राजस्थान में खाद संकट और किसानों का दर्द : महिलाएं भी लाइन में, फिर भी लौट रहे मायूस

राजस्थान में खाद संकट गहरा गया है। किसान तड़के 3 बजे से कतारों में लग रहे हैं, फिर भी अधिकांश को खाद नहीं मिल पा रही है। इस स्थिति में महिलाएं भी खाद के लिए परेशान हैं। जानें इस संकट के बारे में पूरा विवरण TheSootr पर।

author-image
Gyan Chand Patni
New Update
khad
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

राजस्थान में इस समय खाद का संकट गहरा गया है। रबी फसल की बुवाई के समय किसान खाद की कमी से जूझ रहे हैं। इसके कारण किसानों को तड़के 3 बजे से कतारों में लगना पड़ रहा है, लेकिन फिर भी अधिकांश किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। 
राजस्थान के कई क्षेत्रों में जैसे भरतपुर जिले में, खाद की आपूर्ति में भारी कमी देखी जा रही है। परिणामस्वरूप, किसान 9-10 घंटे तक कतारों में खड़े रहते हैं, लेकिन फिर भी खाली हाथ घर लौटते हैं।

महिलाएं भी लग रही कतार में

भरतपुर में खाद के लिए लंबी कतारों में सिर्फ पुरुष ही नहीं, बल्कि महिलाएं भी शामिल हैं। इस मुद्दे ने महिलाओं को भी प्रभावित किया है। उन्हें भी 3 बजे से ही कतार में लगना पड़ता है और अत्यधिक भीड़ के कारण उन्हें धक्के भी खाने पड़ते हैं। भीड़ में अधिक दबाव और गर्मी के कारण कई महिलाएं बेहोश हो जा रही हैं।  

ये खबर भी पढ़ें

राजस्थान के श्रवण का अजीबोगरीब प्रार्थना-पत्र : मेरी शादी करवा दो, ताकि माता-पिता की सेवा हो सके

पीएम मोदी देंगे राजस्थान और मध्यप्रदेश को सौगात, शुरू करेंगे 1.21 लाख करोड़ की परियोजनाएं

खाद वितरण केंद्रों पर हालात  

राज्य सरकार की ओर से पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद की आपूर्ति नहीं हो रही है, जिसके कारण किसान परेशान हैं। अधिकतम किसानों की जरूरत के मुकाबले खाद की आपूर्ति बहुत कम है।

भरतपुर में एक केंद्र पर खाद के 2000 कट्टे आए, लेकिन यह संख्या इतनी कम थी कि सभी किसानों को खाद नहीं मिल पाई। खाद वितरण केंद्रों पर भारी भीड़ जमा हो गई। सुबह से लेकर दोपहर तक किसान वहीं खड़े रहे, लेकिन खाद मिलने में समय लगा।

बुलानी पड़ रही पुलिस 

केंद्रों पर भीड़ की स्थिति इतनी खराब हो गई कि पुलिस को बुलाना पड़ा। सुबह साढ़े नौ बजे जब केंद्र खुला, तो हजारों की संख्या में किसान वहां पहुंच गए। पुलिसकर्मियों को भीड़ नियंत्रित करने में काफी मुश्किलें आईं। अंत में, कोतवाली थाना प्रभारी विनोद मीणा को दोपहर 12 बजे के बाद पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालना पड़ा। किसानों को खिड़की से खींचकर हटाया गया, जिससे अंततः खाद का वितरण संभव हुआ।

 निराश किसान और सरकार से अपेक्षा  

खाद संकट ने किसानों को निराश किया है, खासकर उन किसानों को जो अपने खेतों में समय पर बुवाई करने के लिए खाद की आवश्यकता महसूस कर रहे थे।

उनका कहना है कि सरकार को तत्काल खाद की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि बुवाई के मौसम में कोई रुकावट न हो। इस समस्या का समाधान किए बिना किसानों के लिए आगे का समय और भी कठिन हो सकता है।

ये खबर भी पढ़ें

राजस्थान में एमबीबीएस और बीडीएस की 2511 सीटें खाली, जानें कैसे करें कॉलेज का चुनाव

यूक्रेन के कपल को भाये हिंदू रीति-रिवाज, सात फेरे के लिए राजस्थान को चुना, हर परंपरा को निभाया

नहीं हुआ समस्या का समाधान  

राजस्थान में खाद संकट है। भरतपुर में खाद संकट बना हुआ है। डीएपी की कमी के कारण किसान परेशान हैं। हालत यह है कि खाद के लिए महिलाएं भी लाइन में लग रही हैं। फिर भी निराशा हा​थ लग रही है। सरकार ने इस संकट को हल करने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी समस्या का समाधान पूरी तरह से नहीं हुआ है।

सरकार का कहना है कि जल्द ही खाद की आपूर्ति को प्राथमिकता दी जाएगी और किसानों को उनकी आवश्यकता के मुताबिक खाद उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, खाद वितरण केंद्रों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बेहतर व्यवस्था करने की आवश्यकता है।

FAQ

1. खाद संकट के कारण राजस्थान के किसानों को किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है?
राजस्थान के किसान खाद की कमी के कारण बुवाई के समय में रुकावट का सामना कर रहे हैं। वे तड़के 3 बजे से ही कतारों में लग रहे हैं, फिर भी अधिकांश किसानों को खाद नहीं मिल रही है। इसके कारण उन्हें निराश होकर घर लौटना पड़ रहा है।
2. महिलाओं को खाद के लिए क्यों परेशान होना पड़ रहा है?
महिलाएं भी खाद के लिए कतारों में खड़ी हैं, लेकिन उन्हें अत्यधिक भीड़ और गर्मी के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई महिलाओं को धक्कों के कारण चोटें आईं और कुछ बेहोश हो गईं।
3.पुलिस को क्यों बुलाना पड़ा?
कृषि केंद्रों पर भीड़ इतनी अधिक थी कि उसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा।

खाद के लिए महिलाएं भी लाइन में भरतपुर में खाद संकट राजस्थान में खाद संकट भरतपुर डीएपी की कमी खाद संकट
Advertisment