सरकारी योजनाओं में साइबर ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा, अब तक 30 गिरफ्तार, 11 हजार फर्जी खाते सीज

झालावाड़ पुलिस ने ऑपरेशन शटरडाउन में राजस्थान में फैले संगठित साइबर गिरोह का भंडाफोड़ किया। 30 आरोपियों की गिरफ्तारी, 11,000 संदिग्ध खाते चिन्हित और 52 लाख से अधिक की नकदी जब्त।

author-image
Amit Baijnath Garg
New Update
cyber fraud

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Jhalawar. राजस्थान में पहली बार इतना व्यापक और संगठित साइबर फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें सरकारी योजनाओं के असली लाभार्थियों की जगह म्यूल अकाउंट्स का इस्तेमाल कर करोड़ों रुपए उठाए जा रहे थे। झालावाड़ पुलिस ने बड़े स्तर पर की गई ताबड़तोड़ कार्रवाई में 30 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। शुरुआती जांच में ही 11 हजार से अधिक संदिग्ध बैंक खातों का नेटवर्क सामने आया है। यह अब तक का सबसे संगठित और हाईटेक साइबर ठगी रैकेट है, जो राज्य से बाहर तक फैला हुआ है।

बैंकिंग सेक्टर में बड़े बदलाव कर सकता है RBI, साइबर फ्राॅड की तीन दिन में दी सूचना तो नहीं होगा नुकसान

70 टीमें, 3 जिले और 30 गिरफ्तार

राजस्थान में सरकारी कल्याणकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर हो रहे हाईटेक फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। झालावाड़ पुलिस की विशेष कार्रवाई में एक संगठित साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, जो किसानों, विधवाओं, वृद्धजनों और आपदा पीड़ितों के नाम पर सरकारी सहायता हड़प रहा था।

साइबर ठगी हो रही है हाईटेक, म्यूल अकाउंट से लेकर क्रिप्टो तक पूरा नेटवर्क, पुलिस ने किया अलर्ट

किस तरह होता था फर्जीवाड़ा

गिरोह अपात्र या गरीब लोगों के दस्तावेज और बैंक खाते अपने कब्जे में लेकर उन्हें म्यूल अकाउंट की तरह इस्तेमाल करता था। असली लाभार्थियों तक पैसा पहुंचे, उससे पहले ही ये राशि इन खातों में ट्रांसफर हो जाती और बाद में 50-75 फीसदी हिस्सा गिरोह वसूल लेता।

अंता उपचुनाव: टिकट के नाम पर साइबर ​ठगी का शिकार बने बारां प्रधान को ही भाजपा का टिकट, त्रिकोणीय मुकाबले के आसार

चेन रिएक्शन नेटवर्क, लाइव मॉनिटरिंग

गिरोह बेहद संगठित तकनीक का इस्तेमाल कर रहा था। हर ट्रांजेक्शन को लाइव निगरानी (Live Monitoring) में देखा जाता। पुलिस जब भी कोई खाता सीज करती, पैसे तुरंत दूसरे खाते में शिफ्ट करा दिए जाते। लाभार्थियों को आपका आवेदन लंबित है कहकर भ्रमित कर दिया जाता।

इस तरह बोला गया धावा

पुलिस ने एक साथ तड़के 6 बजे छापेमारी की। झालावाड़, जयपुर ग्रामीण, दौसा और MP के राजगढ़ में दबिश। 30 आरोपी गिरफ्तार। कार्रवाई का नेतृत्व SP अमित कुमार ने किया। साइबर कंट्रोल रूम से रियल टाइम मॉनिटरिंग। गिरोह का सरगना बांदीकुई का रामावतार सैनी। गिरोह का नेटवर्क 4 जिलों में फैला था। सरकारी योजना की फाइलें, बैंकिंग KYC डॉक्यूमेंट और डिजिटल सिग्नेचर तक कब्जे में।

साइबर ठगी होते ही महिला ने लगा लिया फांसी का फंदा, फोटो भेजने पर भी ठगों को नहीं आया तरस

जब्त सामान की सूची

11000 से अधिक संदिग्ध बैंक खाते। 52 लाख से अधिक की नकद राशि। 13 कार। 16 बाइक। 35 से अधिक लैपटॉप और कंप्यूटर। 430 एटीएम कार्ड। 560 से अधिक पहचान-पत्र। 68 मोबाइल। इस तरह अन्य कई प्रकार का सामान भी पुलिस द्वारा जब्त किया गया है। 

कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस का दूसरा दिन: CM ने कानून-व्यवस्था,साइबर क्राइम,नशे के व्यापार पर दिए कड़े निर्देश

साइबर ठगी से बचाव के जरूरी उपाय

कोई भी बैंक खाता या ATM किसी को न दें। यह म्यूल अकाउंट बन जाता है। सरकारी योजना में आवेदन केवल आधिकारिक पोर्टल से करें। सोशल मीडिया विज्ञापन या योजना दिलाने वालों से सावधान रहें। OTP या बायोमेट्रिक किसी के सामने न दें। किसी भी तरह का संदेह हो तो तुरंत 1930 पर रिपोर्ट करें।

एड गुरु पीयूष पांडे का निधन : राजस्थान से निकल कर मुंबई के विज्ञापनों की दुनिया में छाने वाले पांडे बहुत याद आएंगे

पुलिस की अगली कार्रवाई

खातों की लेयरिंग (Layering) और फंड्स का डेस्टिनेशन ट्रैक। गिरोह के दिल्ली और झारखंड तक लिंक मिलने के संकेत। ED जैसी जांच एजेंसियों से समन्वय। 300 करोड़ से अधिक फर्जी लेनदेन की आशंका। पुलिस इस अंतरराज्यीय गिरोह के अन्य राज्यों से लिंक खंगालने में जुट गई है। 

म्यूल अकाउंट्स झालावाड़ साइबर ठगी पुलिस राजस्थान
Advertisment