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राजस्थान में स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर उपभोक्ताओं का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। अनुबंधित कंपनियों की टीम जैसे ही मीटर लगाने पहुंच रही है, वहां तनाव की स्थिति पैदा हो रही है।
कई जगह पुलिस को मौके पर बुलाया जा रहा है और कुछ जगहों पर इंजीनियरों ने ‘राजकार्य में बाधा’ डालने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराने का अल्टीमेटम तक दे दिया। इस बढ़ते विरोध के बीच बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं को डर दिखा रही हैं कि कानून के उल्लंघन के कारण कार्रवाई की जा सकती है।
अविश्वास और आक्रोश का कारण
इस विवाद का मुख्य कारण यह है कि कई जगह अनुबंधित कर्मचारी बिना पहचान पत्र और पर्याप्त जानकारी दिए मीटर लगाने पहुंच गए। इससे उपभोक्ताओं में अविश्वास और आक्रोश और गहरा गया है।
इस बीच बिजली कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं को विश्वास में लेने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। परिणामस्वरूप, उपभोक्ताओं को यह डर सताता है कि स्मार्ट मीटर से उनके बिजली बिल ज्यादा आएंगे।
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जैसलमेर में पुलिस से झड़प
स्मार्ट मीटर विवाद अब राजनीति का हिस्सा बन गया है। विपक्षी दलों ने रैलियां निकालीं और सरकार पर आरोप लगाया कि वह उपभोक्ताओं पर मनमानी थोप रही है।
इसके बाद, जैसलमेर में विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप ले लिया। पुलिस और बस्तीवासियों के बीच झड़प हो गई। इस झड़प में कुछ लोग घायल हो गए और एक पुलिसकर्मी की वर्दी भी फट गई।
फिलहाल काम को रोक दिया गया है। जैसलमेर में स्मार्ट मीटर का विरोध करने वालों और पुलिस में झड़प से स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
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सीकर और डीडवाना में विरोध
सीकर के बजाज रोड पर दुकानों के बाहर मीटर लगाने को लेकर विवाद हुआ। यहां मीटर लगाने वाले कर्मचारी अभी तक किसी प्रकार की हिम्मत नहीं जुटा पाए हैं।
इसी प्रकार डीडवाना और कुचामन में भी प्रदर्शन हुए, जहां पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। लोग स्मार्ट मीटर के फायदे-नुकसान पर खुलकर जवाब चाहते थे, लेकिन कंपनी के प्रतिनिधि और डिस्कॉम अधिकारी समझाने में असफल रहे।
स्मार्ट मीटर का विरोध अन्य राज्यों में भी
राजस्थान में स्मार्ट मीटरों के खिलाफ विरोध केवल राज्य तक सीमित नहीं है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे अन्य राज्यों में भी लोग इस योजना के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं।
इन राज्यों में स्मार्ट मीटरों की स्थापना के बाद उपभोक्ताओं को गलत बिल भेजे गए, जिनमें कई मामलों में बिल लाखों में पहुंचे, जबकि घर सामान्य था।
क्यों हो रहा है स्मार्ट मीटर का विरोध
बढ़े हुए बिलों की शिकायतें : स्मार्ट मीटरों में तकनीकी खामियां पाई गई हैं, जिससे उपभोक्ताओं को बढ़े हुए और गलत बिल आने की शिकायतें मिल रही हैं। इससे उपभोक्ता नई तकनीक पर भरोसा करने में संकोच कर रहे हैं, खासकर जब उन्हें इसका कोई स्पष्ट लाभ दिखाई नहीं दे रहा है।
तकनीकी बुनियादी ढांचे की कमी : कुछ इलाकों में संचार और तकनीकी बुनियादी ढांचे की कमी के कारण स्मार्ट मीटर ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं को कई समस्याएं आ रही हैं।
स्मार्ट मीटर योजना का उद्देश्य
‘स्मार्ट मीटर नेशनल प्रोग्राम’ के तहत भारत में लगभग 25 करोड़ मीटरों को स्मार्ट मीटर से बदलने का लक्ष्य रखा गया है।
सरकार का दावा है कि स्मार्ट मीटरों के बाद उपभोक्ताओं को बिलों की जानकारी और भुगतान में आसानी होगी। स्मार्ट मीटर इंटरनेट से जुड़े होते हैं और सेंसरयुक्त होते हैं, जिससे बिजली चोरी पर रोकने में मदद मिलेगी।
राजस्थान में स्मार्ट मीटर का विरोध तेज
राजस्थान में स्मार्ट मीटर का विरोध तेज हो गया है। स्मार्ट मीटर Smart Meter की स्थापना से बिजली बिलों में बढ़ोतरी और तकनीकी समस्याओं के कारण उपभोक्ताओं में बेचैनी बढ़ गई है। उनके विरोध प्रदर्शनों में यह बेचैनी साफ झलक रही है और अगर यह विरोध इसी तरह बढ़ता रहा, तो यह एक बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।
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