/sootr/media/media_files/2025/10/11/family-2025-10-11-16-38-47.jpg)
राजस्थान में हाल के दिनों में सामूहिक आत्महत्या के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। इसने न केवल सरकार बल्कि समाज और परिवार की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। जयपुर और सीकर में हुई घटनाओं ने इस समस्या की गंभीरता को और बढ़ा दिया है।
जयपुर में परिवार के तीन लोगों ने आत्महत्या क्यों की
राजधानी जयपुर में शनिवार को एक बुजुर्ग दंपती और उनके बेटे ने खुदकुशी कर ली। यह घटना करणी विहार थाना इलाके में हुई, जहां तीनों ने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर अपनी जान दे दी। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि आर्थिक तंगी और प्रॉपर्टी विवाद इन मौतों के पीछे प्रमुख कारण रहे हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तीनों शवों को कांवटिया अस्पताल की मोर्चरी में भेजा और जांच शुरू की।
ये खबरें भी पढ़िए
राजस्थान में किसानों पर अत्याचार, फसलों के लिए खाद मांगी तो पुलिस ने बरसा दी लाठियां
राजस्थान में बिजली उपभोक्ताओं को झटका! एक ​अक्टूबर से बढ़ गईं दरें, नोटिफिकेशन जारी
परिवार का परिचय
रूपेंद्र शर्मा, उनकी पत्नी सुशीला शर्मा (58 वर्ष) और son पुलकित शर्मा (32 वर्ष) करणी विहार इलाके में किराए के मकान में रह रहे थे। माना जा रहा है कि आर्थिक दबाव और विवाद के चलते खुदकशी का कदम उठाया गया। आत्महत्या के मामले में पुलिस मृतक परिवार के परिचितों और रिश्तेदारों से बात कर रही है ताकि घटना के सभी पक्षों को खुलासा किया जा सके। शव कांवटिया अस्पताल की मोर्चरी में रखवाए गए हैं।
सीकर में चार बच्चों के साथ महिला ने खाया जहर
राजस्थान के सीकर शहर में भी एक दर्दनाक घटना हुई है। यहां पालवास रोड स्थित अनिरुद्ध रेजिडेंसी के एक फ्लैट में एक महिला और उसके चार बच्चों के शव मिले हैं। जानकारी के अनुसार, इस परिवार ने जहर खाकर आत्महत्या की। यह घटना तब सामने आई जब फ्लैट से दुर्गंध आने लगी और पड़ोसियों ने पुलिस को सूचित किया।
पुलिस की जांच में क्या आया सामने
सीकर में मृतक महिला पिंकी चौधरी (45) और उसके बच्चे सुमित (18), स्नेहा (15), एक छोटा बेटा (4) और सबसे छोटा बच्चा (1) शामिल थे। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ताला तोड़कर अंदर घुसने के बाद भयावह दृश्य देखा। प्रारंभिक जांच में जहर की बोतलें और अन्य संदिग्ध सामग्री बरामद हुई हैं। पुलिस ने एफएसएल टीम को बुलाकर साक्ष्य जुटाए और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस ने फिलहाल आत्महत्या के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए जांच जारी रखी है। हालांकि, अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस मृतकों के रिश्तेदारों और पड़ोसियों से पूछताछ कर रही है ताकि आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जा सके।
ये खबरें भी पढ़िए
तीन साल बाद फिर कारों की खरीद, राजस्थान के मंत्रियों को मिलेगा तोहफा
अभिषेक हत्याकांड में पूर्व महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा उर्फ पूजा गिरफ्तार, पुलिस ने रखा था इनाम
एनसीआरबी रिपोर्ट से महत्वपूर्ण तथ्यराष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो NCRB Report 2023 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में देश भर में कुल 1,71,418 लोग आत्महत्या कर चुके हैं। यह संख्या 2022 की तुलना में 0.3% अधिक है। पारिवारिक समस्या और बीमारी आत्महत्या के मुख्य कारण हैं। परिवार और समाज पर प्रभावइस तरह की घटनाएं न केवल व्यक्तिगत परिवार को बल्कि पूरे समाज को झकझोर देती हैं। परिवार के सदस्यों की मृत्यु से सामाजिक, आर्थिक और भावनात्मक बहुत बड़े प्रभाव पड़ते हैं। इस कारण मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और परिवारिक समस्याओं के समाधान के लिए कदम जरूरी हैं। आत्महत्या के बढ़ते मामलों ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या समाज, सरकार और परिवार इस समस्या से निपटने में सक्षम हैं। मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक समस्याओं और आर्थिक दबाव के कारण आत्महत्या के मामले बढ़े हैं। इन मुद्दों पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। | |
आत्महत्या के मामले रोकने के लिए क्या करना चाहिए
समाजशास्त्री डॉ.ज्योति सिडाना के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूल और कॉलेजों में कार्यक्रम जरूरी हैं। परिवारिक सत्र और काउंसलिंग उपलब्ध कराने पर ध्यान दिया जाए। आर्थिक और कानूनी सलाह देने वाले सेवा केंद्र खोले जाएं।