पुलिसकर्मी के भाई ने 6 महीने में की 19 करोड़ की साइबर ठगी : आठ बैंक खातों में आई यह रकम

राजस्थान के अलवर में एक पुलिसकर्मी के भाई ने छह महीने में साइबर फ्रॉड से 19 करोड़ रुपए ठग लिए। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है।

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Gyan Chand Patni
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अलवर पुलिस ने साइबर फ्रॉड का अब तक का सबसे बड़ा मामला पकड़ने में सफलता हासिल की है। एक आरोपी ने 6 महीने के भीतर देशभर के नागरिकों से ठगी कर 19 करोड़ रुपए की रकम अपने आठ बैंक खातों में जमा करवाई। यह मामला वैशाली नगर पुलिस द्वारा उजागर किया गया है। इस ठगी में विभिन्न राज्यों के लोग शिकार हुए हैं और यह रकम उनके खातों से साइबर ठगों ने हड़प ली थी।

साइबर ठगों ने इस प्रकार किया फ्रॉड 

आरोपी ने लोगों से अलग-अलग तरीके अपनाकर उनकी मेहनत की कमाई ठग ली। लोगों ने आरोपी के झांसे में आकर अपनी निजी जानकारी और बैंक डिटेल्स दे दी, जिसके बाद आरोपी ने कई बैंक खातों में लाखों रुपये जमा किए। अब तक इस मामले में पुलिस को 32 शिकायतें मिली थीं, जिनमें अलग-अलग राज्यों से लोगों ने शिकायत की थी।

पुलिस ने किया आरोपी को गिरफ्तार 

पुलिस ने जब जांच की तो उसे आरोपी के 8 बैंक खातों से जुड़ी जानकारी मिली, जिसके बाद वैशाली नगर थाना पुलिस ने आरोपी बरकत को 3 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया। बरकत रैणी थाने में तैनात कॉन्स्टेबल शौकत का भाई है। पुलिस ने आरोपी के घर से बड़ी मात्रा में बैंक डॉक्यूमेंट्स, चेकबुक्स, एटीएम कार्ड्स, पासपोर्ट, आधार कार्ड और पैन कार्ड जैसे दस्तावेज बरामद किए।

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19 करोड़ की ठगी के दस्तावेज 

आरोपी के घर से  पुलिस ने बरामद की बैंक पासबुक और कई चेक बुक। कई एटीएम कार्ड के साथ दो स्वाइप मशीन भी बरामद की गई हैं। जांच में 19 करोड़ 45 लाख रुपए की ठगी का खुलासा हुआ है।  पुलिस के मुताबिक, आरोपी के दो पत्नियां हैं, जो अलग—अलग रहती हैं।  वह पिछले कुछ सालों से अलवर में रह रहा था, लेकिन पिछले 6 महीने से उसने साइबर ठगी Cyber ​​fraud का काम शुरू किया था। अधिकांश रकम पिछले छह महीनों में ही ठगी के जरिए आई थी।

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FAQ

1. आरोपी बरकत किस पेशे से था और उसने कितने समय में ठगी की? 
आरोपी बरकत रैणी थाने में तैनात एक पुलिस कांस्टेबल शौकत का भाई है। उसने लगभग 6 महीने के भीतर साइबर ठगी से 19 करोड़ रुपए की रकम ठगी।
2. पुलिस ने ठगी के आरोपी से क्या-क्या सामान बरामद किया? 
आरोपी के घर से पुलिस ने कई  चेकबुक और पासबुक बरामद की है। कई एटीएम कार्ड के साथ दो स्वाइप मशीन भी बरामद की गई हैं।
3. आरोपी ने साइबर ठगी कैसे की? 
आरोपी ने साइबर फ्रॉड के जरिए लोगों से निजी जानकारी प्राप्त की और उनके बैंक खातों से पैसे निकालने के लिए विभिन्न तरीके अपनाए। 


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फर्म के खाते में मोटी रकम  

आरोपी के पास एक फर्म भी थी, जिसके खाते में बड़ी रकम जमा हो रही थी। इसके अलावा, आरोपी क्रिप्टोकरेंसी का भी इस्तेमाल कर रहा था। पुलिस इन सभी लेन-देन की जांच कर रही है ताकि ठगी के बारे में और जानकारी मिल सके।

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राजस्थान Cyber ​​fraud क्रिप्टोकरेंसी पुलिस ने बरामद की बैंक पासबुक