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Photograph: (the sootr)
राजस्थान के झुंझुनूं जिले की वीरांगना ओम कंवर ने जिला कलेक्टर कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। उनका कहना है कि पिछले आठ महीने से उनके खेत पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है और वे बार-बार पुलिस थानों के चक्कर काटने के बावजूद न्याय प्राप्त नहीं कर पा रही हैं। इस निरंतर हो रही प्रताड़ना और न्याय की अनदेखी से वह इतनी टूट चुकी हैं कि उन्होंने अब इच्छा मृत्यु की मांग की है।
पड़ोसियों ने किया हमला
19 जुलाई, 2025 को ओम कंवर के पड़ोसियों विकेंद्र सिंह, आनंद सिंह, राजू कंवर और सुरज्ञान कंवर ने उनके खेत पर कब्जा करने की कोशिश की। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो उन्हें मुंह दबाकर खेत से बाहर फेंक दिया गया। ओम कंवर ने इस घटना की शिकायत बगड़ थाने में की और एफआईआर भी दर्ज करवाई, लेकिन पुलिस ने मामले को गवाह न मिलने के कारण टाल दिया। ओम कंवर का आरोप है कि उनके पास गवाह लाने का कोई साधन नहीं है और पुलिस ने उनका साथ नहीं दिया।
झूठे आरोप और मुकदमा
घटना के दो दिन बाद ओम कंवर के जेठ के बेटे विक्रम सिंह पर छेड़छाड़ का झूठा मुकदमा दर्ज किया गया। ओम कंवर का कहना है कि यह सब उन्हें और परेशान करने के लिए किया गया है। उन्होंने लिखा है कि वह पूरी तरह से टूट चुकी हैं और अब न्याय की उम्मीद छोड़ चुकी हैं। जमीन पर कब्जा किए जाने के बावजूद, उनकी विरोध करने पर धमकी दी जाती है कि जमीन हमारे नाम कर दो, वरना जान से मार देंगे।
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अब बस इच्छा मृत्यु का विकल्प
ओम कंवर ने जिला कलेक्टर से कहा है कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिलता, तो उनके पति शहीद सुरेंद्र सिंह के नाम से बने विद्यालय का नाम भी हटाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि उनका बेटा नरपत सिंह, जो गुलमर्ग में पोस्टेड है, उसे उनसे मिलने की अनुमति दी जाए। साथ ही मेरा अंतिम संस्कार मेरे खेत में किया जाए। ओम कंवर का कहना है कि वह आठ महीने से न्याय की तलाश में भटक रही हैं और अब उनके पास इच्छा मृत्यु के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। सवाल यह है कि क्या शहीद पत्नी ओम कंवर को न्याय का हक मिलेगा? क्या ओम कंवर की जमीन से दबंगों का कब्जा हट पाएगा?
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