केवलादेव में शुरू होगी बोट सफारी, दुर्लभ पक्षियों को पानी की कलकल के साथ निहार सकेंगे पर्यटक

राजस्थान के भरतपुर स्थित केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में शुरू की जाएगी बोट सफारी। पर्यटक केरल जैसा अनुभव लेंगे और दुर्लभ पक्षियों को नजदीक से देख पाएंगे।

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Amit Baijnath Garg
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राजस्थान के भरतपुर स्थित केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (Keoladeo National Park) ने पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षक अनुभव पेश किया है। अब बोट सफारी के जरिए पर्यटक दुर्लभ पक्षियों को उनके प्राकृतिक वातावरण में नजदीक से देख सकेंगे, जो एक केरल जैसा अनुभव देने वाला होगा। इस सफारी के दौरान पर्यटक हरियाली से घिरे तालाबों और ऊपर उड़ते रंग-बिरंगे पक्षियों का दृश्य देख पाएंगे।

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नाव सफारी : एक नई शुरुआत

नाव सफारी की यह सुविधा केवलादेव में पहली बार शुरू हो रही है, जो हर साल अक्टूबर से मार्च तक पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनती है। इस सफारी का कुल मार्ग लगभग 3 किलोमीटर लंबा होगा और यहां पर्यटक डार्टर, कॉर्मोरेंट, पेंटेड स्टार्क और नाइट हेरोन जैसे दुर्लभ पक्षियों को देख सकेंगे। इन पक्षियों के घोंसलों में चहचहाते बच्चों को देखना एक अविस्मरणीय अनुभव होगा, जो किसी भी पक्षी प्रेमी के लिए बेहद खास होगा।

औपचारिकताएं अंतिम चरण में

उद्यान निदेशक मानस सिंह ने बताया कि नाव सफारी शुरू करने की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। परिवहन विभाग और श्रम विभाग से आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। अगले एक सप्ताह में सफारी के लिए सभी प्रक्रियाएं पूरी हो सकती हैं। नावों की मरम्मत का काम चल रहा है और उन्हें जीवन रक्षक उपकरणों से लैस किया जा रहा है, ताकि पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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चार और आठ सीटर नावें, शुल्क भी तय

इस बार पर्यटकों के लिए दो प्रकार की नावें उपलब्ध कराई जाएंगी। इनमें चार सीटर नाव और आठ सीटर नाव होंगी। चार सीटर नाव का शुल्क 330 रुपए और आठ सीटर नाव का शुल्क 660 रुपए निर्धारित किया गया है। यह शुल्क पर्यटकों को किफायती दरों पर बेहतर अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से तय किया गया है।

दुर्लभ पक्षियों से साक्षात्कार

नाव सफारी का सबसे बड़ा आकर्षण दुर्लभ पक्षियों का नजदीक से अनुभव होगा। पर्यटक इन पक्षियों को इतने करीब से देख सकेंगे कि उनका व्यवहार, आवाज और घोंसलों में पल रहे बच्चे दिखाई देंगे। यह विशेष अनुभव पक्षी प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए अद्भुत रहेगा। पानी में तैरती नाव और ऊपर उड़ते पक्षियों के झुंड का दृश्य हर किसी के लिए एक यादगार पल बनेगा।

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राजस्थान में केरल जैसा अनुभव

मानस सिंह का कहना है कि नाव सफारी के दौरान पर्यटक राजस्थान में रहते हुए भी केरल की सुंदरता का अनुभव कर सकेंगे। इस सफारी में तालाबों में पानी की लहरों के बीच चलती नाव, चारों ओर घना जंगल और पक्षियों का कलरव मिलकर एक ऐसे वातावरण का निर्माण करेंगे, जो किसी सपने जैसा होगा। यह सफर न केवल रोमांचक होगा, बल्कि मन को शांति और प्रकृति से जुड़ने का अवसर भी देगा।

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पर्यटन सीजन में मिलेगा नया आकर्षण

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान हर साल अक्टूबर से मार्च के बीच देसी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस समय प्रवासी पक्षियों का डेरा लगता है, जो रूस, साइबेरिया और यूरोप से आते हैं। नाव सफारी के जरिए पर्यटक इन पक्षियों को बेहद करीब से देख सकेंगे। यह नई सुविधा उद्यान में पर्यटन को और बढ़ावा देगी। खासकर उन लोगों के लिए, जो वाइल्डलाइफ और पक्षी अवलोकन में रुचि रखते हैं।

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महत्वपूर्ण तथ्य

नाव सफारी का मार्ग : 3 किलोमीटर लंबा जलमार्ग
शुल्क : चार सीटर नाव-330 रुपए, आठ सीटर नाव-660 रुपए
दुर्लभ पक्षी : डार्टर, कॉर्मोरेंट, पेंटेड स्टार्क, नाइट हेरोन
उम्मीद : केरल जैसा अनुभव राजस्थान में

FAQ

1. केवलादेव में नाव सफारी का क्या महत्व है?
नाव सफारी (Boat Safari) पर्यटकों को दुर्लभ पक्षियों को उनके प्राकृतिक आवास में नजदीक से देखने का अवसर देती है, जो पर्यटकों के लिए एक केरल जैसा अनुभव (Kerala-like experience) होता है।
2. केवलादेव में नाव सफारी की शुल्क संरचना क्या है?
चार सीटर नाव का शुल्क 330 रुपये और आठ सीटर नाव का शुल्क 660 रुपये निर्धारित किया गया है, ताकि पर्यटन (Tourism) का अनुभव किफायती हो सके।
3. नाव सफारी के दौरान कौन से पक्षी देखे जा सकते हैं?
नाव सफारी के दौरान पर्यटक डार्टर (Darter), कॉर्मोरेंट (Cormorant), पेंटेड स्टार्क (Painted Stork), और नाइट हेरोन (Night Heron) जैसे दुर्लभ पक्षी देख सकते हैं।

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