नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का जयपुर में शुरू होगा कैंपस, होगी सीमा सुरक्षा से जुड़े फॉरेंसिक मामलों की भी जांच

राजस्थान में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) का कैंपस सितंबर में शुरू होगा। यह विश्वविद्यालय, जयपुर में 80 सीटों के साथ फॉरेंसिक साइंस के दो प्रमुख प्रोग्राम शुरू करेगा और आगामी वर्षों में कई नई सुविधाएं जोड़ी जाएंगी।

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Nitin Kumar Bhal
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राजस्थान के लिए एक नई और महत्वपूर्ण पहल हो रही है। नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) का कैंपस सितंबर महीने में जयपुर में खोला जाएगा। यह कैंपस प्रतापनगर स्थित कोचिंग हब में एक आधुनिक टावर के अंदर स्थापित किया जाएगा, जिसमें 40 कमरे होंगे। इस कैंपस की शुरुआत फॉरेंसिक साइंस के दो प्रमुख प्रोग्रामों के साथ होगी, जिसमें कुल 80 सीटें आवंटित की जाएंगी। सीमा सुरक्षा से जुड़े फॉरेंसिक मामलों की जांच भी यहां हो सकेगी।

एनएफएसयू का कैंपस राजस्थान में एक नए युग की शुरुआत करेगा, जहां फॉरेंसिक साइंस और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में नवीनतम तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान की जाएगी। इसका उद्देश्य है कि यह कैंपस देशभर के छात्रों को उन्नत फॉरेंसिक प्रशिक्षण प्रदान करे, जिससे वे अपराध जांच के मामलों में विशेषज्ञ बन सकें।

NFSU जयपुर कैंपस में कौन से पाठ्यक्रम संचालित होंगे

NFSU जयपुर  कैंपस में दो प्रमुख पाठ्यक्रमों की शुरुआत की जाएगी:

  • एमएससी डिजिटल फॉरेंसिक (MSc Digital Forensics)

  • एमएससी फॉरेंसिक साइंस (MSc Forensic Science)

इन दोनों पाठ्यक्रमों के लिए 80 सीटें उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, भविष्य में अन्य पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे, जैसे कि:

  • एमबीए फॉरेंसिक अकाउंटिंग एंड फ्रॉड इंवेस्टिगेशन (MBA Forensic Accounting and Fraud Investigation)

  • एमएससी फॉरेंसिक साइकोलॉजी (MSc Forensic Psychology)

  • बीटेक साइबर सिक्योरिटी (BTech Cyber Security)

  • बीएससी फॉरेंसिक साइंस (BSc Forensic Science)

इन पाठ्यक्रमों का उद्देश्य छात्रों को फॉरेंसिक साइंस के विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्रदान करना है, जिससे वे अपराध जांच और कानूनी प्रक्रिया में सहायक बन सकें।

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एसीएस (गृह) IAS भास्कर ए. सावंत ने इस पहल को राज्य के लिए गर्व का विषय बताया है। उनका कहना है कि इस कैंपस के खुलने से राजस्थान में फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में नई क्रांति आएगी। इसके अलावा, नए कानूनों के लागू होने से इस कैंपस की उपयोगिता और भी बढ़ गई है।

NFSU जयपुर  कैंपस में न्यायिक, ईडी, सीबीआई, आईबी, एनआईए के अधिकारियों को मिलेगा प्रशिक्षण

नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी जयपुर कैंपस केवल छात्रों के लिए ही नहीं, बल्कि न्यायिक अधिकारियों के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा। इसमें जजों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम भी आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा, विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों जैसे कि ईडी (ED), सीबीआई (CBI), आईबी (IB), एनआईए (NIA) के अधिकारियों को भी फॉरेंसिक जांच और तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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इस बारे में एनएफएसयू कैंपस हैड राजस्थान प्रो. शंकर जुनारे ने कहा कि एनएफएसयू का यह कैंपस देश का टॉप क्लास सेंटर बनेगा। लैबोरेट्रीज के टेंडर हो चुके हैं। एक्सपर्ट के रिक्रूटमेंट भी चल रहे हैं। एडमिशन प्रक्रिया पूरी होते ही कैंपस एक्टिव मोड में आ जाएगा।

NFSU जयपुर  कैंपस में सीमा सुरक्षा से जुड़े फॉरेंसिक मामलों की जांच

राजस्थान की लंबी सीमा पाकिस्तान से लगी हुई है, जो विभिन्न प्रकार की आपराधिक गतिविधियों का केंद्र बन चुकी है। इसमें ड्रोन से लेकर ड्रग्स, तस्करी और अन्य गतिविधियों तक कई आपराधिक मामले सीमा पार से होते रहते हैं। इस परिप्रेक्ष्य में, एनएफएसयू का यह कैंपस एक अत्यधिक महत्वपूर्ण केंद्र बनकर उभरेगा। सीमा सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों की जांच के लिए यह केंद्र एक नई दिशा में काम करेगा।

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राष्ट्रीय फ़ोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय क्या है ?

राष्ट्रीय फ़ोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) भारत का एक प्रमुख सरकारी विश्वविद्यालय है, जो फ़ोरेंसिक विज्ञान, साइबर सुरक्षा, डिजिटल फ़ोरेंसिक और व्यवहार विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है। यह दुनिया का पहला और एकमात्र विश्वविद्यालय है जिसे राष्ट्रीय महत्व का दर्जा प्राप्त है।

  • स्थापना:

    • NFSU की स्थापना 2020 में भारतीय संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी।

    • यह विश्वविद्यालय गृह मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में कार्य करता है।

  • समर्पित क्षेत्र:

    • यह विश्वविद्यालय फ़ोरेंसिक विज्ञान, खोजी विज्ञान, और अपराध विज्ञान के क्षेत्र में शिक्षा और शोध प्रदान करता है।

  • परिसर:

    • NFSU का मुख्य परिसर गांधीनगर (गुजरात) में स्थित है।

    • इसके अलावा, दिल्ली, गोवा, त्रिपुरा, भोपाल, पुणे, गुवाहाटी, मणिपुर, और धारवाड़ में भी इसके परिसरों की शाखाएं हैं।

  • विदेशी परिसर:

    • NFSU का एक परिसर युगांडा में भी स्थित है, जो इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण संस्थान बनाता है।

  • विशेषताएँ:

    • विश्वविद्यालय में डीएनए जांच, साइबर सुरक्षा, और अभियोजन एवं फ़ोरेंसिक मनोविज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र हैं।

  • प्रवेश प्रक्रिया:

    • NFSU में प्रवेश के लिए NFAT (नेशनल फ़ोरेंसिक एडमिशन टेस्ट) आयोजित किया जाता है।

  • मान्यता:

    • NFSU को NAC और UGC से मान्यता प्राप्त है।

NFSU क्यों महत्वपूर्ण है?

  • विशेषज्ञों की बढ़ती मांग:

    • NFSU का मुख्य उद्देश्य फ़ोरेंसिक विज्ञान और संबंधित विषयों में विशेषज्ञों की बढ़ती मांग को पूरा करना है।

    • यह विश्वविद्यालय उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण प्रदान करता है, जिससे यह क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

NFSU में उपलब्ध कार्यक्रम:

NFSU विभिन्न स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट कार्यक्रम प्रदान करता है, जिनमें शामिल हैं:

  • फ़ोरेंसिक विज्ञान (Forensic Science)

  • व्यवहार विज्ञान (Behavioral Science)

  • साइबर सुरक्षा (Cyber Security)

  • डिजिटल फ़ोरेंसिक (Digital Forensics)

  • और अन्य संबंधित क्षेत्रों में कार्यक्रम।

NFSU के बारे में अधिक जानकारी:

NFSU का उद्देश्य:

  • उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना।

  • फ़ोरेंसिक विज्ञान और साइबर सुरक्षा जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देना।

  • विशेषज्ञों को तैयार करना, जो अपराध और जांच के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।

फॉरेंसिक सेंटर भी होगा NFSU जयपुर कैंपस

एनएफएसयू का यह कैंपस सिर्फ एक शैक्षिक संस्थान नहीं, बल्कि एक अत्याधुनिक फॉरेंसिक सेंटर भी होगा। इस कैंपस में उन्नत लैबोरेट्रीज़ स्थापित की जाएंगी, जहां विभिन्न प्रकार के फॉरेंसिक परीक्षण किए जाएंगे। इसके लिए टेंडर भी जारी हो चुके हैं और विशेषज्ञों की नियुक्ति प्रक्रिया भी चल रही है। एनएफएसयू गांधीनगर की एक्सपर्ट कमेटी ने इस कैंपस के लिए मंजूरी दे दी है, और प्रोफेसर शंकर जुनारे को कैंपस डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया है।

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NFSU जयपुर कैंपस के लाभ

  • प्रौद्योगिकी में सुधार: कैंपस में नवीनतम तकनीकी उपकरणों और लैबोरेट्रीज़ का प्रयोग किया जाएगा, जिससे छात्रों को वास्तविक और उन्नत परिस्थितियों में प्रशिक्षण मिलेगा।

  • राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान: सीमा सुरक्षा से जुड़ी फॉरेंसिक जांच को बढ़ावा मिलेगा, और यह कैंपस राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन जाएगा।

  • विशेषज्ञ प्रशिक्षण: न्यायिक अधिकारियों, केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों और अन्य पेशेवरों को अत्याधुनिक फॉरेंसिक जांच के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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FAQ

1: NFSU जयपुर कैंपस में कौन से पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे?
NFSU कैंपस में पहले चरण में एमएससी डिजिटल फॉरेंसिक (MSc Digital Forensics) और एमएससी फॉरेंसिक साइंस (MSc Forensic Science) पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। आने वाले वर्षों में अन्य पाठ्यक्रमों की शुरुआत भी होगी।
एनएफएसयू जयपुर कैंपस की स्थापना से राजस्थान को क्या लाभ होगा?
राजस्थान में एनएफएसयू कैंपस की स्थापना से छात्रों को उच्च गुणवत्ता का फॉरेंसिक प्रशिक्षण मिलेगा और यह कैंपस सीमा सुरक्षा, ड्रग्स तस्करी और अन्य अपराधों की जांच में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
क्या एनएफएसयू जयपुर कैंपस में सरकारी अधिकारियों को प्रशिक्षण मिलेगा?
हां, एनएफएसयू में न्यायिक अधिकारियों के अलावा, ईडी (ED), सीबीआई (CBI), आईबी (IB), और एनआईए (NIA) जैसे केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
4: क्या एनएफएसयू जयपुर कैंपस में लैबोरेट्रीज़ और तकनीकी उपकरण होंगे?
हां, एनएफएसयू कैंपस में अत्याधुनिक लैबोरेट्रीज़ स्थापित की जाएंगी, जिनमें फॉरेंसिक साइंस से संबंधित सभी प्रकार के परीक्षण किए जा सकेंगे।
एनएफएसयू जयपुर कैंपस के प्रमुख उद्देश्यों में क्या शामिल है?
एनएफएसयू कैंपस का प्रमुख उद्देश्य फॉरेंसिक साइंस, साइबर सुरक्षा, और साइकोलॉजी जैसे क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता का प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिससे छात्र विशेषज्ञ बनकर अपराध जांच में योगदान दे सकें।

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