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जीएसटी दरों में कटौती से राजस्थान के हस्तशिल्पियों को भी राहत की उम्मीद है। इस कदम से हस्तशिल्प उद्योग को घरेलू बाजार में बढ़ावा मिलने की संभावना है, लेकिन यह अमेरिकी टैरिफ के प्रभावों की पूरी तरह से भरपाई नहीं कर सकेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि हस्तशिल्प उद्योग अपने उत्पादों को उपभोक्ता की पसंद के अनुसार बदलता है और नए बाजारों की तलाश करता है, तो इसे मजबूती मिल सकती है।
जीएसटी कटौती से घरेलू बाजार में अवसर
जीएसटी दरों में कटौती से विशेष रूप से हस्तशिल्प निर्यातकों को फायदा होगा। अब वे अपने उत्पादों को घरेलू बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य पर पेश कर सकते हैं, जिससे बिक्री में वृद्धि हो सकती है। हालांकि, अमेरिकी टैरिफ से होने वाली क्षति की भरपाई आसान नहीं होगी। जीएसटी की दर में कमी से हस्तशिल्प निर्यातकों को मिलेगी राहत।
राजस्थान के हस्तशिल्प निर्यातकों को घरेलू मांग बढ़ने की उम्मीद। माना जा रहा है कि जीएसटी में कमी से निर्यातक घरेलू बाजार में बेहतर पकड़ बना सकते हैं। इसके साथ ही वैश्विक बाजार में अपनी उपस्थिति को फिर से स्थापित करने पर भी जोर देना होगा।
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भारत के उपभोक्ताओं के लिए नए अवसर
हस्तशिल्प निर्यात से जुड़े दिलीप बैद का मानना है कि 140 करोड़ जनसंख्या वाला भारत हस्तशिल्प उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बन सकता है। भारत का बाजार बहुत बड़ा है। इसका लाभ राजस्थान को भी मिलेगा। इसलिए घरेलू खपत की संभावना खूब है, निर्यात को बोनस के रूप में देखा जाना चाहिए, और उद्योग को घरेलू बाजार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि वैश्विक भू-राजनीतिक जोखिमों से बचा जा सके।
5% जीएसटी दर से घरेलू मांग में वृद्धि
दिल्ली में आयोजित एक सेमिनार में बैद ने कहा कि हस्तशिल्प पर जीएसटी दर घटाकर 5% करने से घरेलू मांग में तेजी आएगी। उन्होंने सुझाव दिया कि निर्माता भारतीय उपभोक्ताओं की पसंद-नापसंद का अध्ययन करें और उत्पादों को उसी हिसाब से डिजाइन करें। इससे न केवल उत्पादों की मांग बढ़ेगी, बल्कि उद्योग में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
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निर्यातक संघ की प्रतिक्रिया
राजस्थान गारमेंट निर्यातक संघ के पूर्व अध्यक्ष जाकिर हुसैन ने कहा कि जीएसटी में कमी से घरेलू बाजार में थोड़ी वृद्धि हो सकती है, लेकिन यह निर्यात में आई कमी को पूरी तरह से भर नहीं पाएगा। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह नए निर्यात बाजारों की खोज के लिए निर्यातकों को सहयोग प्रदान करे और वैश्विक व्यापार मेलों में भाग लेने के लिए आर्थिक सहायता दे।
रत्न एवं आभूषण उद्योग का दृष्टिकोण
रत्न और आभूषण उद्योग के प्रतिनिधियों ने कहा कि यदि जीएसटी दर 3% पर बरकरार रहती है, तो इसका कोई विशेष प्रभाव नहीं होगा। उनका मानना है कि इस दर में कोई परिवर्तन नहीं होने से निर्यातकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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