करोड़ों का घोटाला, मजदूरों के नाम फर्जी कंपनी बनाकर 100 करोड़ तक की टैक्स चोरी
राजस्थान के अजमेर के किशनगढ़ में मजदूरों के नाम पर फर्जी कंपनियां बनाकर 100 करोड़ की टैक्स चोरी का बड़ा घोटाला सामने आया है, DGGI की छापेमारी जारी। कई सबूत हाथ लगे।
राजस्थान के अजमेर (Ajmer) जिले के किशनगढ़ में लाखों का टैक्स चोरी घोटाला सामने आया है, जिसे लेकर सेंट्रल जीएसटी (CGST) और डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) की संयुक्त टीम ने छापेमारी की। यह घोटाला फर्जी कंपनियों के माध्यम से टैक्स बचाने का मामला है, जिसमें मजदूर वर्ग के लोगों के नाम का इस्तेमाल कर करोड़ों रुपए के बिल जारी किए गए। अधिकारियों का मानना है कि यह घोटाला 50 से 100 करोड़ रुपए तक हो सकता है।
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सूत्रों के अनुसार, आरोपितों ने रिक्शा चालकों, ऑटो चालकों और छोटे व्यापारियों के नाम पर फर्जी कंपनियां बनाई थीं। इन कंपनियों के माध्यम से मार्बल और ग्रेनाइट पर लगने वाली जीएसटी से बचने के लिए बोगस बिल जारी किए गए। इन बिलों का इस्तेमाल करके टैक्स चोरी की गई और सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ।
कंपनी के दस्तावेजों और बोगस बिलों की जांच
छापेमारी के दौरान अधिकारियों को कई फर्जी बिल और दस्तावेज मिले हैं। यह दस्तावेज उन फर्जी कंपनियों के हैं, जिनका इस्तेमाल टैक्स चोरी करने के लिए किया जा रहा था। प्रारंभिक जांच के दौरान ही इस घोटाले का आंकड़ा 50 करोड़ से 100 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। इस मामले में डीजीजीआई और सीजीएसटी की टीमें आगे की जांच कर रही हैं।
अधिकारियों का मानना है कि यह घोटाला केवल एक व्यक्ति या संगठन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक संगठित नेटवर्क के तहत किया जा रहा था। इसमें स्थानीय और बाहरी कारोबारियों का सहयोग हो सकता है। हाल ही में किए गए छापेमारी में नरेंद्र, हंसराज, भरत और बालवीर के ठिकानों को टारगेट किया गया था। जांच के दौरान डिजिटल डेटा और दस्तावेजों की छानबीन की जा रही है, जिससे इस मामले में और बड़े खुलासे की संभावना जताई जा रही है।
आगे की जांच और कार्रवाई
इस मामले की जांच जारी है और अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही बड़े खुलासे होंगे। संदिग्धों से पूछताछ और दस्तावेजों की जांच करके यह पाया जाएगा कि यह घोटाला किस स्तर तक फैला हुआ है। टैक्स चोरी के इस बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए कार्रवाई तेज की जा रही है।
FAQ
1. टैक्स चोरी का यह घोटाला कैसे सामने आया?
यह घोटाला किशनगढ़ में सेंट्रल जीएसटी और DGGI की संयुक्त टीम द्वारा की गई छापेमारी में सामने आया, जिसमें फर्जी कंपनियों के माध्यम से बोगस बिल जारी किए गए थे।
2. इस घोटाले में कितने करोड़ की चोरी का अनुमान है?
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इस घोटाले में 50 करोड़ से 100 करोड़ रुपये तक की टैक्स चोरी का अनुमान है।
3. क्या इस घोटाले में शामिल अन्य कारोबारी भी पकड़े गए हैं?
जांच में आरोपितों के नेटवर्क से जुड़े अन्य कारोबारियों के भी नाम सामने आ रहे हैं, और कार्रवाई जारी है।