ऑपरेशन शटरडाउन : एक ही मोबाइल नंबर से 95 किसानों की फर्जी ID बनाई, करोड़ों की हेराफेरी

राजस्थान के झालावाड़ में पुलिस ने सरकारी सिस्टम में सेंध लगाने वाले अंतरराज्यीय साइबर गिरोह को किया ध्वस्त। पीएम किसान निधि, जनआधार और आपदा प्रबंधन पोर्टल में सेंध लगाने वाले नोडल ऑपरेटर सहित 6 गिरफ्तार। 1 करोड़ रुपए फ्रीज।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jhalawar. पीएम किसान निधि, जन आधार और आपदा प्रबंधन पोर्टल जैसी सरकारी योजनाओं में सेंध लगाकर करोड़ों रुपए की हेराफेरी करने वाले मामले में राजस्थान की झालावाड़ पुलिस 

गिरोह के सदस्य पीएम किसान सम्मान निधि, जन आधार, आपदा प्रबंधन और सोशल सिक्योरिटी पेंशन जैसी योजनाओं के सरकारी पोर्टलों में सेंध लगाकर अपात्र लोगों के खातों में रकम ट्रांसफर कर रहे थे।

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6 आरोपियों को किया गिरफ्तार

पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया। सरकारी कर्मचारी समेत 2 को डिटेन किया है। पुलिस ने इस ऑपरेशन में मोहम्मद लइक सहित सुभाष, मोहम्मद शाहिद, रोहित कुमार, संदीप शर्मा व सुन्नत शर्मा को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा पुलिस ने मामले में जिला कलेक्टर कार्यालय फलोदी में कार्यरत रमेश चंद्र तथा झालावाड़ जिले के पीएम किसान पोर्टल पर बड़ी संख्या में अपात्र लाभार्थियों को जोड़ने के मामले में भागचंद को डिटेन किया है।

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सरकारी कर्मचारी भी शामिल

आरोपियों में स्टेट नोडल ऑपरेटर, कलेक्ट्रेट कर्मचारी, बैंक एजेंट, वेब डवलपर और डाटा हैंडलर शामिल हैं। अब तक 36 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। 11 हजार संदिग्ध बैंक खाते डेबिट फ्रीज कराए गए हैं, जिनमें करीब 1 करोड़ रुपए मिले हैं। इससे पहले पुलिस ने 22 अक्टूबर को मास्टरमाइंड समेत 30 ठगों को पकड़ा था, जिनसे 35 लैपटॉप, 70 मोबाइल, लग्जरी गाड़ियां और 53 लाख नकद बरामद किए थे।

11000 बैंक खाते कराए फ्रीज

एसपी अमित कुमार ने बताया कि ऑपरेशन शटरडाउन अभियान को निरंतर जारी रखते हुए झालावाड़ पुलिस ने अपराधियों से जुड़े लगभग 11,000 संदिग्ध बैंक अकाउंट्स को फ्रीज करवाया है, जिनमें अब तक करीब 1 करोड़ की राशि होने की पुष्टि हुई है। 

आरोपियों के पास से करीब 52 लाख 70 हजार नकद, 1 नोट गिनने की मशीन, 13 लग्जरी कारें, 16 मोटरसाइकिल, 35 कंप्यूटर एवं लैपटॉप, 16 प्रिंटर, सैकड़ों सिम कार्ड, बायोमेट्रिक स्कैनर, एटीएम कार्ड, बैंक पासबुक, हार्ड डिस्क, खाता खोलने के फॉर्म, क्यूआर स्कैनर, सील और मोहरें बरामद की थीं।

गिरफ्तार-डिटेन आरोपियों की भूमिका

इस मामले में देश के अलग-अलग हिस्सों से कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपियों में किशनपोल बाजार जयपुर निवासी आरोपी मोहम्मद लइक पुत्र मोहम्मद रफीक जयपुर में पीएम किसान सम्मान निधि के स्टेट नोडल ऑफिस का ऑपरेटर है।

यह अपनी ऑफिशियल आईडी का दुरुपयोग करके प्राइवेट व्यक्तियों के लिए अनाधिकृत आईडी बनाता था और रात में ओटीपी बायपास कर अपात्र लोगों की लैंड सीडिंग व अकाउंट एक्टिवेशन करता था। दिल्ली निवासी सुभाष पुत्र रामशरण उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के अपात्र व्यक्तियों की लैंड सीडिंग के लिए डेटा उपलब्ध कराता था। 

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धोखाधड़ी के तार यहां तक

भरतपुर का मोहम्मद शाहीद खान पुत्र निजामुद्दीन खान पहले भूमि विकास बैंक में संविदाकर्मी था, लइक के संपर्क में आकर फर्जी एक्टिवेशन और लैंड सीडिंग करवाता था। पंजाब के जालंधर से गिरफ्तार किए गए रोहित कुमार पुत्र चरणसिंह और संदीप शर्मा पुत्र राधेश्याम क्रमशः क्लोन वेबसाइट तैयार करने और डवलप करने में शामिल थे।

वहीं सुनंत शर्मा पुत्र सुदर्शन शर्मा गिरोह का मुख्य हैंडलर था। डिटेन किए गए आरोपियों में फलौदी कलेक्ट्रेट में कार्यरत रमेशचंद शामिल है, जिसने लइक के माध्यम से बल्क में रजिस्ट्रेशन एक्टिवेशन करवाया और भागचंद निवासी लोटवाड़ा, दौसा ने अपात्र लाभार्थियों को जोड़कर धोखाधड़ी की।

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PM किसान निधि और DMIS पोर्टल में सेंधमारी

साइबर अपराधी पहले ग्रामीण क्षेत्रों से उन अपात्र लाभार्थियों का डाटा संकलित करते थे, जिनका रजिस्ट्रेशन लैंड सीडिंग या केवाईसी की कमी से इनएक्टिव हो गया था। यह डाटा मुख्य एजेंट के माध्यम से स्टेट नोडल ऑफिस के ऑपरेटर जैसे मोहम्मद लइक तक पहुंचता था। ऑपरेटर अपनी ऑफिशियल आईडी का उपयोग करके रात्रि के समय अवैध रूप से अतिरिक्त जिला नोडल आईडी बनाता था। 

रात को की जाती थी लूट

इन अतिरिक्त आईडी से ओटीपी बायपास करते हुए अपात्र व्यक्तियों की अनधिकृत लैंड सीडिंग और अकाउंट्स को एक्टिव किया जाता था। रात को सरकारी खजाने को लूटने के बाद सुबह ऑफिस समय में ऐसी अनाधिकृत लॉगिन आईडी को डीएक्टिवेट कर दिया जाता था।

इसी तरह डीएमआईएस पोर्टल में आधार एनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AePS) की कमी का फायदा उठाकर ठगों ने पोर्टल का अनधिकृत एक्सेस प्राप्त किया। उनके पास बाड़मेर जिले के कलेक्टर से लेकर पटवारी स्तर तक की 1500 से अधिक एसएसओ आईडी और ईमेल आईडी मिलीं।

जनआधार और सामाजिक सुरक्षा पेंशन में सेंधमारी

आरोपियों के कब्जे से बरामद डिजिटल डिवाइसेस के विश्लेषण से जनआधार पोर्टल पर जनआधार डाटा को वैधानिक चरणों को बायपास कर स्वयं सत्यापित करने से संबंधित हाईली टारगेटेड साइबर टूल्स उजागर हुए। ई-मित्र प्लस मशीनों के सॉफ्टवेयर कोड्स का अनाधिकृत एक्सेस भी मिला। 

इसके अलावा, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं में जारी किए गए हजारों PPO (पेंशन पेमेंट ऑर्डर) मय अकाउंट डिटेल्स भी बरामद हुए। इन डाटा का उपयोग कर हजारों पात्र एवं अपात्र व्यक्तियों की धनराशि मनचाहे अकाउंट्स में डलवाने की संदिग्ध गतिविधि गिरोह द्वारा की जाती थी। 

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17,000 से अधिक लाभार्थियों का रिकॉर्ड 

अकेले जयपुर, जोधपुर और सीकर जिलों के लगभग 17,000 से अधिक लाभार्थियों का संदिग्ध रिकॉर्ड भी रिकवर हुआ है। इस गंभीर अपराध के अनुसंधान में सहायता के लिए झालावाड़ पुलिस अधीक्षक द्वारा 25,000-25,000 का इनाम पांच फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए घोषित किया गया था। इनमें से भागचंद पुत्र फुलचंद सैनी निवासी लोटवाड़ा, दौसा को गिरफ्तार किया जा चुका है। 

सेंधमारी तक पहुंचेगी एसआईटी

इस साइबर ठगी के मामले में इनाम घोषित किए गए अन्य चार आरोपी जो फरार हैं, वे हैं कुलदीप ढोली निवासी देवरी खुर्द थाना घाटोली झालावाड़, नरेश सैनी पुत्र छोटे लाल निवासी जयपुरा थाना बांदीकुई, विक्रम सैनी पुत्र प्रहलाद सैनी निवासी लोटवाड़ा थाना बांदीकुई और राजू पुत्र हीरालाल तंवर निवासी छान का खेड़ा थाना दांगीपुरा झालावाड़। एसआईटी अब सरकारी गबन से अर्जित अवैध संपत्तियों के चिह्नीकरण और सिस्टम में सेंधमारी की गहराई तक पहुंचने का काम कर रही है।

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