अल्प्राजोलम फैक्ट्री पर छापा : 60 करोड़ की नशीली दवाइयां जब्त, 3 गिरफ्तार

राजस्थान के भिवाड़ी में एटीएस, एसओजी और पुलिस ने अवैध अल्प्राजोलम फैक्ट्री पर छापा मारा। करीब 60 करोड़ रुपए की प्रतिबंधित दवाइयां जब्त। अब तक 3 आरोपी गिरफ्तार। पुलिस जता रही बड़े रैकेट की संभावना।

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Amit Baijnath Garg
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सुनील जैन @ अलवर

राजस्थान के भिवाड़ी में गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस), जयपुर स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) और भिवाड़ी पुलिस की संयुक्त टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध अल्प्राजोलम बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश किया। इस छापे में फैक्ट्री के मालिक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया और करीब 60 करोड़ रुपए मूल्य की प्रतिबंधित दवाइयां और मिक्स पाउडर जब्त किया गया।

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गुजरात एटीएस को मिली थी सूचना

गुजरात एटीएस को सूचना मिली थी कि भिवाड़ी के कहरानी औद्योगिक क्षेत्र में स्थित APL फार्मा कंपनी में बिना लाइसेंस के अल्प्राजोलम का उत्पादन हो रहा है। सूचना मिलने पर गुजरात एटीएस और जयपुर एसओजी की टीम भिवाड़ी पहुंची और स्थानीय पुलिस की मदद से फैक्ट्री पर छापा मारा। जांच के दौरान 4.850 किलोग्राम अल्प्राजोलम पाउडर और 17.250 किलोग्राम मिक्स पाउडर बरामद किया गया।

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मालिक और केमिस्ट की गिरफ्तारी

पुलिस ने फैक्ट्री के दो मालिकों और एक केमिस्ट को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के आगरा निवासी अंशुल शास्त्री, अखिलेश मौर्या और वाराणसी निवासी केमिस्ट कृष्ण कुमार यादव के रूप में हुई है। इन सभी के खिलाफ एनडीपीएस (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

अल्प्राजोलम की अवैध फैक्ट्री का रहस्य

गिरफ्तार आरोपियों ने अप्रैल, 2025 में खुशखेड़ा क्षेत्र में किराए के प्लॉट पर अवैध कारोबार शुरू किया था। बाद में दबाव के चलते नवंबर में इस अवैध सेटअप को कहरानी औद्योगिक क्षेत्र में शिफ्ट कर दिया गया, जहां उत्पादन शुरू हुआ था। आरोपियों की योजना थी कि वे बड़े पैमाने पर अल्प्राजोलम का उत्पादन करेंगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।

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पुलिस कर रही पूरे रैकेट की जांच

पुलिस अब पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है। वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि रॉ मटेरियल कहां से आ रहा था और तैयार माल की सप्लाई कहां की जाने वाली थी। जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपियों ने पहले ही बाजार में 4 किलो अल्प्राजोलम सप्लाई कर दिया था। अब पुलिस की नजरें इस रैकेट के पूरे नेटवर्क पर हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि इन अवैध पदार्थों को कहां और कैसे सप्लाई किया जाने वाला था।

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अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी से संबंध

अल्प्राजोलम एक प्रतिबंधित साइकोट्रोपिक सब्सटेंस है, जिसका दुरुपयोग नींद की गोलियों और नशीले पदार्थों के रूप में किया जाता है। इस तरह की अवैध फैक्ट्रियां अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी से जुड़ी हो सकती हैं। गुजरात एटीएस की यह कार्रवाई नशीले पदार्थों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है।

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खास बातें

  • गुजरात एटीएस को मिली सूचना के बाद जयपुर एसओजी और भिवाड़ी पुलिस ने छापे की कार्रवाई की, अल्प्राजोलम फैक्ट्री पर छापा, 60 करोड़ की प्रतिबंधित दवाइयां जब्त।
  • आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के आगरा निवासी अंशुल शास्त्री, अखिलेश मौर्या और वाराणसी निवासी केमिस्ट कृष्ण कुमार यादव के रूप में की गई है।
  • अल्प्राजोलम एक प्रतिबंधित साइकोट्रोपिक सब्सटेंस है, जिसका दुरुपयोग नींद की गोलियों और नशीले पदार्थों में किया जाता है, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है।
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