पचपदरा रिफाइनरी: देरी पर कांग्रेस का हमला, डबल इंजन की सरकार फिर क्यों चल रहा धीमा काम

कांग्रेस नेताओं ने राजस्थान के बालोतरा जिले की पचपदरा रिफाइनरी की देरी पर भाजपा सरकार को घेरा, कहा- डबल इंजन सरकार के बावजूद काम धीमा क्यों? केंद्रीय मंत्री पुरी का विवादास्पद ट्वीट।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान के पचपदरा में स्थित रिफाइनरी के निर्माण की देरी पर कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने आरोप लगाया है कि रिफाइनरी परियोजना को लेकर भाजपा सरकार की नीतियों और फैसलों में अत्यधिक देरी हो रही है।
 गहलोत ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर पोस्ट किया और रिफाइनरी के निर्माण की तारीखों में बार-बार बदलाव को लेकर सरकार की आलोचना की।

गहलोत ने क्या कहा 

गहलोत ने अपनी पोस्ट में उल्लेख किया कि भाजपा सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में यह घोषणा की थी कि पचपदरा-बालोतरा रिफाइनरी अगस्त 2025 से उत्पादन शुरू कर देगी। हालांकि, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के रिफाइनरी के दौरे के बाद भी, इस परियोजना के शुरू होने की तारीख पर कोई स्पष्टता नहीं दी गई। गहलोत का कहना है कि भाजपा सरकार की इस चुप्पी से जनता में संदेह पैदा हो रहा है।

भाजपा सरकार पर लगाए गए आरोप

गहलोत ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में यह भी बताया कि कांग्रेस सरकार के दौरान कोविड महामारी के बावजूद रिफाइनरी के कार्य में तेजी आई थी और 80% से अधिक काम पूरा किया जा चुका था। लेकिन भाजपा सरकार के आने के बाद, काम धीमा हो गया और परियोजना की लागत में भारी बढ़ोतरी हुई। गहलोत ने आरोप लगाया कि अगर सरकार का काम रोकने के बजाय गति दी जाती, तो यह परियोजना अब तक पूरी हो चुकी होती।

केंद्रीय मंत्री पुरी का विवादास्पद ट्वीट

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 'X' पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने पचपदरा रिफाइनरी की प्रगति का ब्योरा दिया। हालांकि, पुरी ने जोधपुर स्थित रिफाइनरी लिमिटेड का उल्लेख किया, जबकि रिफाइनरी बालोतरा जिले के पचपदरा में स्थित है। इस ट्वीट पर भी विवाद उठा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पुरी के ट्वीट पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा सरकार की नीतियां और फैसले इस परियोजना के प्रति गंभीर नहीं हैं।

 "रिफाइनरी शुरू होने में लगेंगे 2 साल"

सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने भी इस मुद्दे पर प्रेस वार्ता की और रिफाइनरी के निर्माण की तारीखों में बार-बार बदलाव पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पहले 2023, फिर 2024, और अब अगस्त 2025 तक की तारीखें दी गई हैं, लेकिन कोई स्पष्टता नहीं है कि रिफाइनरी कब पूरी होगी। बेनीवाल का कहना है कि अब कम से कम दो से ढाई साल लगेंगे रिफाइनरी के शुरू होने में।

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मुआवजे और जमीन का मुद्दा

बेनीवाल ने यह भी कहा कि रिफाइनरी के लिए जमीन का मुआवजा अब तक नहीं दिया गया है। खारवाल समाज द्वारा किए गए विरोध और मुआवजे की मांग पर भी उन्होंने टिप्पणी की। उनका कहना था कि जब रिफाइनरी की स्थापना की योजना बनाई गई थी, तो समाज को आश्वासन दिया गया था कि उन्हें मुआवजा मिलेगा या वैकल्पिक जमीन दी जाएगी, लेकिन आज तक इन वादों का कोई पालन नहीं हुआ।

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बार-बार उठ रहा सवाल

कब शुरू होगी पचपदरा रिफाइनरी, यह सवाल बार-बार उठ रहा है। राजस्थान में पचपदरा रिफाइनरी परियोजना का केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और सीएम भजन लाल शर्मा ने रविवार को जायजा लिया था।

FAQ

1. पचपदरा रिफाइनरी परियोजना में इतनी देरी क्यों हो रही है?
पचपदरा रिफाइनरी परियोजना में देरी का मुख्य कारण सरकारी नीतियों में बदलाव और कार्यों में कमी है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार के दौरान इस परियोजना की गति धीमी हो गई और परियोजना की लागत में भारी वृद्धि हुई।
2. रिफाइनरी के निर्माण में अब तक कितनी राशि खर्च हो चुकी है?
कांग्रेस नेताओं के अनुसार, रिफाइनरी के निर्माण पर अब तक लगभग 37,000 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, और परियोजना की लागत 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है।
3. रिफाइनरी के निर्माण के दौरान खारवाल समाज को क्या परेशानी हुई?
रिफाइनरी के लिए जमीन अधिग्रहण के दौरान खारवाल समाज को मुआवजा और वैकल्पिक जमीन देने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिला है, और उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया है।

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FAQ

1. पचपदरा रिफाइनरी परियोजना में इतनी देरी क्यों हो रही है?
पचपदरा रिफाइनरी परियोजना में देरी का मुख्य कारण सरकारी नीतियों में बदलाव है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार के दौरान इस परियोजना की गति धीमी हो गई और परियोजना की लागत में भारी वृद्धि हुई।
2. रिफाइनरी के निर्माण में अब तक कितनी राशि खर्च हो चुकी है?
कांग्रेस नेताओं के अनुसार, रिफाइनरी के निर्माण पर अब तक लगभग 37,000 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, और परियोजना की लागत 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है।
3. रिफाइनरी के निर्माण के दौरान खारवाल समाज को क्या परेशानी हुई?
रिफाइनरी के लिए जमीन अधिग्रहण के दौरान खारवाल समाज को मुआवजा और वैकल्पिक जमीन देने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिला है, और उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया है।

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