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Photograph: (the sootr)
राजस्थान में झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव के सरकारी स्कूल के भवन की छत गिरने से सात बच्चों की मौत के बाद सरकार ने बड़ा एक्शन किया है। इसमें जिला शिक्षा अधिकारी समेत पांच अफसरों को निलंबित कर दिया गया है। यह कदम जांच रिपोर्ट मिलने के बाद उठाया है।
यह हादसा दो दिन पहले हुआ था। इसमें सात स्कूली बच्चों की मौत हो गई, जबकि 28 बच्चे घायल हो गए थे। इस हादसे के बाद स्कूल भवनों की जर्जर हालत को लेकर सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी। सरकार ने इस मामले में जांच कमेटी भी गठित की थी।
ये हैं निलंबित अधिकारी
जांच के बाद जिन अधिकारियों को निलंबित किया है, उनमें झालावाड़ की प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी नरसो मीणा, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार बालासोरिया, पूर्व मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी चंद्र शेखर लुहार, मनोहरथाना के पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी मनपसर प्रभुलाल कारपेंटर, समग्र शिक्षा के सहायक अभियंता तथा तत्कालीन प्रारंभिक पंचायत शिक्षा अधिकारी राधेश्याम मीणा शामिल हैं। मनोहरथाना के कनिष्ठ अभियंता, जो संविदा पर कार्यरत हैं, की सेवा समाप्त करने के आदेश जारी किए गए हैं।
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सरकार ने हादसे के दिन ही पिपलोदी की कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका मीना शर्मा, प्रबोधक बद्रीलाल लोधा, शिक्षक कन्हैया लाल सुमन, राम बिलास लववंशी तथा जावेद अहमद को घटना का प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया था। इस एक्शन के बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि बच्चों के जीवन के साथ कोई खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जर्जर भवनों पर खर्च हो सकेगी 20 प्रतिशत राशि
उधर, घटना के बाद हरकत में आई भजनलाल शर्मा सरकार ने प्रदेश के जर्जर सरकारी स्कूल इमारतों को दुरुस्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं। क्षेत्रीय विकास बोर्ड अब 15 प्रतिशत की बजाय 20 प्रतिशत राशि जर्जर भवन को सही कराने पर खर्च कर सकेंगे। इसी तरह विधायक भी अपनी निधि का 20 प्रतिशत धन ऐसे भवनों पर खर्च कर सकेंगे। प्रदेश में आठ हजार से अधिक जर्जर स्कूल भवन हैं। ये स्कूल मरम्मत मांग रहे हैं।
जर्जर भवनों की होगी सिक्योरिटी जांच
राजस्थान सरकार ने जर्जर भवनों की सिक्योरिटी ऑडिट के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित की है। यह समिति जर्जर भवनों को लेकर पांच दिन में रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। हालांकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तीसरे दिन भी घटनास्थल पर नहीं पहुंच सके हैं।
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