आईटी विभाग का बड़ा कदम: जयपुर के निजी विश्वविद्यालय पर आयकर छापा

राजस्थान की राजधानी जयपुर के एक बड़े निजी विश्वविद्यालय पर आयकर विभाग ने छापे मारे। छापे की कार्रवाई में 150 करोड़ रुपये के बेहिसाब लेन-देन के दस्तावेज मिले।

author-image
Gyan Chand Patni
New Update
rajasthan it raid
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

आयकर विभाग की दिल्ली से आई टीम ने बुधवार को जयपुर शहर के एक बड़े निजी विश्वविद्यालय पर  Income Tax raid छापे मारे।

यह कार्रवाई विश्वविद्यालय में एडमिशन, डोनेशन और नकद लेन-देन से जुड़े दस्तावेजों की जांच के लिए की गई।

इस कार्रवाई के तहत, आयकर विभाग ने विश्वविद्यालय के प्रमुख संचालक के आवास और अन्य ठिकानों की भी जांच की।

बेहिसाब लेन-देन की मिली जानकारी

सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग के अधिकारियों को विश्वविद्यालय से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले, जिनमें 150 करोड़ रुपये से ज्यादा की अनियमितताएं पाई गईं।

इनमें एडमिशन फीस से जुड़ी रसीदें, कैशबुक, अकाउंट स्टेटमेंट और विश्वविद्यालय के फाउंडेशन से जुड़ी फाइलें शामिल हैं।

 इन दस्तावेजों में कई तरह की फर्जी और बेहिसाब लेन-देन की जानकारी सामने आई है। इस खुलासे के बाद विश्वविद्यालय के वित्तीय प्रबंधन पर कई सवाल उठने लगे हैं।

राजस्थान: पचपदरा रिफाइनरी शुरू होने में हो रही है देरी, निवेशक और जनता मायूस

राजस्थान में 312 नगर निगमों और पालिकाओं का परिसीमन, अब तैयार हैं निकाय चुनाव के प्रस्ताव

छात्रों और स्टाफ के बीच असहज माहौल

यह कार्रवाई विश्वविद्यालय के परिसर में तनाव का कारण बनी। छात्रों और स्टाफ के बीच असहज माहौल देखा गया, क्योंकि छापे की कार्रवाई के दौरान कई दस्तावेजों और फाइलों को खंगाला गया।

विश्वविद्यालय में इस दौरान असमंजस की स्थिति थी, और यह साफ था कि लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित थे।

राजस्थान में कक्षा 9 से 12वीं तक प्रवेश की तिथि बढ़ी, मानसून के चलते अब 16 अगस्त तक प्रवेश

राजस्थान के इन 2 जिलों में बाढ़ जैसे हालात, डेढ़ महीने में 80 लोगों की मौत, आज भी भारी बारिश का हाई अलर्ट

फंडिंग के स्रोतों की भी जांच

सूत्रों ने बताया कि यह निजी विश्वविद्यालय कई राज्यों से फंडिंग प्राप्त कर रहा है, जिसमें राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों का नाम प्रमुख हैं।

 विश्वविद्यालय में वित्तीय प्रबंधन और पारदर्शिता की स्थिति पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। आयकर विभाग के अधिकारियों को संदेह है कि विश्वविद्यालय के वित्तीय रिकॉर्ड में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो सकती है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच संभव

सूत्रों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी अपनी जांच कर सकता है।

साथ ही, शिक्षा नियामक संस्थाओं द्वारा विश्वविद्यालय के लाइसेंस की समीक्षा की जा सकती है। इस कार्रवाई से विश्वविद्यालय के प्रबंधन और उसकी वित्तीय गतिविधियों पर और अधिक दबाव बढ़ सकता है।

FAQ

1. आयकर विभाग ने जयपुर के निजी विश्वविद्यालय पर क्यों छापा मारा?
 यह छापा विश्वविद्यालय में एडमिशन, डोनेशन, और नकद लेन-देन से संबंधित जांच के लिए था।
2. क्या आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद विश्वविद्यालय के खिलाफ अन्य जांचें भी हो सकती हैं?
हां, प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी विश्वविद्यालय के फंडिंग सोर्स की जांच कर सकता है। इसके अलावा, शिक्षा नियामक संस्थाएं विश्वविद्यालय के लाइसेंस की समीक्षा भी कर सकती हैं।
3. विश्वविद्यालय में किस तरह की अनियमितताएं पाई गई हैं?
आयकर विभाग को विश्वविद्यालय के दस्तावेजों में 150 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितताएं मिलीं, जिसमें एडमिशन फीस की रसीदें, कैशबुक, अकाउंट स्टेटमेंट और विश्वविद्यालय के फाउंडेशन से जुड़ी फाइलें शामिल हैं।



thesootr links

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

 

राजस्थान प्रवर्तन निदेशालय जयपुर Income Tax raid निजी विश्वविद्यालय