पक्षियों की कई प्रजातियों से गुलजार केवलादेव, पेंटेड स्टार्क का झुंड कर रहा कलरव, कार्मोरेंट भी पहुंचे

राजस्थान के भरतपुर स्थित केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में 200 पेंटेड स्टार्क का झुंड पहुंचा, 700 कार्मोरेंट भी पहुंचे, पक्षियों की नेस्टिंग और बर्ड फ्लू से सतर्कता बढ़ी। घना पक्षियों से हुआ गुलजार।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान के भरतपुर स्थित प्रसिद्ध केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (Keoladeo National Park) एक बार फिर प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट से गुलजार हो गया है। इस बार यहां लगभग 200 पेंटेड स्टार्क का झुंड पहुंच चुका है और इनकी नेस्टिंग प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। साथ ही करीब 700 कार्मोरेंट भी यहां पहुंचे हैं, जो घना पक्षी विहार की रौनक को और बढ़ा रहे हैं। पक्षी प्रेमी, पर्यटक और फोटोग्राफर इस दृश्य से रोमांचित हैं।

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पेंटेड स्टार्क की खूबसूरत रंगत

पेंटेड स्टार्क को अपनी खूबसूरत रंगत के कारण जीवित पेंटिंग भी कहा जाता है। इसका शरीर सफेद होता है, लेकिन इसके पंखों पर गुलाबी आभा, काले धारियां और लंबी पीली चोंच इसे बहुत आकर्षक बनाती हैं। यह पक्षी तालाबों और झीलों में मछलियां, मेंढक और छोटे जलीय जीव खाकर जीवन-यापन करता है। शिकार करते वक्त यह अपनी लंबी चोंच को पानी में डालकर धीरे-धीरे आगे बढ़ता है और जैसे ही शिकार उसके संपर्क में आता है, तुरंत उसे पकड़ लेता है।

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नेस्टिंग और प्रजनन चक्र

पेंटेड स्टार्क सामाजिक पक्षी होते हैं और बड़े झुंड में रहना पसंद करते हैं। ये आमतौर पर ऊंचे पेड़ों पर घोंसले बनाते हैं। मादा स्टार्क सामान्यतः 2 से 5 अंडे देती है और इन अंडों का ऊष्मायन लगभग एक माह तक रहता है। बच्चे घोंसले में ही रहते हैं और धीरे-धीरे उड़ान भरने योग्य बनते हैं। यह प्रजनन चक्र बारिश और पर्याप्त जल पर निर्भर करता है, जो पेंटेड स्टार्क के जीवन चक्र के लिए महत्वपूर्ण है।

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उद्यान का पारिस्थितिकी तंत्र और अन्य पक्षी

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में सिर्फ पेंटेड स्टार्क ही नहीं, बल्कि 700 कार्मोरेंट के साथ-साथ ईग्रेट, आइबिस और स्पूनबिल जैसे कई अन्य पक्षी भी दिखाई दे रहे हैं। यह संकेत है कि उद्यान का पारिस्थितिकी तंत्र पक्षियों के लिए बेहद अनुकूल है। हालांकि बर्ड फ्लू जैसी बीमारियां इन पक्षियों की सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती हैं।

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बर्ड फ्लू और सतर्कता

पिछले वर्ष बर्ड फ्लू की चपेट में आने से 40 पेंटेड स्टार्क के बच्चे काल का ग्रास बन गए थे। इस वर्ष विभाग पूरी तरह से सतर्क है और किसी भी पक्षी में बर्ड फ्लू के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत सैंपलिंग की जाएगी। वन विभाग की टीमें निगरानी कर रही हैं, ताकि कोई भी संक्रमण न फैले।

FAQ

Q1: पेंटेड स्टार्क (Painted Storks) का क्या महत्व है?
पेंटेड स्टार्क का महत्व उनके अद्वितीय रंग और पारिस्थितिकी तंत्र में उनके योगदान के कारण है। ये पक्षी जल पर्यावरण में संतुलन बनाए रखते हैं और मछलियां, मेंढक आदि खाकर जीवन यापन करते हैं।
Q2: क्या पेंटेड स्टार्क की नेस्टिंग (Nesting) प्रक्रिया सामान्य रूप से होती है?
पेंटेड स्टार्क की नेस्टिंग प्रक्रिया आमतौर पर ऊंचे पेड़ों पर होती है और इसमें मादा स्टार्क 2 से 5 अंडे देती है, जिनकी ऊष्मायन अवधि एक माह होती है।
Q3: बर्ड फ्लू के कारण पेंटेड स्टार्क की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
बर्ड फ्लू के जोखिम को देखते हुए वन विभाग पूरी तरह सतर्क है और किसी भी पक्षी में लक्षण पाए जाने पर त्वरित सैंपलिंग (Sampling) की जाती है।

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