भाजपा नेताओं ने कलेक्टर से की बदसलूकी, कोविड में दर्ज हुआ मुकदमा, 5 साल बाद मिली कोर्ट से राहत

राजस्थान के झुंझुनूं में सीजेएम कोर्ट ने 16 भाजपा नेताओं को कोविड गाइडलाइन उल्लंघन और कलेक्टर से बदसुलकी के मामले में बरी किया है। मामला 2020 में कलेक्टर के चैंबर में विरोध और बदसलूकी का है। कोर्ट ने कोरोना गाइडलाइन उल्लंघन मामले में सभी को बरी किया है।

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Kamlesh Keshote
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Photograph: (the sootr)

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Jhunjhunu: राजस्थान के झुंझुनूं जिले में सीजेएम कोर्ट ने 16 भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को बड़ी राहत देते हुए कोविड गाइडलाइन उल्लंघन और कलेक्टर के साथ बदसुलकी के मामले में बरी कर दिया है। यह फैसला 5 अक्टूबर 2020 को भाजपा नेताओं द्वारा किए गए प्रदर्शन के बाद दर्ज किए गए मामलों पर कोर्ट में सुनवाई के बाद आया। कोर्ट ने कोरोना गाइडलाइन उल्लंघन मामले में सभी आरोपियों को बरी किया है।

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कलेक्टर के साथ हुआ था विवाद 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 5 अक्टूबर 2020 को तत्कालीन जिला कलेक्टर यूडी खान के साथ भाजपा नेताओं का विवाद हुआ था। उन नेताओं में पूर्व सांसद नरेंद्र कुमार, पूर्व विधायक सुभाष पूनिया और भाजपा के अन्य प्रमुख कार्यकर्ता शामिल थे। कलेक्टर ने बैठकर ही उनसे ज्ञापन लिया। जिससे भाजपा नेताओं में नाराजगी बढ़ गई। इसके बाद उन्होंने कलेक्टर के चैंबर में टेबल बजाकर विरोध जताया और कथित तौर पर अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया।

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कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उस समय रैली में शामिल भाजपा कार्यकर्ताओं ने कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन किया। वे मास्क नहीं पहने थे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया था। इसके बाद तत्कालीन जिला कलेक्टर के गनमैन और एसआई श्रवण कुमार नील ने दोनों मामलों में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस जांच के बाद यह पाया गया कि आरोप झूठे थे और कोर्ट में एफआर पेश की गई।

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5 साल बाद कोर्ट का फैसला 

सीजेएम कोर्ट ने पांच साल बाद सभी भाजपा नेताओं को कोरोना गाइडलाइन उल्लंघन और राजकार्य में बाधा डालने के मामले में बरी कर दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद आरोपितों ने राहत की सांस ली। मामले की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सुभाष चंद्र पूनिया, युवा अधिवक्ता अशोक शर्मा और एडवोकेट रवि शुक्ला ने बताया कि कोर्ट ने 29 मई 2024 को इस मामले में प्रसंज्ञान लिया था। इसके बाद लगभग डेढ़ साल तक ट्रायल चला। जिसमें अभियोजन पक्ष ने 10 गवाहों के बयान दर्ज किए। कोर्ट ने गवाहों और तथ्यों का गहन विश्लेषण किया और अंततः 6 दिसंबर 2025 को अपना फैसला सुनाया।

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कोर्ट से बरी होने वाले नेता 

सीजेएम कोर्ट ने जिन 16 भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को बरी किया। उनमें पूर्व सांसद नरेंद्र कुमार, पूर्व विधायक सुभाष पूनिया, पूर्व जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया, महिला मोर्चा अध्यक्ष सुधा पंवार, और अन्य प्रमुख नेता शामिल थे। इस मामले के फैसले की तारीख पहले 1 दिसंबर, 2025 तय की गई थी। लेकिन 16 में से दो भाजपा नेता उस दिन कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए थे। जिसके बाद कोर्ट ने फैसला 6 दिसंबर 2025 तक स्थगित कर दिया था। दोनों नेताओं की उपस्थिति के बाद कोर्ट ने 6 दिसंबर को सभी आरोपियों को उपस्थित होने का निर्देश दिया और फिर अंतिम फैसला सुनाया।

मुख्य बिंदु 

कोविड गाइडलाइन का उलंघन: 5 अक्टूबर 2020 को भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए रैली आयोजित की थी। जिसमें मास्क नहीं पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने के आरोप थे।

कलेक्टर से हुआ विवाद: भाजपा नेताओं ने कलेक्टर से ज्ञापन लेने के दौरान विवाद किया था। क्योंकि कलेक्टर ने खड़े होने के बजाय कुर्सी पर बैठकर ज्ञापन लिया। जिससे भाजपा नेताओं में नाराजगी उत्पन्न हुई और उन्होंने विरोधस्वरूप टेबल बजाई।

भाजपा के 16 नेता बरी: कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया। क्योंकि पुलिस जांच में आरोप झूठे पाए गए थे। कोर्ट में एफआर पेश की गई थी। ट्रायल में गवाहों के बयान के बाद कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया।

राजस्थान भाजपा नेता कोर्ट झुंझुनूं
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