राजस्थान में डॉक्टर भर्ती के लिए सरकार की क्या है तैयारी, अगले दशक में राज्य में बनेंगे 56,000 डॉक्टर

राजस्थान में अगले दशक में 56,000 डॉक्टर तैयार होंगे, लेकिन सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी बनी हुई है। सरकारी अस्पतालों में भर्ती की धीमी प्रक्रिया का खमियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है|

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सुधार हो रहा है। पिछले एक दशक में राज्य में सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों से 15,000 नए डॉक्टर तैयार हुए हैं। इसके साथ ही, राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 42 हो गई है, और एमबीबीएस सीटें 5668 तक पहुंच चुकी हैं। इस आंकड़े से स्पष्ट है कि अगले दस वर्षों में राज्य में 56,668 नए डॉक्टर तैयार होंगे, जो एक अच्छी खबर है।

भर्ती की धीमी प्रक्रिया

हालांकि, राज्य में डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि हो रही है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी बनी हुई है।  राजस्थान के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीटें तो बहुत हैें, लेकिन राजस्थान में डॉक्टर्स की कमी है, खासतौर पर सरकारी अस्पतालों में। राजस्थान के सरकारी अस्पताल बदहाली के शिकार हैं। सरकारी अस्पतालों में भर्ती की धीमी प्रक्रिया का खमियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है| राजस्थान के मेडिकल कॉलेजों में जब सीटें बढ़ी हैं और ज्यादा एमबीबीएस निकल रहे हैं, तो  इसका फायदा मरीजों को भी मिलना चाहिए| 

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पिछले वर्षों में भर्ती की स्थिति

कैग रिपोर्ट 2025 के अनुसार, 2016-17 से लेकर अब तक आठ वर्षों में राज्य में केवल 10,000 डॉक्टरों की भर्ती की गई है। 2022-25 के बीच 15,000 से अधिक   को एमबीबीएस की डिग्री मिली। इसके बावजूद सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है। साफ है है नए डॉक्टर तो बन रहे हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों की भर्ती नहीं होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

विशेषज्ञ डॉक्टरों की भी कमी

राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों की स्थिति भी चिंता का विषय है। हालांकि पीजी सीटों में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्तियां मुख्य रूप से मेडिकल कॉलेजों तक सीमित हैं। वहीं, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी बनी हुई है।

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क्या कदम उठाए जा  सकते हैं भर्ती के लिए

विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा स्वीकृत पदों की बजाय, अस्पतालों की जरूरत के हिसाब से पदों को स्वीकृत किया जाना चाहिए। साथ ही, सरकार को ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में डॉक्टरों की नियुक्ति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि वहां की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधार जा सके।

मेडिकल कॉलेज और सीटों का विस्तार

राजस्थान में मार्च 2016 तक कुल आठ सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। अब, राज्य में 42 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 30 सरकारी और 12 निजी कॉलेज शामिल हैं। इनमें 5668 एमबीबीएस सीटें स्वीकृत हैं, जिनमें 3618 सरकारी और 2050 निजी हैं। 2022 से 2025 तक तीन वर्षों में 1231 सीटें बढ़ी हैं, जिनमें से 841 सीटों का इजाफा सरकारी कॉलेजों में हुआ है।

क्या कर सकती है सरकार

राज्य के सरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में पद खाली हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की भी भारी कमी है। सरकार को भर्ती की प्रक्रिया को तेज करने के साथ-साथ डॉक्टरों के की नियुक्ति इस तरह से करनी चाहिए, जिससे कहीं भी डॉक्टरों की कमी न रहे।

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FAQ

1. राजस्थान में डॉक्टरों की कमी क्यों है?
राजस्थान में डॉक्टरों की कमी मुख्यतः सरकारी अस्पतालों में भर्ती की धीमी प्रक्रिया के कारण है। हालांकि नए डॉक्टर बन रहे हैं, लेकिन उन्हें अस्पतालों में नियुक्ति नहीं मिल पा रही है।
2. राजस्थान में डॉक्टरों की भर्ती के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है?
राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेजों की संख्या और एमबीबीएस सीटों में वृद्धि की है। इसके अलावा, सरकार को डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया को तेज करने और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की भर्ती पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
3. राजस्थान में डॉक्टरों की कमी का क्या असर हो रहा है?
राज्य के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है।

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