राजस्थान में हवाई मार्ग से पहली इंटर स्टेट टाइगर शिफ्टिंग, मध्य प्रदेश से लाई जा रही है बाघिन

राजस्थान में पहली बार हवाई मार्ग से इंटर स्टेट बाघिन शिफ्टिंग। मध्य प्रदेश से राजस्थान के मुकुंदरा और रामगढ़ टाइगर रिजर्व तक यात्रा होगी। यह टाइगर शिफ्टिंग पर बड़ी पहल मानी जा रही है।

author-image
Amit Baijnath Garg
New Update
bundi

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Bundi. राजस्थान में हवाई मार्ग से पहली बार इंट रस्टेट टाइगर शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू हो रही है। यह शिफ्टिंग मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व से राजस्थान के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व तक होगी।

इस ऐतिहासिक घटना को नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी की मंजूरी मिल चुकी है और राज्य सरकारों के सहयोग से यह प्रक्रिया जल्द पूरी होने वाली है।

छत्तीसगढ़ में टाइगर अटैक : कान्हा टाइगर रिजर्व से सटे इलाके में बाघ ने बुजुर्ग चरवाहे को बनाया शिकार

भूमिका और शिफ्टिंग की प्रक्रिया

मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव कोटा, मुकुंदरा टाइगर रिजर्व फील्ड डायरेक्टर सुगनाराम जाट और वेटरनरी चिकित्सक डॉक्टर तेजेंद्र रियाद इस महत्वपूर्ण ट्रांसलोकेशन की प्रक्रिया की निगरानी करने के लिए मध्य प्रदेश जाएंगे। 

वे इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 1 सप्ताह के भीतर बाघिन राजस्थान पहुंचेगी। यह ट्रांसलोकेशन राजस्थान का पहला इंटर स्टेट शिफ्टिंग है। इससे पहले ऐसी शिफ्टिंग अन्य राज्यों में हो चुकी हैं।

MP NEWS | रायसेन के गांव में करीब चार घंटे तक घूमता रहा टाइगर फिर जो हुआ !

क्यों है यह शिफ्टिंग महत्वपूर्ण?

राजस्थान के टाइगर रिजर्व में बाघों के जीन पूल की समस्या को देखते हुए यह शिफ्टिंग महत्वपूर्ण है। इससे बाघों के प्रजनन में विविधता आएगी और उनकी संख्या में इजाफा होगा। इस प्रक्रिया के लिए हवाई मार्ग से ट्रांसफर की अनुमति लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के प्रयासों से मिली है।

यह प्रदेश में पहली बार हवाई मार्ग से इंटर स्टेट शिफ्टिंग हो रही है, जो पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कदम है।

अब हाथियों का भी बनेगा सर्विस रिकॉर्ड: सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में अनोखी पहल

सरकार की भूमिका और आगे की योजना

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में इस ट्रांसलोकेशन को ऐतिहासिक मानते हुए प्रदेश सरकार ने बाघों के संरक्षण और उनके सुरक्षित परिवहन के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। इसके बाद कोटा के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में बाघों को शिफ्ट करने का दूसरा चरण शुरू होगा। यह दो चरणों में होगा, जिसमें पहले चरण में बाघिन को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व भेजा जाएगा और फिर अन्य टाइगर रिजर्व में उनका स्थानांतरण किया जाएगा।

सरिस्का टाइगर रिजर्व : सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होगी, बाघों की संख्या बढ़ने के साथ एरिया विस्तार की योजना

पहले इंटर स्टेट ट्रांसलोकेशन की असफलता

मध्य प्रदेश से ओडिशा तक 2018 में किए गए ट्रांसलोकेशन प्रयासों में एक बाघ और बाघिन को भेजा गया था। यह प्रयास असफल हो गया, क्योंकि बाघ की मृत्यु हो गई और बाघिन को वापस लाया गया। इसके बाद महाराष्ट्र से ओडिशा के सिमलीपाल टाइगर रिजर्व में 2024 में बाघिन की शिफ्टिंग की गई थी, जो 900 किमी की यात्रा करने के बाद सफल रही।

पेंच टाइगर रिजर्व में शराबी ने बाघ को कुत्ते की तरह सहलाया, लेकिन...

प्रमुख जानकारी

ट्रांसलोकेशन प्रक्रिया की शुरुआत : 1 दिसंबर से
शिफ्टिंग की जगह : मध्य प्रदेश से रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व
उपयोग किए जाने वाले संसाधन : आर्मी का हेलीकॉप्टर
क्या होगा : बाघिन को सॉफ्ट रिलीज किया जाएगा
अहमियत : जीन पूल को मजबूत करने की दिशा में कदम

राजस्थान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मध्य प्रदेश टाइगर ओडिशा बाघिन रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व मुकुंदरा टाइगर रिजर्व
Advertisment