माही परमाणु बिजलीघर परियोजना पर टकराव :  सांसद राजकुमार रोत ने किया विरोध तो पक्ष में दूसरे नेता

सांसद राजकुमार रोत ने माही परमाणु बिजलीघर के खिलाफ विरोध जताया,  कुछ नेताओं का कहना है कि यह परियोजना बांसवाड़ा-डूंगरपुर क्षेत्र के लिए फायदेमंद होगी।

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Gyan Chand Patni
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भारत आदिवासी पार्टी से बांसवाड़ा-डूंगरपुर के सांसद राजकुमार रोत ने राजस्थान के बांसवाड़ा में  माही परमाणु बिजलीघर परियोजना का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह परियोजना क्षेत्र के लिए खतरनाक हो सकती है।
रोत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह परियोजना आदिवासी समुदाय की भूमि पर अवैध कब्जा कर बनाई जा रही है और विस्थापित आदिवासी परिवारों के उचित मुआवजे की कोई गारंटी नहीं दी गई है। उनके अनुसार, यह परियोजना स्थानीय समुदायों के खिलाफ है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शिलान्यास किया जाना अन्यायपूर्ण है।

राजकुमार रोत का बयान

राजकुमार रोत ने सोशल मीडिया पर लिखा, "माही परमाणु बिजलीघर इस क्षेत्र के लिए एक घातक परियोजना साबित हो सकती है। आदिवासी समाज ने वर्षों से इसका विरोध किया है, फिर भी सरकार इसे लागू कर रही है।" उनका आरोप है कि विस्थापित आदिवासी परिवारों को उचित मुआवजा नहीं दिया गया है और सरकार ने इस मुद्दे को नजरअंदाज किया है।

रोत के पक्ष में प्रतिक्रियाएं

BAP सांसद राजकुमार रोत की पोस्ट पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। एक तरफ कुछ लोग परियोजना के विरोध में खड़े हैं, तो दूसरी तरफ कई लोग इसके विकास को लेकर उत्साहित हैं। एक यूजर ने लिखा, "यहां विकास चाहिए, लेकिन किसी को भी इस तरह से अपनी जमीन नहीं गंवानी चाहिए।" वहीं, एक और यूजर ने कहा, "यह एक अहम कदम है, बांसवाड़ा का विकास होगा।"

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पूर्व सांसद कनकमल कटारा का बयान

पूर्व सांसद कनकमल कटारा ने रोत के विरोध को अनावश्यक बताते हुए कहा कि विरोध के लिए विरोध ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि कोई सही मांग करता है, तो उसे सुना जाएगा और समाधान किया जाएगा। कटारा ने यह भी कहा कि परमाणु बिजलीघर से केवल बांसवाड़ा ही नहीं, बल्कि डूंगरपुर और पूरे प्रदेश का विकास होगा।

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रमेश पंड्या का पक्ष

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रमेश पंड्या का कहना है कि अब परमाणु बिजलीघर का विरोध नहीं करना चाहिए। यह परियोजना बांसवाड़ा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगी, जैसे माही डेम ने दी। पंड्या का मानना है कि इस परियोजना से रोजगार और विकास के नए अवसर पैदा होंगे।

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गढ़ी विधायक कैलाश मीणा का बयान

गढ़ी विधायक कैलाश मीणा ने कहा कि परमाणु बिजलीघर से न केवल हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि इससे उद्योगों को भी बिजली मिलेगी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सिर्फ राजनीति करते हैं और विकास के बारे में सोचने के बजाय लोगों को भ्रमित करते हैं। मीणा ने कहा, "इन लोगों की सोच विनाशकाले विपरीत बुद्धि जैसी है।"

प्रधानमंत्री का संभावित कार्यक्रम

माही-बांसवाड़ा परमाणु बिजलीघर का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने की संभावना है। यह परियोजना राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (NTPC) और भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम (NPCIL) के संयुक्त उद्यम अणुशक्ति विद्युत निगम द्वारा विकसित की जा रही है। इस परियोजना में 2800 मेगावाट की कुल क्षमता वाले चार रिएक्टर बनाए जाएंगे, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 700 मेगावाट होगी। 

FAQ

राजकुमार रोत इस परियोजना का विरोध क्यों कर रहे हैं ?
राजकुमार रोत का कहना है कि यह परियोजना आदिवासी समुदाय की भूमि पर अवैध कब्जा कर बनाई जा रही है और विस्थापितों को उचित मुआवजा नहीं दिया गया है।
2. क्या इस परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे?
जी हां, माही-बांसवाड़ा परमाणु बिजलीघर का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने की संभावना है।
3. क्या परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड ने इस परियोजना को मंजूरी दी है?
हां, परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड ने इस परियोजना के लिए अपनी सहमति दे दी है और वर्तमान में परियोजना-पूर्व गतिविधियां चल रही हैं।

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