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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान सरकार के पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। जोशी पिछले आठ महीने से जयपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। ईडी ने जोशी को जल जीवन मिशन से संबंधित कथित 900 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप में 24 अप्रेल को गिरफ्तार किया था।
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हाई कोर्ट ने की थी याचिका खारिज
इसी दौरान उनकी पत्नी गंभीर बीमारी की हालत में अस्पताल में भर्ती थीं। अप्रैल के अंत में जोशी को पत्नी की मृत्यु के चलते कुछ दिन की अंत​रिम जमानत मिली थी। इसके बाद से ही जोशी निरंतर जेल में हैं। राजस्थान हाई कोर्ट ने 26 अगस्त को जमानत देने से इनकार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती
हाई कोर्ट के आदेश को जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने उनकी अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी करके 21 नवंबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था। बुधवार को बेंच ने फैसला सुनाया और जोशी की अपील मंजूर करते हुए उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं।
आरोपों की पुष्टि नहीं होती
जोशी की ओर से सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा और एडवोकेट विवेक जैन ने कोर्ट को कहा था कि जोशी अप्रैल से जेल में हैं और अब तक मामले की ट्रायल शुरू नहीं हुई है। ईडी के तथ्यों से रिश्वत लेने के आरोपों की पुष्टि नहीं होती।
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रिश्वत वापस नहीं होती
उन्होंने कहा कि ईडी के अनुसार जोशी ने अपने बेटे की फर्म के जरिए ऋण के नाम पर 55 लाख रुपए की रिश्वत ली थी, जबकि यह रिश्चत का पैसा नहीं था, क्योंकि यह पूरा पैसा वापस लौटाया जा चुका है। यदि यह रिश्वत का पैसा होता तो वापस नहीं दिया जाता।
जेल में नहीं रखा जा सकता
ट्रायल पूरा होने तक जोशी को जेल में नहीं रखा जा सकता। ईडी का आरोप है कि जोशी ने मंत्री रहते हुए मामले के दूसरे आरोपी महेश मित्तल और पदमचंद जैन को नियमों का उल्लंघन कर जल जीवन मिशन के तहत टेंडर दिलवाए और करीब दो करोड़ रुपए का घोटाला किया था।
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