राजस्थान के IAS अफसरों को इस तारीख तक IPR जमा करना होगा, जानिए क्या है कार्मिक विभाग का आदेश

राजस्थान सरकार ने IAS अधिकारियों के लिए IPR (Immovable Property Return) ऑनलाइन जमा करने की प्रक्रिया को अनिवार्य किया। जानें इसके प्रभाव और आदेश का महत्व।

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Kamlesh Keshote
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Rajasthan State Secretariat
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राजस्थान सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिसमें उन्हें अपने आवासीय संपत्ति विवरण (IPR) को ऑनलाइन SPARROW पोर्टल के माध्यम से निर्धारित समय-सीमा के भीतर जमा करने का निर्देश दिया गया है। कार्मिक विभाग का यह आदेश राज्य सरकार के प्रशासनिक सुधारों और पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

क्या है IPR और क्यों है आवश्यक?

IPR (Immovable Property Return) भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए अनिवार्य होता है। यह अधिकारियों को अपनी स्थायी संपत्तियों का विवरण सरकार को प्रस्तुत करने का निर्देश देता है। इस विवरण में संपत्तियों के मूल्य, स्थान और स्वामित्व के बारे में जानकारी शामिल होती है। यह व्यवस्था अधिकारियों के पारदर्शिता और वित्तीय आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने के लिए लागू की गई है।

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ऑनलाइन प्रक्रिया का महत्व

राजस्थान सरकार ने SPARROW पोर्टल का उपयोग करते हुए IPR को ऑनलाइन जमा करने की प्रक्रिया को और भी सरल और पारदर्शी बना दिया है। यह पोर्टल अधिकारियों को अपने IPR को इलेक्ट्रॉनिक रूप में या फिर स्कैन करके जमा करने की सुविधा देता है, जिससे समय की बचत होती है और प्रक्रिया में कोई कागजी दस्तावेज शामिल नहीं होता।

नए आदेश का असर

राज्य सरकार द्वारा जारी इस आदेश के अनुसार, हर IAS अधिकारी को हर बार 31 जनवरी तक अपना IPR जमा करना अनिवार्य है। जो अधिकारी इस समय सीमा का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इससे अधिकारियों में समय पर IPR जमा करने को लेकर और भी अधिक सख्ती आएगी और सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और जिम्मेदारी बढ़ेगी।

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केंद्रीय सचिवालय का आदेश

यह आदेश केंद्रीय सरकार द्वारा भी जारी किया गया था। इसके तहत प्रत्येक IAS अधिकारी को IPR की प्रक्रिया पूरी करने के लिए SPARROW पोर्टल का उपयोग करने की सख्त हिदायत दी गई है। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि IPR का समय पर और सही तरीके से जमा होना सरकारी कामकाजी प्रक्रिया के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है। खासकर उन अधिकारियों के लिए, जो प्रमोशन की प्रक्रिया में शामिल हैं।

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फर्जी विवरण देने पर रोक 

राज्य सरकार इस कदम से अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार के फर्जी विवरण देने पर रोक लगाना चाहती है। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी अधिकारी गलत तरीके से अपनी संपत्तियों की जानकारी न दे, जिससे विभागीय पारदर्शिता बनी रहे।

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यह आदेश एक पहल है, जो राजस्थान सरकार की कोशिशों को दर्शाता है कि वह अपनी प्रशासनिक प्रक्रिया को और भी बेहतर और पारदर्शी बनाए। सरकार की ओर से यह कदम निश्चित रूप से सार्वजनिक सेवा की गुणवत्ता में सुधार लाएगा और सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ाएगा।

FAQ

1. राजस्थान सरकार का IPR आदेश क्या है?
राजस्थान सरकार ने IAS अधिकारियों को अपने IPR को ऑनलाइन SPARROW पोर्टल के माध्यम से 31 जनवरी तक जमा करने का निर्देश दिया है। इस आदेश के तहत फर्जी विवरण पर रोक लगाने का भी प्रावधान है।
2. SPARROW पोर्टल का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है?
SPARROW पोर्टल का इस्तेमाल इसलिए किया जा रहा है ताकि IAS अधिकारियों को IPR जमा करने में आसानी हो और प्रक्रिया पारदर्शी बने। इसके माध्यम से दस्तावेज़ इलेक्ट्रॉनिक रूप में जमा किए जा सकते हैं, जिससे कागजी काम कम होता है।
3. क्या IPR जमा करने में देरी करने पर कोई कार्रवाई की जाएगी?
हां, यदि IAS अधिकारी IPR को समय पर जमा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। 31 जनवरी तक IPR जमा करना अनिवार्य है।

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