फलोदी सड़क हादसा : सुप्रीम कोर्ट ने एनएचएआई और अन्य से मांगी रिपोर्ट, हाईवे के ढाबों पर जताई चिंता

राजस्थान के फलोदी में हुए सड़क हादसे में 15 जनों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लिया प्रसंज्ञान। राजमार्गों पर स्थित ढाबों पर नाराजगी जताई। एनएचएआई, परिवहन मंत्रालय, ठेकेदारों और मुख्य सचिवों से मांगा जवाब।

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Rakesh Kumar Sharma
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राजस्थान के फलोदी में हुई सड़क दुर्घटना में 15 जनों की दर्दनाक मौत के मामले में स्वतः संज्ञान लिया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान राजमार्गों पर स्थित ढाबों पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि ढाबों से हाईवे पर वाहन खड़े हो जाते हैं और अन्य वाहन सड़क पर खड़े वाहनों को देख नहीं पाते। ऐसे में वे ऐसे वाहनों से टकरा जाते हैं। इस वजह से आए दिन हादसे और मौतें हो रही हैं। 

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फलोदी सड़क हादसे पर प्रसंज्ञान

फलोदी में श्रद्धालुओं से भरी टेंपो ट्रैवलर के ट्रेलर से टकरा जाने से कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने बताया कि भारतमाला राजमार्ग पर मतोड़ा गांव के निकट श्रद्धालुओं को ले जा रहा टेंपो ट्रैवलर खड़े ट्रेलर से टकरा गया था। न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए यह मामला आया। 

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एनएचआईए से मांगा जवाब

पीठ ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से इस मामले पर जवाब मांगा गया है। दो दिनों में दो घटनाएं हुई हैं। लोगों की जान चली गई है तथा कई घायल भी हुए हैं। पीठ ने कहा कि यह याचिका फलौदी दुर्घटना के संबंध में स्वत: संज्ञान लेकर दर्ज की गई है और दोनों घटनाओं में कई लोगों की जान गई है। 

ढाबे और खराब सड़क जिम्मेदार

पीठ ने कहा कि दुर्घटना की खबरें मीडिया में आई हैं। मीडिया में बताया है कि सड़क की स्थिति अच्छी नहीं है, जबकि नियमित टोल वसूला जा रहा है। कोर्ट ने राजमार्गों के किनारे संचालित ढाबों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह क्षेत्र ऐसे ढाबों के लिए उपलब्ध नहीं है। ढाबों पर ट्रक व दूसरे वाहन खड़े हो जाते हैं और इन्हें देख नहीं पाने के कारण वाहनों से टकरा जाते हैं। यह भी हादसों की बड़ी वजह है। 

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रिपोर्ट पेश करें प्राधिकरण एवं मंत्रालय

पीठ ने कहा कि सड़क हादसों को लेकर प्राधिकरण, सड़क, राजमार्ग और परिवहन मंत्रालय से उन राजमार्गों के संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहना आवश्यक है, जिन पर दुर्घटनाएं हुईं। पीठ ने सर्वेक्षण के बाद यह भी जानकारी मांगी कि सुविधा क्षेत्र के लिए अधिसूचित नहीं किए गए क्षेत्र में सड़क के किनारे कितने भोजनालय संचालित हैं।

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ठेकेदारों से भी मांगा जवाब 

पीठ ने कहा कि सड़क की स्थिति और रखरखाव की अवधि के दौरान ठेकेदारों द्वारा अपनाए गए मानदंडों के बारे में भी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। गृह मंत्रालय को भी इस मामले में एक पक्ष के रूप में शामिल किया जाना चाहिए और उसे नोटिस जारी किया जाना चाहिए। 

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न्याय मित्र अपनी रिपोर्ट पेश करें

पीठ ने कहा कि जिन राज्यों में यह राजमार्ग संपर्क करता है, उनके मुख्य सचिवों को भी मामले का हिस्सा बनाया जाए। मामले में न्याय मित्र ने सुझाव दिया कि कोर्ट को इसे अखिल भारतीय मामला बनाने पर विचार करना चाहिए। पीठ ने कहा कि पहले वह सरकार से मांगी गई रिपोर्ट देखना चाहती है। इस बीच न्याय मित्र अपनी रिपोर्ट पेश कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि फलोदी में सड़क हादसा वाकई गंभीर मामला है।

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