुए भारतीय नागरिकों के लिए एक हेल्पलाइन जारी की है। किसी भी मदद के लिए भारतीय दूतावास की हेल्पलाइन +977-9808602881 और +977-9810326134 पर संपर्क किया जा सकता है। इन नंबरों पर व्हाट्सएप कॉल पर भी बात की जा सकती है। यात्रियों को इस हेल्पलाइन के माध्यम से अपनी स्थिति के बारे में जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही, दूतावास ने इस स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने का वादा किया है। दूतावास के अधिकारी ने यात्रियों से धैर्य रखने और सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन करने की अपील की है।
जेन जी कौन होते हैं?
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राजस्थान सरकार ने स्थिति पर चिंता जताई
राजस्थान सरकार ने भी इस स्थिति पर चिंता जताई है और अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे काठमांडू में फंसे यात्रियों से संपर्क बनाए रखें। राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि वे नेपाल सरकार के साथ मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए काम करेंगे। उन्होंने यात्रियों से अपील की है कि वे राहत और मदद के लिए भारतीय दूतावास के साथ सहयोग करें।