जल जीवन मिशन घोटाला : एसीबी की एसआईटी ने जल भवन से जुटाई फाइलें, दस्तावेजों से जोड़ेगी तार

राजस्थान के बहुचर्चित जल जीवन मिशन घोटाले की जांच में एसीबी की एसआईटी दस्तावेजों की छानबीन कर रही है। पांच आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद जांच और तेज हुई है। इस योजना में 900 करोड़ रुपए का घोटाला होने के आरोप हैं।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान में जल जीवन मिशन घोटाला सुर्खियों में है। इस घोटाले की जांच कर रही एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) की एसआईटी अब दस्तावेजों की छानबीन कर रही है और इस मामले को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है। एसीबी की एक टीम ने गुरुवार को जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के मुख्यालय जल भवन पहुंचकर मिशन से जुड़ी फाइलें एकत्रित की हैं।

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आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया

इस मामले में बुधवार को एसीबी ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें गणपति ट्यूबवैल के प्रोपराइटर महेश कुमार मित्तल, उनके बेटे हेमंत मित्तल, श्याम ट्यूबवैल के मैनेजर उमेश कुमार शर्मा, पीएचईडी के तत्कालीन लेखाधिकारी गोपाल कुमावत और श्याम ट्यूबवैल के प्रोपराइटर पदमचंद जैन के बेटे पीयूष जैन शामिल हैं। इन सभी को गुरुवार को एसीबी कोर्ट में पेश किया जाएगा।

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फर्जी दस्तावेजों के जरिए टेंडर

पीएचईडी के कार्यवाहक मुख्य अभियंता अजय सिंह राठौड़ ने बताया कि जल जीवन मिशन का काम 2019 में शुरू हुआ था, लेकिन 2021-22 में फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से टेंडर हासिल किए गए थे। विभाग भी इसकी जांच कर रहा है और उन ठेकेदारों को चिह्नित कर ब्लैकलिस्ट किया गया है। इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरोपियों की संपत्ति भी जब्त की है।

एसआईटी का गठन और दस्तावेजों की छानबीन

एसीबी ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है, ताकि घोटाले से जुड़े दस्तावेजों की पूरी जांच की जा सके। इस मामले में विभाग ने 170 अधिकारियों और कर्मचारियों को चिह्नित किया है, जिनमें से लगभग 100 को आरोप-पत्र जारी किए जा चुके हैं। जांच में अब तक कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित भी किया गया है।

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मेजरमेंट बुक से जुड़ा विवाद

एसआईटी द्वारा जांच के दौरान यह पता चला कि ठेकेदारों के घरों और कार्यालयों में मेजरमेंट बुक मिली हैं, जिनमें मनमाने तरीके से बिल उठाए गए थे। यह एक गंभीर मुद्दा है और इसे लेकर विभागीय जांच और एसीबी की जांच दोनों जारी हैं।

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आरोप-पत्र और सस्पेंशन

अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ आरोप-पत्र जारी किए जा रहे हैं और कुछ को सस्पेंड भी किया गया है। जांच के लिए 17-ए के तहत स्वीकृतियां भी जारी की गई हैं। मेजरमेंट बुक्स में किए गए मनमाने इंद्राज और अनियमितताओं पर जांच जारी है और मामले के हर पहलू की गहनता से जांच की जा रही है।

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मुख्य बिंदु

  • एसीबी की एसआईटी जल जीवन मिशन से जुड़े फर्जी दस्तावेजों और ठेकेदारों द्वारा किए गए अनुचित लाभ की जांच कर रही है। इसके अलावा, मेजरमेंट बुक्स में मनमाने तरीके से बिल उठाने की जांच भी चल रही है।
  • एसीबी ने बुधवार को पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें महेश कुमार मित्तल, हेमंत मित्तल, उमेश कुमार शर्मा, गोपाल कुमावत और पीयूष जैन शामिल हैं। इन सभी को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया।
  • जल जीवन मिशन घोटाले में संलिप्तता के कारण एसीबी ने एसआईटी का गठन किया है, ताकि फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल, टेंडर में धांधली और अनियमितताओं की गहनता से जांच की जा सके।
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