राजस्थान में मिग-21 ने भरी आखिरी उड़ान, 1963 में हुआ था वायुसेना में शामिल, सितंबर में होगा रिटायर

राजस्थान के बीकानेर में मिग-21 ने आखिरी उड़ान भरी। भारतीय वायु सेना के इस फाइटर जेट ने 6 दशकों तक भारतीय सीमाओं की रक्षा की। 19 सितंबर को इसकी विदाई होगी।

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Nitin Kumar Bhal
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भारत की वायुसेना (Indian Air Force) के लिए एक ऐतिहासिक पल आया जब मिग-21 (MiG-21) लड़ाकू विमान ने अपनी आखिरी उड़ान (Last Flight) भरी। राजस्थान (Rajasthan) के बीकानेर (Bikaner) के नाल एयरबेस (Nal Airbase) से यह विमान उड़ान भरते हुए भारतीय वायुसेना की लंबी और गौरवपूर्ण यात्रा को समाप्त करने की ओर बढ़ गया। भारतीय वायुसेना के एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह (Air Chief Marshal Amar Preet Singh) ने इस खास मौके पर मिग-21 में उड़ान भरी।

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मिग 21 की आखिरी उड़ान भरते एयरचीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह। Photograph: (The Sootr)

मिग-21 की विरासत क्या है?

मिग-21 (MiG-21), जो लगभग 6 दशकों तक भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की रीढ़ के रूप में कार्य करता रहा है, ने कई महत्वपूर्ण मिशनों और युद्धों में भारत की ताकत को सिद्ध किया है। यह विमान न केवल भारतीय वायुसेना का एक अभिन्न हिस्सा था, बल्कि कई युद्धों में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बालाकोट (Balakot) एयर स्ट्राइक के बाद, मिग-21 बाइसन (MiG-21 Bison) से भारतीय पायलट कैप्टन अभिनंदन वर्धमान (Captain Abhinandan Varthaman) ने पाकिस्तानी F-16 (F-16) को मार गिराया था, जो मिग-21 की दुश्मन विमानों को मार गिराने की क्षमता का गवाह है।

विंग कमांडर जयदीप सिंह के अनुसार, वर्तमान में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) का कोई भी पायलट ऐसा नहीं है जिसने मिग-21 को न उड़ाया हो।

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मिग-21 का नाम कैसे पड़ा?

मिग-21 (MiG-21) को रूस के प्रसिद्ध विमान निर्माता मिकोयान और गुरेविच (Mikoyan and Gurevich) ने डिजाइन किया था, और इसी नाम पर इस विमान का नामकरण किया गया। भारतीय वायुसेना ने मिग-21 को 1963 में अपनी सेवा में लिया था, और तब से यह भारतीय सीमा की सुरक्षा का अहम हिस्सा बन गया था। मिग-21 का भारतीय वायुसेना में 'फर्स्ट सुपरसोनिक्स' (First Supersonics) उपनाम रखा गया था क्योंकि यह भारत का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान (Supersonic Fighter Jet) था।

मिग-21 ने भारतीय वायुसेना के बेड़े में अपनी अहम भूमिका निभाई। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध (India-Pakistan War 1971) में इस विमान ने निर्णायक भूमिका निभाई थी, जब इसने ढाका (Dhaka) में पाकिस्तान के प्रमुख ठिकानों पर हमले किए, जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण किया। मिग-21 की कार्रवाई ने भारत को एक महत्वपूर्ण जीत दिलाई थी।

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दुर्घटनाओं के कारण विवादों में आया मिग-21 

मिग-21 की ख्याति उसकी तेज गति और शानदार लड़ाकू क्षमता के कारण थी, लेकिन इसकी उम्र और एक के बाद एक दुर्घटनाओं ने इसके बारे में विवाद भी पैदा किया। इसके कई दुर्घटनाओं के कारण इसे 'उड़ता ताबूत मिग-21' कहा गया, लेकिन भारतीय वायुसेना ने इसके बावजूद इसे अपना विश्वास बनाए रखा और इस विमान ने कई महत्वपूर्ण अभियानों में भाग लिया।

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मिग 21 की आखिरी उड़ान भरते एयरचीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह। Photograph: (The Sootr)

मिग-21 क्या है?

  • मिग-21 भारत का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान था, जिसे 1963 में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था।

  • यह विमान 1960-70 के दशक में तकनीकी रूप से काफी उन्नत था।

  • 1970 से 2000 तक मिग-21 भारतीय वायुसेना का अहम हिस्सा रहा, जब तक सुखोई-30 को शामिल नहीं किया गया था।

  • मिग-21 सभी मौसमों में कार्य करने में सक्षम था और यह हवा से जमीन पर मार करने वाले विभिन्न प्रकार के हथियार ले जाने में सक्षम था।

  • मिग-21 ने कई महत्वपूर्ण युद्धों में भाग लिया:

    • 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध

    • 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम

    • 1999 में कारगिल युद्ध

    • 2019 में बालाकोट हवाई हमले।

  • ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी मिग-21 अलर्ट पर था।

  • 1971 के युद्ध में मिग-21 ने पाकिस्तानी ठिकानों पर 500 किलोग्राम बम गिराए थे।

  • मिग-21 और पाकिस्तान के एफ-104ए के बीच पहली मुठभेड़ में मिग-21 ने पाकिस्तान के विमान को नष्ट कर दिया था।

  • मिग-21 की कीमत लगभग 200 करोड़ रुपये थी और यह रूस से खरीदा गया था।

  • भारत को कुल 874 मिग-21 मिले थे, जिनमें से 600 मिग-21 का निर्माण भारत में ही किया गया था।

  • पिछले कुछ वर्षों में मिग-21 के क्रैश होने की घटनाएं सामने आईं, जिसके बाद इसे 'उड़ता ताबूत' कहा जाने लगा।

  • मिग-21 पैंथर्स 23 स्क्वाड्रन का हिस्सा है, जो राजस्थान के नाल एयरबेस पर स्थित है।

  • मिग-21 के सम्मान में चंडीगढ़ एयरबेस पर विदाई समारोह का आयोजन किया जाएगा।

  • मिग-21 की जगह अब भारतीय वायु सेना में एलसीए मार्क 1ए विमान को तैनात किया जाएगा।

भारत की सुरक्षा में मिग-21 का योगदान क्या है?

मिग-21 (MiG-21) का योगदान सिर्फ 1971 के युद्ध तक सीमित नहीं रहा। इसने भारतीय वायुसेना को कई युद्धों में बल प्रदान किया और 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मिग-21 ने न केवल दुश्मन के लड़ाकू विमानों को मार गिराया, बल्कि इसने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindhur) में भी अपनी भूमिका निभाई थी।

मिग-21 की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसने न केवल भारत की रक्षा की, बल्कि इसने पाकिस्तान के F-16 जैसे उन्नत लड़ाकू विमानों को भी नष्ट किया। साल 1971 में पाकिस्तान के F-104 से लेकर 2019 में पाकिस्तानी एयरफोर्स के F-16 तक मिग-21 ने कई दुश्मन विमानों को नष्ट किया है।

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मिग 21 की आखिरी उड़ान भरते एयरचीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह। Photograph: (The Sootr)

मिग-21 को क्यों रिटायर किया जा रहा है?

अब मिग-21 (MiG-21) के अंतिम दिन आ गए हैं। यह विमान 2025 की शुरुआत में भी ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindhur) में अपनी 'ऑपरेशनल' भूमिका निभा रहा था, लेकिन अब इसे भारतीय वायुसेना के बेड़े से रिटायर किया जा रहा है। मिग-21 का रिटायरमेंट भारतीय वायुसेना के इतिहास में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है, क्योंकि यह विमान भारतीय वायुसेना की शान और ताकत का प्रतीक था।

अब राजस्थान (Rajasthan) से मिग-21 (MiG-21) को रिटायरमेंट की शुरुआत की जा चुकी है। 25 अगस्त 2025 को एयर चीफ मार्शल एपी सिंह (Air Chief Marshal AP Singh) ने बीकानेर के नाल एयरबेस (Nal Airbase) से मिग-21 की आखिरी उड़ान भरी। यह क्षण वायुसेना के लिए भावनात्मक रूप से बहुत महत्वपूर्ण था, क्योंकि मिग-21 भारतीय वायुसेना के गौरव का हिस्सा रहा है।

मिग-21 का विदाई समारोह कहां होगा?

अब मिग-21 को विदाई (मिग-21 रिटायरमेंट) देने का मुख्य कार्यक्रम 19 सितंबर 2025 को चंडीगढ़ एयरबेस (Chandigarh Airbase) पर आयोजित किया जाएगा। इस समारोह में मिग-21 को औपचारिक रूप से रिटायर किया जाएगा, और भारतीय वायुसेना के नए विमान उसे रिप्लेस करेंगे।

FAQ

1. मिग-21 कब भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ था?
मिग-21 को भारतीय वायुसेना में 1963 में शामिल किया गया था और इसे भारतीय वायुसेना का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान माना जाता है।
2. मिग-21 ने कौन से महत्वपूर्ण युद्धों में भाग लिया?
मिग-21 ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध, कारगिल युद्ध, और ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
3. मिग-21 का अंतिम उड़ान कब भरी गई?
मिग-21 की अंतिम उड़ान 25 अगस्त 2025 को बीकानेर के नाल एयरबेस से एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भरी।
4. मिग-21 को भारतीय वायुसेना से कब रिटायर किया जा रहा है?
मिग-21 को भारतीय वायुसेना से 2025 में रिटायर किया जा रहा है, और इसका विदाई समारोह 19 सितंबर 2025 को चंडीगढ़ एयरबेस पर होगा।
5. मिग-21 के बाद भारतीय वायुसेना में कौन सा विमान आएगा?
मिग-21 के बाद भारतीय वायुसेना में नए और उन्नत लड़ाकू विमान, जैसे कि राफेल (Rafale) और सुखोई-30 (Sukhoi-30), तैनात किए जाएंगे।

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