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राजस्थान के झुंझुनूं जिले के शिमला गांव में भ्रूण लिंग जांच करने के अवैध धंधे का खुलासा हुआ है। मुख्य आरोपी रविसिंह, जिसे पीसीपीएनडीटी (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) अधिनियम के तहत राज्य का दूसरा हिस्ट्रीशीटर घोषित किया गया है, पांचवीं बार इस अपराध में पकड़ा गया है।
वह अब तक करीब 10,000 से अधिक बेटियों का भ्रूण लिंग जांच करके उनका कोख में ही कत्ल करवा चुका है। इसके बावजूद उसने इस काले धंधे को छोड़ने का नाम नहीं लिया और फिर से सक्रिय हो गया।
आरोपियों की गिरफ्तारी और छापामारी
हरियाणा पीसीपीएनडीटी सेल ने बुधवार को शिमला गांव में छापामारी की और मुख्य आरोपी रविसिंह को गिरफ्तार किया। इस दौरान उमेश (अचीणा, चरखी दादरी) और भरत (रामनगर, कठुमर) को भी धरदबोचा गया। हालांकि, एक अन्य आरोपी अमित कुमार अभी भी फरार है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे लैपटॉप, मोबाइल, टैबलेट, कैमरा और अन्य सामान बरामद किए हैं।
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डिकॉय ऑपरेशन से हुआ खुलासा
झुंझुनूं पीसीपीएनडीटी कोऑर्डिनेटर आनंद कुमार के मुताबिक, एक महिला को डिकॉय बनाकर भेजा गया था, जिसकी भ्रूण जांच कराई गई। आरोपियों ने महिला को गर्भ में लड़की होने की जानकारी दी। उसी दौरान पुलिस ने दबिश देकर गिरोह को पकड़ लिया और उनकी अवैध गतिविधियों का पर्दाफाश किया।
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रविसिंह का आपराधिक इतिहास
रविसिंह सिंघाना थाना का हिस्ट्रीशीटर है और जमानत मिलने के बाद वह हर बार फिर से भ्रूण लिंग जांच के काले कारोबार में सक्रिय हो जाता है। पुलिस द्वारा की गई जांच में पता चला कि भ्रूण लिंग जांच के लिए एक सौदा 50 हजार रुपए में तय किया गया था। हालांकि, पुलिस को 26 हजार रुपए ही बरामद हुए हैं, बाकी रकम और जांच में इस्तेमाल की गई पोर्टेबल मशीन की तलाश जारी है।
पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत पांच मामले दर्ज
रविसिंह के खिलाफ पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कई मामले दर्ज हैं। वर्ष 2015 में खेतड़ी, 2016 में बिसाऊ, 2017 में बबाई, 2019 में सुलताना और 2025 में शिमला गांव में उसके खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। इनमें से दो मामलों में वह कोर्ट से बरी हो चुका है, लेकिन उसका आपराधिक सिलसिला जारी है। राजस्थान में मादा भ्रूण हत्या के मामले अब भी सामने आना चिंताजनक है।
पुलिस रिमांड और फरार आरोपी
गिरफ्तार आरोपियों को नारनौल कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। पुलिस अब फरार आरोपी अमित कुमार की तलाश कर रही है और साथ ही इस अवैध नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भी जांच कर रही है।