राजस्थान में बिना अनुमति बोरवेल या ट्यूबवेल खोदा तो आ जाएंगे संकट में, जानें पूरा मामला

राजस्थान सरकार ने 2024 में भू-जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए एक नया विधेयक पारित किया है, जो बोरवेल-ट्यूबवेल खुदाई के लिए अनुमति लेना अनिवार्य करता है। बिना अनुमति के बोरवेल खुदाई पर सख्त जुर्माना और सजा का प्रावधान किया गया है।

author-image
Nitin Kumar Bhal
New Update
rajasthan-groundwater-conservation-and-management-bill 2024

Photograph: (TheSootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

राजस्थान के जल संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने राजस्थान भू-जल (संरक्षण एवं प्रबंध) प्राधिकरण विधेयक 2024 को पारित किया है। यह विधेयक राजस्थान में जल संकट की गंभीरता को देखते हुए लाया गया है, जहां लगातार बढ़ते पानी के उपयोग और भू-जल के अत्यधिक दोहन से जल स्तर में गिरावट आ रही है। इस विधेयक के माध्यम से सरकार ने बोरवेल और ट्यूबवेल खुदाई के लिए एक स्पष्ट और सख्त कानूनी ढांचा तैयार किया है, जो पानी की अधिक खपत और भू-जल की गिरावट पर काबू पाने में मदद करेगा।

यह खबरें भी देखें... 

Nepal Gen-Z Protest : नेपाल में फंस गई राजस्थान की यह विधाय​क, हजारों अन्य भी फंसे

भू-जल संरक्षण और प्रबंधन विधेयक का उद्देश्य क्या है?

राजस्थान राज्य, जो पहले से ही जल संकट से जूझ रहा है, ने इस विधेयक के माध्यम से भू-जल का संरक्षित और संतुलित उपयोग सुनिश्चित करने की कोशिश की है। भू-जल का संरक्षण (Groundwater Conservation) और संवर्धन (Recharge) के उद्देश्य से इस विधेयक को लाया गया है।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू-जल मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने विधेयक को राजस्थान विधानसभा में प्रस्तुत करते हुए कहा कि जल हमारे जीवन का मूल आधार है, लेकिन राज्य जल संकट से जूझ रहा है। अत: भू-जल का संरक्षण, संवर्धन और प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है।

rajasthan-groundwater-conservation-and-management-bill 2024
Photograph: (TheSootr)

राजस्थान के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि जल हमारे जीवन का मूल आधार है, लेकिन राज्य जल संकट से जूझ रहा है इसलिए भू-जल का संरक्षण, संवर्धन व प्रबंधन अति आवश्यक है। हमारा नैतिक दायित्य है कि भू-जल बचाने के लिए सामूहिक रूप से आगे बढ़ें।

राजस्थान भू-जल प्राधिकरण का गठन

इस विधेयक के तहत, राज्य भू-जल प्राधिकरण (State Groundwater Authority) का गठन किया जाएगा। यह प्राधिकरण जल संसाधन प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के जानकारों से बना होगा। इस प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य भू-जल संरक्षण (Groundwater Conservation), संपन्नता (Sustainability) और प्रबंधन (Management) के दिशा-निर्देशों को लागू करना होगा।

यह खबरें भी देखें... 

सांवलिया सेठ का भंडार 28 करोड़ के पार, जानें श्रद्धालुओं ने कितना चढ़ाया सोना-चांदी

rajasthan-groundwater-conservation-and-management-bill 2024
Photograph: (TheSootr)

प्राधिकरण की संरचना

प्राधिकरण में प्रमुख पदों पर उन व्यक्तियों को नियुक्त किया जाएगा, जिनके पास जल संसाधन (Water Resources) और इंजीनियरिंग (Engineering) के क्षेत्र में पर्याप्त अनुभव हो। इस प्राधिकरण के अध्यक्ष को मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव, सचिव या मुख्य अभियंता के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इसके साथ ही इसमें दो विधायक और जल संसाधन प्रबंध में 20 साल से अधिक अनुभव रखने वाले दो विशेषज्ञ भी सदस्य होंगे।

राजस्थान में बोरवेल-ट्यूबवेल की अनुमति के नए नियम

राजस्थान में औद्योगिक और वाणिज्यिक उपयोग के लिए बोरवेल (Borewell) और ट्यूबवेल (Tubewell) की खुदाई के लिए अनुमति लेना (Obtain Permission) अनिवार्य होगा। यह नियम उन सभी लोगों पर लागू होगा, जो जल का उपयोग बड़े पैमाने पर करने के लिए इन संरचनाओं का निर्माण कर रहे हैं। बिना अनुमति के बोरवेल या ट्यूबवेल खुदाई करने पर 50 हजार रुपये जुर्माना (Fine of 50 Thousand Rupees) किया जाएगा और पुनरावृत्ति पर यह जुर्माना बढ़कर 1 लाख रुपये तक पहुंच सकता है।

rajasthan-groundwater-conservation-and-management-bill 2024
Photograph: (TheSootr)

छूट के प्रावधान

इस नियम से घरेलू उपयोग (Domestic Use) और कृषि उपयोग (Agricultural Use) को मुक्त रखा गया है। इसके अलावा, लोकहित (Public Welfare) में भू-जल निकासी के लिए भी किसी प्रकार की अनुमति नहीं होगी।

राजस्थान भू-जल प्राधिकरण के कार्य क्या हैं?

राजस्थान भू-जल प्राधिकरण को निम्नलिखित कार्य दिए जाएंगे:

  • जल संबंधित सुझाव (Water-related Suggestions) देने के लिए प्राधिकरण सरकार को मार्गदर्शन करेगा।

  • बोरवेल-ट्यूबवेल की मंजूरी के लिए एक सिस्टम-मैकेनिज्म (System Mechanism) तैयार करेगा।

  • आम जनता को जागरूक करने (Awareness) और तथ्यों की जानकारी (Information) देने के लिए नियमित रिपोर्ट जारी करेगा।

  • भू-जल उपयोग (Groundwater Usage) और गुणवत्ता मापने के लिए सिफारिश करेगा।

  • भू-जल दोहन दर के निर्धारण में सहयोग (Cooperation) करेगा।

rajasthan-groundwater-conservation-and-management-bill 2024
Photograph: (TheSootr)

राजस्थान में जिला स्तर पर भू-जल प्रबंधन

राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि जिला स्तर पर (At District Level) भू-जल संरक्षण और प्रबंधन समिति (District Groundwater Conservation and Management Committee) बनाई जाएगी। इस समिति का काम जल स्तर के मुद्दे को स्थानीय स्तर पर हल करना होगा। यह समिति भू-जल संरक्षण योजनाएं (Groundwater Conservation Plans) तैयार करेगी और स्थान विशेष के लिए निर्णय (Decisions for Specific Areas) लेगी।

आवेदन प्रक्रिया

बोरवेल और ट्यूबवेल के निर्माण के लिए प्राधिकरण में आवेदन (Application in Authority) करना अनिवार्य होगा। आवेदन के साथ फीस (Fee) भी जमा करनी होगी। इस प्रक्रिया से समान रूप से जल का वितरण (Equitable Water Distribution) सुनिश्चित किया जाएगा।

यह खबरें भी देखें... 

राजस्थान ऊर्जा विभाग ने निकाली 2163 पदों पर भर्ती, जानें कैसे करें आवेदन

राजस्थान में भूजल की क्या स्थिति है?

  • भूजल की स्थिति चिंताजनक

    • केंद्रीय भूजल बोर्ड (CGWB) के अनुसार, 2023 में राजस्थान ने अपने वार्षिक भूजल पुनर्भरण का 149% दोहन किया, जो अत्यधिक दोहन को दर्शाता है।

    • राज्य का लगभग 70% हिस्सा पानी की भारी कमी से जूझ रहा है और कई ब्लॉक 'डार्क जोन' में हैं, जिससे जल संकट और बढ़ रहा है।

  • अत्यधिक दोहन और जल स्तर में गिरावट

    • 2023 में, राजस्थान ने पुनर्भरण से अधिक पानी निकाला, यानी हर एक लीटर पुनर्भरण के लिए 1.49 लीटर पानी निकाला गया।

    • राज्य के 295 ब्लॉकों में से 184 ब्लॉक 'डार्क जोन' में हैं, जहां जल संकट गंभीर हो सकता है।

    • पंजाब और हरियाणा के साथ राजस्थान भी उन राज्यों में शामिल है जहाँ भूजल स्तर में गिरावट आई है।

  • अन्य समस्याएं

    • शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्र: राजस्थान का लगभग 70% हिस्सा शुष्क और अर्ध-शुष्क है, जिससे जल संसाधन और भी सीमित हो जाते हैं।

    • यूरेनियम संदूषण: राजस्थान के भूजल में यूरेनियम की उच्च मात्रा भी चिंता का कारण बन रही है, जिससे पानी असुरक्षित हो सकता है।

  • सकारात्मक संकेत

    • हालिया सुधार: कुछ क्षेत्रों में भूजल स्तर में सुधार देखा गया है। 2024 की पोस्ट-मानसून रिपोर्ट के अनुसार, मानसून के बाद भूजल स्तर में सुधार हुआ है। इससे राजस्थान में भू-जल संकट से थोड़ी राहत मिली है। हालांकि औसत गहराई अब भी 23.01 मीटर है। 

    • कुछ ब्लॉकों में सुधार: करौली, सिरोही, जोधपुर, सीकर, नागौर और टोंक जिलों के कुछ ब्लॉकों में भूजल स्तर में सुधार दर्ज किया गया है।

उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई

इस विधेयक में उल्लंघन करने वालों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है:

  • बिना अनुमति के बोरवेल/ट्यूबवेल खुदाई करने पर 50 हजार रुपए जुर्माना लगेगा।

  • यदि अपराध दोहराया जाता है, तो जुर्माना 5 गुना बढ़ सकता है।

  • बार-बार अपराध करने पर 6 माह तक सजा और 1 लाख रुपए जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

rajasthan-groundwater-conservation-and-management-bill 2024
Photograph: (TheSootr)

यह खबरें भी देखें... 

क्या राजस्थान को लेकर झूठ बोल रही भाजपानीत मोदी सरकार! केन्द्र और राज्य के मंत्रियों में ठनी

हर तीन वर्ष में भू-जल संरक्षण और प्रबंधन योजना की समीक्षा

राज्य में हर तीन वर्ष में भू-जल संरक्षण और प्रबंधन योजना (Groundwater Conservation and Management Plan) की समीक्षा की जाएगी। इसमें जल स्तर, गुणवत्ता, पुनर्भरण (Recharge), और दोहन (Extraction) का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल मंत्री कन्हैया लाल चौधरी राजस्थान में भूजल की क्या स्थिति है राजस्थान में भू-जल संकट राजस्थान भू-जल (संरक्षण एवं प्रबंध) प्राधिकरण विधेयक 2024 राजस्थान विधानसभा
Advertisment<>