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Photograph: (the sootr)
Jaipur. दीपावली से पहले जयपुर के बाजार दुल्हन की तरह सज गए हैं। रंग-बिरंगी झालरें और एलआईडी लाइटें चारों तरफ रोशनी बिखरने लगी हैं। सभी बाजारों में रोशनी शुरू हो गई है। धनतेरस से परकोटे और बाहरी शहरों में एक साथ रोशनी शुरू हो गई। इस बार सजावट स्वदेशी थीम पर है। कोई भी सामान विदेशी नहीं है। सभी सजावट और रोशनी के आइटम लोकल लगाए हैं। चाइनीज रोशनी नहीं लगाई गई है।
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सजावट का स्विच ऑन
सबसे पहले जयपुर के सबसे पॉश बाजार में शुमार एमआई रोड पर सजावट का स्विच ऑन हुआ और इसके साथ यह बाजार पूरी तरह से रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठा। यहां सबसे बड़ा आकर्षण विशिंग लैंप और छतरियां हैं। गवर्नमेंट हॉस्टल चौराहे से लेकर अजमेरी गेट तक जापानी थीम पर 22 हजार विशिंग लैंप लगाए हैं, जो रात में चमकते दिखाई दे रहे हैं। वहीं एमआई रोड की शान पांच बत्ती चौराहे को आकर्षक रंग-बिरंगी रोशनी और झालरों से सजाया गया है। बाजारों को रंग-बिरंगी राजस्थानी रंगों और अंब्रेलों से खूबसूरती से सजाया गया है।
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सेल्फी-वीडियो लेते दिखे शहरवासी
इसे देखने के लिए रात को सैकड़ों शहरवासी एमआई रोड पहुंचे और सेल्फी-वीडियो लेते दिखे। वहीं सोने-चांदी के कारोबार के लिए देश-दुनिया में प्रसिद्ध जौहरी बाजार में भी सजावट का स्विच ऑन किया गया। धनतेरस पर परकोटे के बाजारों और गलियों के साथ शहर के राजापार्क, खातीपुरा, झोटवाड़ा, वैशाली नगर, श्याम नगर, मानसरोवर, गोपालपुरा, जगतपुरा आदि बाजार भी रोशनी से जगमगा उठे। दिवाली के पूजन के बाद शहरवासी भैयादूज तक सजावट देखने निकलते हैं। बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी जयपुर की सजावट व दिवाली देखने आते हैं।
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लोगों को लुभा रही सजावट
दीपावली पर्व पर बाजारों में अलग-अलग थीम पर रोशनी और सजावट हो रही है। बड़े-बड़े व्यापारिक संस्थान भी धार्मिक और सांस्कृतिक थीम पर सजावट करते हैं। चारदीवारी के बाजार सजावट में सबसे आगे रहते हैं। हर बाजार में रंग-बिरंगी रोशनी के बीच थीम पर आधारित बड़े-बड़े स्वागत दरवाजे व स्वचालित यंत्र लोगों को खूब लुभवाते हैं।
हर जगह अलग थीम
प्रमुख बाजार जौहरी बाजार में हवामहल की प्रतिकृति की सजावट देखने लायक है, तो चांदपोल बाजार में छोटी चौपड़ पर सबसे बड़ा आकर्षण ऑपरेशन सिंदूर रहेगा। पाकिस्तान को शिकस्त दिए जाने के उपलक्ष में चांदपोल बाजार में ऑपरेशन सिंदूर के तहत राफेल विमान, युद्धपोत, ब्रह्मोस मिसाइल और महिला पायलटों की झांकी सजाई गई है। त्रिपोलिया बाजार में तिरंगे की थीम पर आकर्षक रोशनी व सजावट की गई है।
स्वदेशी खरीदारी को प्रोत्साहन
सामूहिक सजावट में हेरिटेज, स्वदेशी, तिरंगा सहित अलग थीम दी जा रही है। गजनेर पैलेस, म्यूजियम, पुष्प विमान, मेट्रो, लाइव ट्रेन, मैसूर पैलेस, राम दरबार, टाइटैनिक जहाज और डिज्नी लैंड जैसे आकर्षक स्वागत बनाए गए हैं। इस बार दिवाली छह दिन की है। धनतेरस से जयपुर के बाजार छह दिन तक रोशनी की चमक बिखेरेंगे। साथ ही जगह-जगह जीएसटी बचत उत्सव और स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी के लिए शहरवासियों को प्रोत्साहित करने के लिए आकर्षक संदेश के पोस्टर लगाए जाएंगे।
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6 दिन तक बाजारों में सजावट
व्यापारिक संगठनों ने 18 से 23 अक्टूबर तक 6 दिन बाजारों में सजावट करने की घोषणा की है। चांदपोल बाजार के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने कहा कि 25 सालों से चांदपोल बाजार में दीपावली पर भव्य स्वागत द्वार बनाए जा रहे हैं। अब तक हवामहल, सिटी पैलेस, डिज्नी वर्ल्ड, गजनेर पैलेस जैसे थीमों पर द्वार बनाए जा चुके हैं। इस बार ऑपरेशन सिंदूर की थीम आकर्षित करेगी। बंगाल से आए कारीगर समुद्र में चलता हुआ वॉरशिप, दुश्मनों पर दागी जाने वाली ब्रह्मोस मिसाइल, भारतीय महिला पायलट्स, तिरंगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की झांकी बना रहे हैं।
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ढाई किलोमीटर लंबा बाजार
एमआई रोड व्यापार मंडल के महामंत्री सुरेश सैनी ने बताया कि ढाई किलोमीटर लंबा बाजार को इस बार स्वदेशी लाइटों और बल्बों से पिंक थीम पर सजाया गया। इसी तरह जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार, किशनपोल बाजार, बापू बाजार, इंदिरा बाजार, गणगौरी बाजार समेत इन बाजारों से लगती बड़ी व्यापारिक गलियां भी रंग-बिरंगी रोशनी से सजाए गए हैं।
सजावट देखने आते हैं विदेशी सैलानी
रंग-बिरंगी लाइटिंग, आतिशबाजी के बीच झिलमिलाते हुए दीयों की रोशनी से नहाए पिंकसिटी की सजावट और फेस्टिवल को देखने विदेशी सैलानी आते हैं। भारतीय पर्यटक खासकर गुजराती, बंगाल और महाराष्ट्र से भी परिवार समेत लोग आते हैं। दीपोत्सव के दौरान रोशनी से जगमग करते बाजारों को देखने निकल पड़ते हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, फ्रांस, इटली, पौलेंड जैसे देशों से खूब विदेशी सैलानी आते हैं। वे दीपावली पूजन में शामिल होते हैं, दीपदान करते हैं और पटाखे छोड़ते हैं। रात को जयपुर की रोशनी देखने जाते हैं। होटल संचालक उनके लिए दीपावली के व्यंजन परोसते हैं। घर-परिवार का माहौल देते हैं, ताकि वे भारतीय संस्कृति की यादें लेकर जाएं।
सवाई जयसिंह ने की थी शुरुआत
जयपुर में सजावट का इतिहास काफी पुराना है। 18वीं शताब्दी में सवाई जयसिंह द्वितीय ने बाजारों में सजावट की पहल शुरू की। तब परकोटे में ही जयपुर समाया हुआ था। ऐसे में बाजारों और प्रमुख मंदिरों जैसे गोविंददेवजी मंदिर, ताड़केश्वर जी, हनुमान मंदिर चांदपोल, सिटी पैलेस, परकोटे के बाजारों और उद्यानों में घी-तेल के दीपक से रोशनी का चलन शुरू हुआ। तब भी जयपुर की दीपावली देखने तत्कालीन राजा-महाराजा और ब्रिटिश शासक एवं अंग्रेज भी आते थे।
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परकोटे से पूरे जयपुर तक
जयपुर फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष सियाशरण लश्करी के मुताबिक, आजादी के बाद 1949 तक घी के दीपकों से रोशनी होती रही। बाद में गैस की लाइटें और बल्ब आने पर रोशनी का कल्चर भी बदला। दीयों के साथ गैस और बल्बों की लाइटिंग होने लगी। जयपुर दरबार से शुरू रोशनी की व्यवस्था फिर जयपुर के व्यापारियों के व्यापार मंडल ने अपने हाथों में ले ली। इसके बाद परकोटे के व्यापार मंडल सामुहिक रूप से सजावट करने लगे। करीब पांच दशक से यह सिलसिला चल रहा है। तब से अब तक रोशनी में नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। कभी परकोटे तक सीमित सजावट अब पूरे जयपुर में फैल गई है।
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अच्छी सजावट करने पर पुरस्कार
जयपुर में दीपावली पर सजावट व रोशनी के लिए पुरस्कार भी दिए जाते हैं। यह परम्परा भी सालों से चल रही है। अंतरराष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन सामूहिक लाइटिंग व सर्वश्रेष्ठ सजावट करने वाले व्यापारिक संगठनों, मॉल्स प्रतिनिधियों व दुकानदारों को तीन श्रेणी में पुरस्कार देता है। सजावट देखने के लिए शहर को तीन क्षेत्रों में बांटा है। सर्वश्रेष्ठ सजावट के चयन के लिए 3 संयोजक नियुक्त किए हैं। फेडरेशन के राज्य प्रभारी ध्रुवदास अग्रवाल और प्रदेश अध्यक्ष एनके गुप्ता के मुताबिक, एक नवंबर को राज्यपाल हरिभाऊ बागडे के मुख्य आतिथ्य में पुरस्कार वितरण समारोह आयाजिक कर विजेताओं को पुरस्कार दिए जाएंगे।
भीड़ को देखते हुए प्रशासन मुस्तैद
दीपावली पर आवागमन व्यवस्थित रहे और जनता को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए पुलिस और प्रशासन भी मुस्तैद हैं। पुलिस ने आने-जाने की अलग-अलग व्यवस्था की है। दीपावली पर्व पर चारदीवारी का ट्रैफिक न्यू गेट से एंट्री करते हुए सांगानेरी गेट से बाहर निकलेगा। ट्रैफिक डीसीपी सुमित मेहरड़ा ने बताया कि इस बार चारदीवारी, सांगानेर और मानसरोवर में वन-वे रहेगा। चारदीवारी में पार्किंग पूर्ण रूप से निषेध रहेगी। यहां आने वाले लोग अपने वाहन रामनिवास बाग और चौगान स्टेडियम में खड़ा कर सकेंगे।