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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान में जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर राज्य सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास के निर्देश पर जलदाय विभाग ने 140 अधिकारियों और कर्मचारियों को चार्जशीट थमाई है। यह कार्रवाई खासतौर पर उन अधिकारियों के खिलाफ की गई है, जो घोटाले में लिप्त थे या जिनकी कार्यप्रणाली संदिग्ध रही।
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एक ही विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई
यह पहली बार है, जब राजस्थान में एक ही विभाग के इतने बड़े संख्या में अधिकारियों को एक साथ चार्जशीट दी गई है। जलदाय विभाग के द्वारा आयोजित किए गए शिविर में इन अधिकारियों को बुलाकर चार्जशीट दी गई। अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए थे कि वे अपनी रसूखदार संपर्कों का उपयोग न कर सकें, इसलिए उनके मोबाइल फोन स्विच ऑफ करवा दिए गए थे।
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प्रमुख अधिकारी और कर्मचारी शामिल
इन 140 अधिकारियों में 15 एक्सईएन, 40 एईएन और 50 जेईएन शामिल हैं। इसके अलावा, 35 अन्य बड़े अधिकारी भी इस कार्रवाई का हिस्सा हैं। इन सभी अधिकारियों से सवाल किए गए हैं और अब उनके खिलाफ अगली कार्रवाई की जाएगी।
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फर्मों को बिना काम भुगतान
जल जीवन मिशन के तहत कई ठेकेदारों और फर्मों को बिना काम किए ही करोड़ों रुपए का एडवांस भुगतान किया गया। इनमें कई फर्में तो ब्लैक लिस्टेड थीं और उन्होंने कोई काम भी नहीं किया था। इसके बावजूद, इन फर्मों को कागजों पर काम दिखाकर भुगतान कर दिया गया।
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मुख्य सचिव ने लिया सख्त एक्शन
मुख्य सचिव आईएएस वी. श्रीनिवास ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया और जल जीवन मिशन घोटाले से संबंधित सभी फाइलों को खंगालने के निर्देश दिए। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि जो भी अधिकारी या कर्मचारी घोटाले में शामिल रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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जल जीवन मिशन घोटाले की गंभीरता
जल जीवन मिशन का उद्देश्य राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति करना था, लेकिन इस मिशन के नाम पर हुए भ्रष्टाचार ने सरकार के इस प्रयास को धक्का पहुंचाया। इस घोटाले ने लाखों रुपए के सरकारी धन का दुरुपयोग किया और राज्य की गरीब जनता को पानी जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित किया। जल जीवन मिशन घोटाला राज्य पर बदनुमा दाग की तरह है।
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