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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान यूनिवर्सिटी में RSS के शस्त्र पूजन कार्यक्रम में हंगामा करने वाले एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ सहित तीन आरोपियों को राजस्थान हाई कोर्ट से जमानत मिल गई हैं। जस्टिस अनूप ढंड ने जाखड़ व दो अन्य की जमानत याचिका स्वीकार करके यह आदेश दिए हैं। जाखड़ करीब 17 दिन बाद जेल से बाहर आएंगे।
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राजनीतिक दुर्भावना से फंसाया
ट्रायल कोर्ट और एडीजे कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद जाखड़, किशोर चौधरी और कमल चौधरी ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। जाखड़ की ओर से एडवोकेट अश्विन गर्ग ने कोर्ट को बताया कि उन्हें राजनीतिक दुर्भावना से मामले में झूठा फंसाया गया है। गांधीवादी तरीके से राजनीतिक उद्देश्य से शिक्षा के मंदिर में आयोजित कार्यक्रम का विरोध किया था।
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धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप
दरअसल, 30 सितंबर को राजस्थान यूनिवर्सिटी में RSS के शस्त्र पूजन कार्यक्रम में हंगामा हो गया था। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। इस आयोजन का विरोध करते हुए NSUI कार्यकर्ता आयोजन स्थल (स्टेज) पर पहुंच गए और तोड़फोड़ शुरू कर दी। हालांकि इस दौरान न स्टेज पर कोई था और ना स्टेज के सामने कोई कार्यक्रम हो रहा था।
हुई थी दो अलग FIR
इसके बाद दोनों संगठनों के कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए। पुलिस ने बारिश के बीच लाठीचार्ज कर कार्यकर्ताओं को खदेड़ा। पुलिस ने 12 एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को पहले शांति भंग में गिरफ्तार किया, लेकिन उसके बाद 9 कार्यकर्ताओं को धार्मिक भावनाओं को आहत करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और राजकार्य में बाधा डालने की धाराओं में पुलिस और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं की दो अलग FIR दर्ज कर ली थी।
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पुलिस की कार्रवाई, कोर्ट की सुनवाई
पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR में दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। इसके बावजूद, जाखड़ और उनके साथियों ने अदालत में अपनी स्थिति को स्पष्ट किया और जमानत की याचिका दाखिल की। अदालत ने उनके पक्ष में निर्णय दिया और जमानत मंजूर की।