सोलर कंपनियों के लिए दलाली कर रहे जैसलेमर कलेक्टर, तहसीलदार ने लगाए गंभीर आरोप

राजस्थान के जैसलमेर के कलेक्टर पर सोलर कंपनियों के लिए काम करने के आरोप, तहसीलदार और एसडीएम ने किया विरोध, सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग।

author-image
Amit Baijnath Garg
New Update
solar mamla

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

राजस्थान में पाकिस्तान से सटे जैसलमेर के जिला कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत विवादों में हैं। उन पर निजी सोलर प्रोजेक्ट के लिए 'दलाल' की भूमिका में काम करने के गंभीर आरोप लगे हैं। ये आरोप लगाने वाले कोई नहीं, बल्कि उनके मातहत अधिकारी हैं। कलेक्टर पर आरोप पहले पोकरण के उपखंड अधिकारी प्रभजोत सिंह ने और अब वहां के तहसीलदार विश्व प्रकाश चारण ने लगाए हैं। 

कलेक्टर के कारनामों को उजागर करने के बाद उपखंड अधिकारी और राज्य प्रशासनिक सेवा के प्रभजोत सिंह गिल को एपीओ कर दिया गया, जबकि तहसीलदार विश्व प्रकाश चारण अब निलंबित हो चुके हैं। ऐसे में कलेक्टर की कार्यशैली पर भी बड़े सवाल खड़े हो गए हैं।

इन आरोपों को लेकर सरकार की तरफ से कलेक्टर के खिलाफ फिलहाल कोई कदम नहीं उठाया गया है। उधर, सूत्रों का कहना है कि कलेक्टर प्रताप सिंह के खिलाफ जयपुर मुख्यालय पर आरोपों का परीक्षण किया जा रहा है। 

तहसीलदार की सोशल मीडिया पर चार पोस्ट

पोकरण तहसीलदार चारण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कलेक्टर नाथावत के खिलाफ भ्रष्टाचार की सीरीज शुरू की है। वे अभी तक चार पोस्ट कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि पहले रक्षा विभाग की जमीन को खुर्द-बुर्द करने का मामला उजागर करने पर उन्हें पहले 16 सीसी का नोटिस दिलाया गया। अब उन्हें राजस्व मंडल के जरिए निलंबित कर मुख्यालय अजमेर करा दिया है। 

जब कंपनियों को जमीन देंगे, तो पशु कहां चरेंगे

जैसलमेर कलेक्टर नाथावत पर पोकरण एसडीएम गिल ने निजी सोलर कंपनियों के लिए जमीन आवंटन में भ्रष्टाचार किए जाने के आरोप लगाए थे। अब पोकरण तहसीलदार ने भी ऐसे ही आरोप लगाए हैं। निलंबित तहसीलदार ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में बताया कि कलेक्टर आमजन की बजाय सोलर कंपनियों के लिए काम कर रहे हैं। 

जब तहसीलदार गोचर और ओरण के लिए सोलर कंपनियों के लिए सरकारी जमीन (Government Land) में से कटौती कर दें, तो उसे सस्पेंड करने के लिए लिख देते हैं। उन्होंने कहा कि जब गांवों की सारी सरकारी जमीन सोलर कंपनियों को दे देंगे, तो लोग अपने पशुओं को चराने कहां ले जाएंगे। ओरण में बने मंदिरों की जमीन भी सोलर कं​पनियों को दी जा रही हैं। 

यह खबरें भी पढ़ें...

सिम्स की अव्यवस्था पर हाई कोर्ट नाराज... डीन, कलेक्टर और सचिव से मांगा शपथ पत्र

सीएम के गृह जिले में कलेक्टर का बड़ा एक्शन, 6 कर्मचारियों को किया बर्खास्त

झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना एक्सीडेंट केस में खनिज अधिकारी जेएस भिड़े का कांड, सस्पेंड होंगे

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का फैसला, कलेक्टर नहीं कर सकते BEO को सस्पेंड, निलंबन आदेश रद्द

अनूपपुर कलेक्टर हर्षल पंचोली को लापरवाही पड़ी भारी, अफसरों के सामने सीएम से मांगी माफी!

कलेक्टर पर कंपनियों का दबाव

एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सोलर कंपनियों के लिए जमीन दिलाने को लेकर कलेक्टर पर बड़ा दबाव बना है। यह दबाव बड़े उद्योगपति और नेता बनाए हुए हैं। ऐसे में कलेक्टर अपने मातहत तहसीलदारों पर सरकारी जमीन सोलर कंपनियों को देने के लिए दबाव बनाते हैं। यह विवाद भी सोलर कंपनियों को जमीन उपलब्ध कराने से जुड़ा है। अधिकारियों की आपसी लड़ाई से कलेक्टर की भूमिका विवादास्पद हो गई है।

सांसद ने कलेक्टर को बताया दोषी

क्षेत्रीय सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने तहसीलदार के आरोपों का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर सवाल किया कि सरकार ने दोषी कलेक्टर पर कार्रवाई करने की बजाय ईमानदारी से कार्य कर रहे उपखंड अधिकारी और तहसीलदार को एपीओ और निलंबित क्यों किया। उन्होंने कहा कि जब मातहत अधिकारी एक जिला कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाते हैं, तो यह सिर्फ आंतरिक मतभेद नहीं, बल्कि व्यवस्था में गहरे जमे भ्रष्टाचार और पक्षपात का संकेत है। क्या मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव अब भी मौन रहेंगे। जैसलमेर जिले में सीलिंग एक्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा मंत्रालय से जुड़े इन अत्यंत गंभीर प्रकरणों पर उच्च स्तरीय जांच सुनिश्चित की जाए। 

कलेक्टर बोले, शिकायत नहीं

उधर, जैसलमेर के कलेक्टर नाथावत ने कहा कि उनके पास आधिकारिक तौर पर कोई ​शिकायत नहीं आई है। उन्होंने इन आरोपों को गलत बताया कि वे निजी सोलर कंपनियों के लिए काम कर रहे हैं। सवाल यह है कि क्या सोलर कंपनियां कलेक्टर को कोई लाभ पहुंचा रही हैं?

FAQ

1. कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत पर कौन से आरोप लगाए गए हैं?
कलेक्टर पर आरोप है कि वह सोलर कंपनियों के लिए सरकारी जमीन आवंटित कर रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों को अपनी पशुपालन के लिए जगह नहीं मिल रही है।
2. तहसीलदार विश्व प्रकाश चारण ने कलेक्टर के खिलाफ क्या आरोप लगाए थे?
तहसीलदार ने आरोप लगाया कि कलेक्टर सरकारी जमीन सोलर कंपनियों को दे रहे हैं और मंदिरों की जमीन भी आवंटित की जा रही है, जिससे गांववासियों को नुकसान हो रहा है।
3. क्षेत्रीय सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने इस विवाद पर क्या प्रतिक्रिया दी है?
सांसद बेनीवाल ने आरोपों का समर्थन करते हुए सवाल उठाया कि सरकार ने कलेक्टर पर कार्रवाई क्यों नहीं की और ईमानदार अधिकारियों को निलंबित क्यों किया।

thesootr links

 सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

राजस्थान भ्रष्टाचार Government Land जैसलमेर कलेक्टर सोलर कंपनियां क्या सोलर कंपनियां कलेक्टर को कोई लाभ पहुंचा रही हैं