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राजस्थान में मेडिकल कॉलेजों के खुलने के बावजूद एक बड़ी समस्या फैकल्टी की कमी बनी हुई है। सरकारी और राजमेस (राजस्थान चिकित्सा शिक्षा सोसाइटी) के मेडिकल कॉलेजों में शिक्षक की कमी के कारण छात्रों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा में कठिनाई हो रही है।
दैनिक भास्कर में प्रकाशित पत्रकार सुरेंद्र स्वामी की रिपोर्ट में बताया गया है कि नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) ने इस कमी के कारण 23 मेडिकल कॉलेजों पर करीब 2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। इन कॉलेजों में 6 सरकारी और 17 राजमेस के कॉलेज शामिल हैं।
फैकल्टी की कमी के कारण जुर्माना
एनएमसी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इन कॉलेजों में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर बड़ी संख्या में रिक्तियां हैं। 23 कॉलेजों में से प्रत्येक पर 2 लाख रुपये से लेकर 12 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है। इन कॉलेजों में प्रमुख रूप से अजमेर मेडिकल कॉलेज पर सबसे अधिक ₹5,59,000 जुर्माना लगाया गया है।
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फैकल्टी की कमी से मेडिकल शिक्षा पर असर
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी के कारण मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ रहा है। अगर यही स्थिति बनी रही तो आने वाले समय में डॉक्टरों की गुणवत्ता पर सवाल उठ सकते हैं।
विद्यार्थियों को उचित मार्गदर्शन न मिलने के कारण उनकी शिक्षा अधूरी रह सकती है। इससे न केवल छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा, बल्कि अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों की क्षमता भी कम हो जाएगी, जो मरीजों के इलाज पर असर डाल सकती है। राजस्थान के मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी को पूरा करना आवश्यक है।
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क्या है स्थिति
राजमेस के आंकड़ों के अनुसार, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर जैसे पदों पर 40% से अधिक रिक्तियां हैं। यह स्थिति केवल मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी को ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र को प्रभावित कर रही है।
कितने पद रिक्त हैं?
पदनाम | स्वीकृत पद | कार्यरत पद | रिक्त पद |
---|---|---|---|
प्रोफेसर | 443 | 169 | 274 |
एसोसिएट प्रोफेसर | 780 | 187 | 593 |
असिस्टेंट प्रोफेसर | 1226 | 498 | 728 |
जुर्माना और मेडिकल शिक्षा सचिव की प्रतिक्रिया
राजमेस के संचालित कॉलेजों पर फैकल्टी की कमी को लेकर जुर्माना लगाया गया है। इस बारे में चिकित्सा शिक्षा सचिव अंबरीष कुमार ने कहा, "हम मेडिकल कॉलेजों में भर्ती प्रक्रिया पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। अब फिर से भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, ताकि जल्दी से जल्दी खाली पदों को भरा जा सके।"
राजमेस के कॉलेजों पर जुर्माना
राजमेस के द्वारा संचालित कई कॉलेजों में फैकल्टी की कमी के कारण जुर्माना लगाया गया है। इन कॉलेजों में प्रमुख रूप से हनुमानगढ़, बूंदी, अलवर, करौली, सिरोही, श्रीगंगानगर, धौलपुर, झालावाड़, भीलवाड़ा, बाड़मेर, डूंगरपुर, पाली, चूरू, दौसा, सीकर और चित्तौड़गढ़ के कॉलेज शामिल हैं। इनमें से अधिकांश कॉलेजों पर ₹12 लाख तक का जुर्माना लगाया गया है।
कॉलेज | जुर्माना राशि |
---|---|
हनुमानगढ़ | ₹12 लाख |
बूंदी | ₹12 लाख |
अलवर | ₹12 लाख |
करौली | ₹12 लाख |
सिरोही | ₹12 लाख |
श्रीगंगानगर | ₹12 लाख |
धौलपुर | ₹12 लाख |
झालावाड़ | ₹4 लाख |
भीलवाड़ा | ₹3 लाख |
बाड़मेर | ₹3 लाख |
डूंगरपुर | ₹3 लाख |
पाली | ₹3 लाख |
चूरू | ₹3 लाख |
दौसा | ₹2 लाख |
सीकर | ₹2 लाख |
चित्तौड़गढ़ | ₹2 लाख |
क्वालिटी मेडिकल शिक्षा जरूरी
राजस्थान में मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए अधिक फैकल्टी की भर्ती बेहद जरूरी है। मेडिकल कॉलेजों में योग्य शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा में कमी हो रही है। भविष्य में, अगर इस कमी को समय रहते पूरा नहीं किया गया, तो राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
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