बिल्डरों से बकाया करोड़ों रुपए की होगी वसूली, 15 दिन में भुगतान नहीं किया तो होगी संपत्ति कुर्क

राजस्थान में जयपुर के 93 बिल्डरों के बेटरमेंट लेवी के पोस्टेडेड चेक बाउंस हो रखे हैं। 34 बिल्डर तो ऐसे हैं, जिन पर एक से पांच करोड़ रुपए के चेक बाउंस और ब्याज के मामले हैं। अब इन सभी से वसूली की जाएगी।

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Rakesh Kumar Sharma
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान में जयपुर शहर के नामी-गिरामी बिल्डरों में बैचेनी है। ये वे बिल्डर हैं, जिन पर जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) का करोड़ों रुपए बकाया है। इनसे वसूली के लिए जेडीए अब सख्त रवैया अपनाने जा रहा है।

दरअसल, शहर के कई बिल्डरों पर लंबे समय से करोड़ों रुपए बकाया चल रहे हैं। मूल राशि के साथ उस पर ब्याज भी काफी चढ़ गया था। कई बार मांगने पर भी बिल्डरों ने टालमटोल नीति अपना रखी थी। ऐसे में जेडीए ने सख्त रुख अपनाते हुए अब बकाया वसूली के लिए न केवल बिल्डरों को नोटिस थमाए हैं, बल्कि उनके नाम भी सार्वजनिक कर दिए हैं। 

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भुगतान नहीं तो कुर्क होगी संपत्ति

बकायादार बिल्डरों को नोटिस में भुगतान के लिए 15 दिन का वक्त दिया है। इस अवधि में राशि नहीं देने पर बिल्डरों की सम्पत्तियों को कुर्क करके नीलाम करने की तैयारी कर रखी है। जेडीए ने बिल्डरों की कुर्क व नीलामी योग्य सम्पत्तियों की सूची भी सार्वजनिक कर दी है। 

बताया जाता है कि नाम बाजार में उजागर नहीं हो जाए, इसके लिए कुछ बिल्डर बकाया चुकाने के लिए जेडीए के चक्कर काटने लगे हैं। नोटिस में बकायेदार बिल्डरों और कंपनी के नाम, बकाया राशि और वसूली बाबत जब्त सम्पत्तियों की नीलामी या कुर्की करने संबंधित सूचना भी है।

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जेडीए ने किए नोटिस जारी

जेडीए ने बकाया वसूली के लिए उन बिल्डरों को नोटिस थमाए हैं, जिन पर करोड़ो रुपयों के बकाया चल रहे हैं। जेडीए के अतिरिक्त आयुक्त (वसूली) ने ये नोटिस जारी किए हैं, जिसमें बकाया राशि के अलावा ब्याज भी वसूलने के निर्देश हैं। नोटिस में कुर्की व नीलामी योग्य सम्पत्तियों का विवरण भी है।

इन बिल्डरों को थमाए नोटिस

नीमराना डवलपर्स जरिए पार्टनर मैसर्स मंगलम बिल्ड डवलपर्स लिमिटेड (4.63 करोड़ रुपए), मैसर्स आदिनाथ बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड सी-स्कीम जयपुर (2.32 करोड़), संजीव कुमार सांगी तुषार रियल होम्स सी-स्कीम जयपुर (2.17 करोड़), शंकर लाल खंडेलवाल गुमान बिल्डर्स सी-स्कीम जयपुर (1.98 करोड़) को नोटिस दिया गया है।

इसी तरह मैसर्स च्वाइस कॉलोनाइजर प्राइवेट लिमिटेड गोपालपुरा बायपास जयपुर (1.22 करोड़), मैसर्स पिंकसिटी बिल्डकॉम जयपुर (1.12 करोड़), मैसर्स सैंड ड्यून बिल्डकॉन श्याम नगर जयपुर (1.02 करोड़), मैसर्स गंगासागर रियल एस्टेट श्याम नगर बैनाड़ जयपुर (94.69 लाख), दीपक जैन निदेशक सिद्धी विनायक बिल्ड एस्टेट विद्याधर नगर जयपुर (72.50 लाख), अंकित अग्रवाल सी-स्कीम जयपुर (61.06 लाख) को नोटिस दिए हैं।

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93 बिल्डरों से वसूलने हैं 1 अरब रुपए

रिपोर्ट के मुताबिक, 93 बिल्डरों के बेटरमेंट लेवी के पोस्टेडेड चेक बाउंस हो रखे हैं। 34 बिल्डर तो ऐसे हैं, जिन पर एक से पांच करोड़ रुपए के चेक बाउंस और ब्याज के मामले हैं। बाउंस पाए गए चेकों की एवज में ब्याज सहित राशि 1,00,14,05,072 तक पहुंच गई है। इस राशि में से करीब 64 करोड़ रुपए तो पोस्टेडेड चेक राशि है। करीब 36 करोड़ रुपए से अधिक राशि ब्याज की जोड़ी गई है।

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कार्यवाही की अनुशंषा

यह राशि जेडीए को वसूलनी है। इस राशि को वसूलने के लिए बिल्डरों को नोटिस पर नोटिस भेजे जा रहे हैं। नगरीय विकास विभाग भी लगातार जेडीए को पत्र भेज रहा है। 28 नवम्बर, 2024 को हुई नगरीय विकास विभाग की आला अधिकारियों की बैठक में यह मुद्दा उठा। वर्ष 2018 से 21-22 तक के पोस्टेडेड चेकों के मामले अधिक हैं।

अधिकारियों ने भी संबंधित बिल्डरों से नियमानुसार वसूली कार्यवाही करने, एनआईए एक्ट में मुकदमा दर्ज करवाने एवं भवन विनियम नियमों की पालना सुनिश्चित करवाने के निर्देश दे रखे हैं। साथ ही जेडीए को राजस्व हानि में लिप्त अधिकारियों पर भी कार्यवाही की अनुशंषा की गई है।

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ब्याज देने से बचना चाहते हैं बिल्डर

शहर के दर्जनों बिल्डरों पर विकास शुल्क नहीं देने, बेटरमेंट लेवी के पोस्टेडेड चेकों के अनादरित होने, भवन निर्माण समेत अन्य शुल्कों के करोड़ों रुपए बकाया चल रहे हैं। इस संबंध में जेडीए कई बार बिल्डरों को व्यक्तिगत तौर और नोटिस देकर भी वसूली की मांग कर चुका है। सालों से बिल्डर बकाया देने से बच रहे हैं। तय समय पर राशि नहीं देने पर मूल राशि पर काफी ब्याज भी चढ़ गया है। ब्याज भी लाखों में है।

बकाया वसूली की अंतिम चेतावनी

बिल्डर ब्याज को माफ करने की मांग करते आ रहे हैं, जबकि जेडीए का कहना है कि समय पर राशि नहीं दिए जाने पर ब्याज लगाने के प्रावधान हैं। समय पर मूल राशि दे देते तो ब्याज नहीं लगता और यह राशि विकास कार्यों में खर्च हो पाती।

जेडीए में बिल्डरों से विभिन्न मदों के तहत प्राप्त सम्पत्तियों को कुर्क करके नीलाम करवाने और स्वीकृति प्रोजेक्ट को निरस्त करने के प्रावधान भी हैं, लेकिन अधिकारियों ने कभी इन शक्तियों का प्रयोग नहीं किया। अब नोटिस देकर 15 दिन में बकाया वसूली की अंतिम चेतावनी दी है।

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