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Photograph: (the sootr)
राजस्थान के जैसलमेर जिले के पूनमनगर गांव स्थित एक सरकारी स्कूल में तेज हवाओं के कारण एक दर्दनाक हादसा हो गया। स्कूल के गेट का पिलर गिरने से एक छात्र की मौत हो गई और एक शिक्षक गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ, जब बच्चा स्कूल से बाहर निकल रहा था और वह गेट की चपेट में आ गया। इस घटना ने एक बार फिर स्कूलों में सुरक्षा इंतजामों की गंभीरता को उजागर किया है।
विधायक के पैतृक गांव में यह हाल?
यह जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी का पैतृक गांव भी है। उनके पैतृक गांव के स्कूल के ऐसे हालात के बाद क्षेत्र ही नहीं, प्रदेश में चर्चा शुरू हो गई है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उनके गांव में यह हाल है, तो पूरे विधानसभा क्षेत्र में क्या हाल होंगे? हादसा दोपहर करीब 1 बजे स्कूल की छुट्टी के दौरान हुआ। इस हादसे में पहली कक्षा के 9 वर्षीय छात्र अरबाज खान की मौत हो गई, जबकि शिक्षक अशोक सोनी बुरी तरह घायल हो गए।
हादसे में शिक्षक भी घायल
हादसे में घायल शिक्षक अशोक सोनी के दोनों पैर टूट गए हैं। उन्हें तुरंत राजकीय जवाहर हॉस्पिटल रेफर किया गया, जहां उनका इलाज जारी है। इस घटना से स्कूल प्रशासन की लापरवाही का फिर से पर्दाफाश हुआ है, क्योंकि स्कूल का गेट तीन साल पहले टक्कर लगने के बाद जर्जर हो गया था, लेकिन इसकी मरम्मत नहीं कराई गई। इसके बाद स्कूल सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।
झालावाड़ हादसे की याद ताजा
यह घटना झालावाड़ स्कूल हादसे की याद ताजा कर देती है, जहां सरकारी स्कूल की जर्जर हालत के कारण कई छात्रों की जान चली गई थी। इस हादसे के बाद जैसलमेर में भी इसी तरह की लापरवाही सामने आई है। स्कूल प्रशासन की नीरसता और संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ।
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लापरवाही पर सवाल उठते हैं
पिछले तीन साल से स्कूल का गेट जर्जर हो चुका था, लेकिन इसकी मरम्मत के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। यह घटना यह साबित करती है कि राज्य सरकार और स्कूल प्रशासन जर्जर भवनों और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। अगर समय रहते मरम्मत कर दी जाती, तो शायद यह हादसा नहीं होता।
क्या है सरकार की जिम्मेदारी?
राज्य सरकार और स्कूल प्रशासन को जर्जर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। साथ ही सभी स्कूलों में सुरक्षा मानकों का पालन करने के लिए कड़ी निगरानी रखनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके। बड़ा सवाल यह है कि राजस्थान सरकार इन हादसों को रोकने के लिए क्या कदम उठाएगी?
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