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राकेश कुमार शर्मा @ जयपुर
Jaipur. तस्करों ने राजस्थान को अपनी गैर कानूनी गतिविधियों का अड्डा बना रखा है। चाहे नशे की तस्करी हो या जाली नोटों की। तस्कर राजस्थान में सक्रिय है। हालांकि पुलिस भी उतनी ही सावचेत है। वह भी तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त करती रहती है। बहुत से तस्कर गिरफ्तार हुए हैं।
नकली नोट को खपाने के मामले में तस्कर राजस्थान को मुफरीद मान रहे हैं। देश में सबसे ज्यादा नकली नोट के मामले दिल्ली में सामने आए हैं। दूसरे नम्बर पर राजस्थान हैं, जहां करोड़ों रुपए के जाली नोट पुलिस ने पकड़े हैं। 500 रुपए के नकली नोट के मामले में राज्य का पहला स्थान है।
NCRB Report 2023 एनसीआरबी 2023 की रिपोर्ट
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक तस्कर नकली नोट खपाने में देशभर में सक्रिय हैं। तस्कर खुद ही जाली नोट छापते हैं और उन्हें आधी या उससे भी कम रेट पर बेचते हैं। पाकिस्तान, बांग्लादेश से भी बड़ी संख्या में जाली नोट छपकर देश में खपाए जा रहे हैं।
पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर राज्यों से भी बड़ी संख्या में जाली नोट देश के दूसरे राज्यों में आ रहे हैं। वर्ष 2023 में देश में 351656 के नकली नोट पकड़े गए। इनमें बंद हुए दो हजार रुपए के भी जाली नोट पकड़े गए हैं।
दिल्ली में नकली नोटों के सबसे अधिक मामले पकड़े गए हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नकली नोटों का काला कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। देश में पकड़े गए जाली नोट की कीमत 16.86 करोड़ रुपए आंकी गई है।
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राजस्थान में दो करोड़ रुपए के 38 हजार जाली नोट पकड़ेएनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 में राजस्थान में 38087 जाली नोट पकड़े गए हैं। अधिकांश जाली नोट 500 रुपए के जब्त हुए हैं। इनकी कीमत एक करोड़ 90 लाख रुपए आंकी गई है। राजधानी दिल्ली में करीब सवा दो करोड़ रुपए के नकली नोट मिले हैं, जिनमें 2,000 रुपए के 3,609 नकली नोट जब्त किए गए, जिनकी कीमत 72.18 लाख रुपए है। असम में भी 1.86 करोड़ रुपए के 37,240 नकली नोट पकड़े गए। उत्तर प्रदेश में करीब सात लाख रुपये मूल्य के 6,848 नकली नोट जब्त किए गए। उत्तर प्रदेश में छोटी राशि के जाली नोट ज्यादा पकड़े गए हैं। 20, 50, 100, 200, जैसे कम कीमत के नकली नोटों की जब्ती के मामले में उत्तरप्रदेश टॉप पर रहा है। | |
जयपुर में रिजर्व बैंक तक पहुंचे नकली नोट
जाली नोट के मामले में आरबीआई ने हाल ही जयपुर के गांधी नगर पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया है। बीकानेर से आई एक तिजोरी में जाली नोट सामने आए है। जिस पर आरबीआई ने गांधी नगर थाने में मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने जीरो नम्बरी एफआईआर काटकर मामले को बीकानेर पुलिस के सुपुर्द कर दिया है।
बीकानेर पुलिस संबंधित बैंक से जाली नोट के संबंध में पूछताछ करेगी। पूर्व में भी जयपुर जिले के बस्सी, कानोता, जयपुर शहर में भी जाली नोट छापकर बाजार में चलाने को लेकर पुलिस ने तस्करों को पकड़ा था। पूछताछ में उन्होंने यह राशि बंगाल व पूर्वोत्तर राज्यों से लाना बताया था।
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स्कैन और प्रिंट करके निकालते हैं जाली नोटपुलिस ने जाली नोट चलाने वाले तस्करों के पास से ऐसे उपकरण भी पकड़े हैं, जिनके माध्यम से वे जाली नोट छापते थे। तस्करों के पास भारतीय नोटों की हूबहू कागज बरामद हुए हैं। वे विदेशों से हाई क्वालिटी का पेपर मंगवाते थे और फिर 2000, 500 व दूसरी राशियों के असली नोटों को स्कैन करके और फिर उन्हें शीटों पर प्रिंट करके जाली नोट निकालते थे। फोटोशॉप के जरिए ये सीरीज नम्बर बदलना और नोटों को सलीके से काटने के लिए मशीनें भी रखते थे। पूछताछ में कई तस्करों ने बताया कि उन्होंने जाली नोट छापना सोशल मीडिया से सीखा। फिर एक लाख रुपये के जाली नोट पचास हजार से पच्चीस हजार रुपये में बेचते थे। भरोसेमंद लोगों को ही जाली नोट बेचते थे। वे उन्हें बाजार में खरीददारी करके जाली नोटों को चलाते थे। नकली नोट का कारोबार चिंताजनक है। | |
कानूनी अपराध है जाली नोट रखना व चलाना
जाली नोट रखना, चलाना और प्रकाशन करना कानूनी अपराध है, जिसमें दस साल से आजीवन कारावास के प्रावधान है। नकली नोट छापने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 489्र के तहत आजीवन कारावास या 10 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है। नकली नोटों के बारे में जानकारी होने पर भी इन्हें रखना भी अपराध है। इसमें 7 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।
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