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राकेश कुमार शर्मा @ जयपुर
Jaipur। इस पर्यटन सीजन, खासकर दीपावली पर सैलानियों की आवभगत के लिए राजस्थान तैयार है। हालांकि, दिवाली से पहले सैलानियों की अच्छी आवाजाही देखने को मिल रही है। जैसे-जैसे दिवाली करीब आ रही है, वैसे ही सैलानियों की तादाद बढ़ने लगी है। दिवाली पर रंग-बिरंगी सजावट और मेले जैसे उत्साह को देखने देश-विदेश से बड़ी संख्या में राजस्थान में पर्यटक आते हैं। खासकर विदेशियों में राजस्थान की दीपावली का क्रेज रहता है।
जयपुर की सजावट देश-दुनिया में प्रसिद्ध
जयपुर में दीपावली पर सजावट देश-दुनिया में प्रसिद्ध है। इस बार लम्बी छुट्टियों को देखते हुए भारतीय पर्यटकों की आवक ज्यादा होने की उम्मीद है। जयपुर के पर्यटन स्थल जैसे आमेर महल, जंतर-मंतर वेधशाला, हवामहल, अल्बर्ट हॉल, जलमहल जैसे स्मारकों को देखने बड़ी संख्या में घरेलू टूरिस्ट आ रहे हैं। हवामहल में 14 अक्टूबर को 3829 सैलानी घूमने आए। इसमें 100 विदेशी थे और शेष भारतीय पर्यटक रहे।
इसी तरह जंतर-मंतर वेधशाला में 3477 विदेशी पर्यटक घूमने आए, जिसमें विदेशी सैलानी 786 थे। नाहरगढ़ और अल्बर्ट हॉल संग्रहालय में 2092 और 2116 सैलानी घूमने पहुंचे। हालांकि, दिवाली पर्व पर सैलानियों की संख्या बढ़ेगी। होटल व पर्यटन विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड के बाद इस बार पर्यटन सीजन अच्छा है। पर्यटकों की बुकिंग भी हो रही है।
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दिवाली पर इसलिए खिंचे आते हैं विदेशी सैलानी
ट्रेवल कंपनियां व होटल संचालकों की विदेशी सैलानियों को दिवाली सेलिब्रेट करवाने की विशेष तैयारी हैं। वे पर्यटकों को साथ लेकर होटल में दिवाली की पूजा अर्चना कराएंगे। रंगोली मनाने, दीपदान करने और आतिशबाजी की खास व्यवस्था है। होटल संचालकों ने खुली जीप और दूसरे वाहनों से सैलानियों को परकोटे और परकोटे के बाहर लाइटिंग दिखाने का इंतजाम किया है।
ट्रेवल कंपनियों के अनुसार दिवाली के दूसरे दिन जयपुर में गोविन्ददेवजी, गलताजी जैसे मंदिरों के दर्शन और अन्नकूट प्रसादी करवाया जाएगा। टूरिस्टों को पूरा पारिवारिक माहौल दिया जाता है। यहीं वजह है कि जयपुर के साथ उदयपुर, जोधपुर में दिवाली सेलिब्रेशन करने के लिए हजारों विदेशी पर्यटक आते हैं।
रानी महल होटल के संचालक और जयपुर होटल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मनीष शर्मा का कहना है कि इस बार दिवाली पर लम्बी छुट्टियां है। इसे देखते हुए पर्यटकों की अच्छी आवक आएगी। बुकिंग भी हो रही है। फिलहाल विदेशी पर्यटक कम है, लेकिन जैसे जैसे दिवाली आएंगी, विदेशी सैलानियों की संख्या में बढ़ोतरी हो जाएगी।
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ज्यादा आते हैं यूरोपीय पर्यटकराजस्थान में आम तौर अक्टूबर से पर्यटन सीजन शुरु हो जाता है। यह मार्च तक चलता है। दिसम्बर और जनवरी में पर्यटन सीजन पूरे पीक में रहता है। खासकर शीतकालीन अवकाश और नए साल के मौके पर। इस दौरान जयपुर समेत सभी शहरों की होटलें हाउसफुल रहती है। खासकर यूरोपीय देशों के सैलानी जयपुर, उदयपुर, जैसलमेर जैसे शहरों में खूब घूमने आते हैं। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में अमरीका, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, नीदरलैंड, बेल्जियम, पौलेंड आदि देशों से लाखों पर्यटक पूरे पर्यटन सीजन में आते हैं। इन देशों से बुकिंग भी खूब है। राजपूताना हॉलिडे मेकर्स के निदेशक संजय कौशिक का कहना है कि विदेशी पर्यटकों में राजस्थान की रंग-बिरंगी संस्कृति, तीज-त्यौहार, किले-महलों को देखने का बड़ा शौक है। कोविड के बाद हालात पहले जैसे नहीं है। विदेशी पर्यटक आ तो रहे हैं, लेकिन कोविड से पहले जितना उत्साह नहीं है। | |
छुट्टियों से पर्यटन को बूस्टर डोज
इस बार दिवाली पर लोगों को लम्बी छुट्टी मिलने जा रही है। चाहे वह सरकारी सेवक हो या प्राइवेट कर्मी। सभी को दिवाली पर्व पर तीन दिन का अवकाश मिलता है। दिवाली से पहले शनिवार और रविवार आ रहे हैं। इस बार दीपावली 20 अक्टूबर को है। दूसरे दिन अमावस्या होने के कारण गोवर्धन व भैयादूज 22 और 23 अक्टूबर की है। सिर्फ 24 अक्टूबर शुक्रवार को वर्किंग डे है। फिर शनिवार और रविवार की छुट्टी रहेगी। एक दिन 24 अक्टूबर को छोड़ दे तो 18 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक छुट्टी का माहौल रहेगा।
होटलों में पर्यटकों की एडवांस बुकिंग अच्छी है। चाहे वह जयपुर हो या उदयपुर अथवा जैसलमेर। सभी जगह पर्यटन में उत्साह का माहौल है। लंबी छुट्टियों को देखते हुए लगता है कि इस बार पर्यटन से जुड़े व्यवसाय को अच्छा बिजनेस मिलेगा। कोविड के चलते गिरावट में दिख रहे पर्यटन उद्योग को बूस्टर डोज मिल सकेगी।
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दिवाली पर सजाते हैं बाजार
जयपुर के बाजार धनतेरस से भैयादूज तक रंग-बिरंगी रोशनी से चमक उठते हैं। होटल, कमर्शियल कॉम्प्लैक्स और प्राइवेट बिल्डिंग आकर्षक लाइटिंग से रोशन हो उठती है। खासकर परकोटे के बाजार चाहे वे जौहरी बाजार, बापू बाजार, इंदिरा बाजार, चांदपोल बाजार, छोटी-बड़ी चौपड़ हो या परकोटे के बार एमआई रोड, राजापार्क जैसे बाजार हर तरफ रंग-बिरंगी सजावट देखने शहरवासी के साथ सैलानी भी खूब आते हैं।
आमेर महल, अल्बर्ट हॉल, जयपुर के दरवाजे और सरकारी कार्यालय की इमारतें, चौराहें भी एलईडी लाइट्स से सजाए जाते हैं। बाजारों में खरीदारी की रौनक रहती है। हर बाजार अलग-अलग सजावट करता हैं। रंग-बिरंगी सजावट के अलावा घरों में लाखों दीये अलग ही आकर्षण पैदा करते हैं। इसके अलावा पूरी रात आतिशबाजी भी लुभाती है।
जीएसटी कटौती और आकर्षक पैकेज ने लगाए पंखपर्यटकों को अधिकाधिक आकर्षित करने के लिए होटलों और ट्रेवल कंपनियों की तरफ से आकर्षक टूर पैकेज भी दे रहे हैं। जीएसटी में कटौती के चलते कमरों की रेट सस्ती हुई है। इस वजह से पर्यटकों की बुकिंग अच्छी है। बुकिंग गुजरात, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र आदि राज्यों से अधिक है। गुजरात और बंगाल के पर्यटक जयपुर, उदयपुर, जैसलमेर घूमने ज्यादा आते हैं। केन्द्र सरकार ने होटल के कमरों पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी है। इससे कमरों के किराये में सात फीसदी कमी आई है। | |
20 लाख विदेशी सैलानी घूमने आए
पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, राजस्थान में 2024 में 23 करोड़ से भारतीय पर्यटक घूमने आए हैं। इनमें धार्मिक स्थलों पर घूमने वाले पर्यटकों की तादाद अधिक रही है। इस अवधि में ही 20.72 लाख विदेशी टूरिस्ट भी राजस्थान भ्रमण पर आए, जो 19 फीसदी अधिक आवक रही। वहीं भारतीय पर्यटकों की आवक में 28 फीसदी बढ़ोतरी रही। विदेशी सैलानी सर्वाधिक तौर पर जयपुर शहर में 8.72 लाख घूमने आए। उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, अजमेर में भी विदेशी सैलानी घूमने पहुंचे। इस बार भी पर्यटन सीजन पिछले वर्ष के मुकाबले अच्छा रहने की उम्मीद है।