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Photograph: (TheSootr)
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (Staff Selection Board) के अध्यक्ष आलोक राज ने हाल ही में राजस्थान में आने वाले समय में टेबलेट्स (Tablets) पर भर्ती परीक्षा लेने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द ही टेबलेट्स पर परीक्षा आयोजित की जाएगी और इसके लिए परीक्षण (Testing) भी चल रहे हैं। इस फैसले के तहत, उम्मीद जताई गई है कि बोर्ड आने वाले वर्षों में एक साथ 30,000 से 40,000 छात्रों (Students) के लिए टेबलेट्स पर परीक्षा आयोजित करेगा।
यह पहल शिक्षा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम मानी जा रही है, क्योंकि इससे परीक्षा प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सकेगा। यह तकनीकी बदलाव न केवल छात्रों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि परीक्षा की गुणवत्ता (Quality of Exam) और पारदर्शिता को भी बढ़ाएगा।
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टेबलेट्स पर परीक्षा की तैयारी
आलोक राज (Alok Raj Staff Selection Board Chairman) ने बीकानेर में ग्रेड चार (Grade 4) की परीक्षा की तैयारी के संबंध में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इस पहल के तहत टेबलेट्स पर परीक्षा देने के लिए अब तक कई परीक्षण किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान में वर्तमान में कुल 20,000 कंप्यूटर (Computers) हैं, जो निजी कॉलेजों और स्कूलों (Private Colleges and Schools) में स्थित हैं। हालांकि, इतनी बड़ी संख्या में कंप्यूटर की आवश्यकता है, जिससे टेबलेट्स (Tablets) का विकल्प चुना गया है।
राज ने यह भी कहा कि इसके लिए पहले चरण में 10,000 से 15,000 टेबलेट्स (Tablets) तैयार किए जाएंगे। बाद में इस संख्या को और बढ़ाया जाएगा, ताकि प्रदेशभर में परीक्षा की प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सके।
इस बारे में राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के चैयरमैन आलोक राज ने कहा कि आने वाले कुछ वर्षों में राजस्थान में टेबलेट्स पर एग्जाम होंगे। इसके लिए परीक्षण चल रहा है और जल्दी ही पॉजिटिव रिजल्ट सामने आएंगे। फिलहाल हम व्यवस्था के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसमें नकल रोकने का परीक्षण भी किया जा रहा है। भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ियां रोकने के लिए वीडियोग्राफी, बायोमैट्रिक्स जैसे उपाय किए जा रहे हैं।
टेबलेट्स आधारित परीक्षा का लाभ
टेबलेट्स पर परीक्षा लेने से कई लाभ हो सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से यह सुविधा होगी कि परीक्षा का समय कम होगा, क्योंकि परीक्षा का आयोजन डिजिटल रूप में किया जाएगा। इसके अलावा, नकल की समस्याएं (Cheating Issues) भी कम हो जाएंगी, क्योंकि सभी परीक्षा सामग्री ऑनलाइन होगी, और इसे मॉनिटर किया जा सकेगा।
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राजस्थान भर्ती परीक्षा में नकल रोकने के उपाय
आलोक राज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राजस्थान में परीक्षा के दौरान नकल (Cheating) की समस्या को खत्म करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि अब डमी उम्मीदवारों (Dummy Candidates) की समस्या को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। पहले ऐसी समस्याएं सामने आती थीं, लेकिन अब बायोमेट्रिक और फेस स्कैनिंग (Biometric and Face Scanning) के जरिए इन समस्याओं को सुलझा लिया गया है।
उन्होंने बताया कि परीक्षा केंद्रों (Exam Centers) पर अब बायोमेट्रिक स्कैनिंग और फेस स्कैनिंग की प्रक्रिया लागू की जा रही है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल असली उम्मीदवार ही परीक्षा में बैठ सकेंगे। इसके अलावा, परीक्षा के दौरान उम्मीदवार का फोटो (Photo) और लाइव फोटो (Live Photo) लिया जाएगा, जिसे बायोमेट्रिक डाटा से मिलाकर देखा जाएगा। इससे डमी उम्मीदवारों का पूरी तरह से निष्कासन (Elimination) हो जाएगा।
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड क्या है?
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पेपर लीक की समस्या से निपटना
परीक्षा के पेपर लीक (Paper Leak) होने की समस्या भी राज्य में एक गंभीर मुद्दा था। लेकिन आलोक राज ने बताया कि अब पेपर प्रिंटिंग और पेपर वितरण (Paper Distribution) की व्यवस्थाओं में पहले से ज्यादा सुधार किया गया है। अब तक यह पता नहीं चलता कि किसी भी केंद्र (Center) पर कौन सा पेपर सेट (Paper Set) भेजा गया है। इस पहल से पेपर लीक की समस्या (Paper Leak Problem) को काफी हद तक समाप्त कर दिया गया है।
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड नौकरी को लेकर राज ने यह भी बताया कि अब सभी सेंटर्स को एक घंटे पहले बंद किया जा रहा है, और परीक्षा के सभी कार्यों की वीडियोग्राफी (Videography) की जाएगी। इससे हर गतिविधि को रिकॉर्ड किया जाएगा और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी (Fraud) की संभावना कम हो जाएगी।
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ड्रेस कोड और उम्मीदवारों के लिए निर्देश
आलोक राज ने यह भी कहा कि अब परीक्षा के दौरान ड्रेस कोड (Dress Code) को लेकर कोई परेशानी नहीं होती है। उम्मीदवारों से अपील की गई है कि वे परीक्षा के दौरान उस स्थान पर मेहंदी (Henna) न लगाएं, जहां से बायोमेट्रिक स्कैनिंग (Biometric Scanning) होती है। उन्होंने कहा कि हाथों की पोरों पर मेहंदी लगाने से स्कैनिंग में परेशानी हो सकती है।
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड परीक्षा के दौरान महिलाओं (Women Candidates) के लिए सलाह दी गई है कि वे अपनी अंगुलियों में मेहंदी न लगाएं, जहां से बायोमेट्रिक स्कैनिंग होती है। इस संबंध में यदि किसी उम्मीदवार के हाथों में मेहंदी है, तो उसे फेस स्कैनिंग (Face Scanning) के लिए बुलाया जाएगा, ताकि किसी प्रकार की कोई गलती न हो।
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टेबलेट्स पर परीक्षा के माध्यम से सुधार
राजस्थान में टेबलेट्स पर परीक्षा आयोजित करने के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में सुधार (Educational Reforms) लाना है। यदि यह पहल सफल रहती है, तो आने वाले समय में अन्य राज्य भी इसे अपनाने की दिशा में कदम उठा सकते हैं।