राजस्थान : पुलिस हिरासत में मौत के बाद किशनगंज ​थाने के एसएचओ समेत 23 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर

राजस्थान के बारां जिले में पुलिस हिरासत में हत्या के आरोपी लोकेश सुमन की मौत पर परिवार ने हत्या का आरोप लगाया और मुआवजे की मांग की। 23 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान में फिर पुलिस हिरासत में मौत का मामला सामने आया है। बारां जिले के किशनगंज थाना क्षेत्र में हत्या के आरोपी लोकेश सुमन की पुलिस हिरासत में मौत ने पूरे पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

मृतक के परिजनों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है और मामले को हत्या के रूप में दर्ज करने की मांग की है। इसके अलावा, परिवार ने एक करोड़ रुपये मुआवजे और सरकारी नौकरी की भी मांग की है।

क्या हुई कार्रवाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक अंडासु ने तुरंत कार्रवाई करते हुए किशनगंज थाने के SHO विनोद मीणा  समेत 23 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है।  

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घटनाक्रम: लोकेश की गिरफ्तारी से मौत तक  

  • लोकेश सुमन की गिरफ्तारी  
    लोकेश सुमन को 26 जुलाई को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसे न्यायालय में पेश करने के बाद 5 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया था। रिमांड की अवधि के दौरान 28 जुलाई को उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
  • परिजनों के आरोप 
    मृतक के भाई राजेंद्र माली ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उनका भाई पूरी तरह स्वस्थ था और उसकी कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। वह 26 जुलाई को लोकेश से मिलने गए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें मिलने की अनुमति नहीं दी। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने लोकेश से मारपीट की, जिससे उसकी मौत हुई।

पोस्टमार्टम और परिजनों की मांग  

पोस्टमार्टम प्रक्रिया जूडिशियल मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में सोमवार को पूरी की गई, लेकिन मृतक के परिजनों ने शव को उठाने से इनकार कर दिया। शुरुआत में परिजनों ने शव देर रात उठाने का निर्णय लिया, लेकिन बाद में उन्होंने मुआवजा और नौकरी की मांग के साथ गतिरोध बनाए रखा। जिला कलेक्टर रोहिताश्व तोमर और SP अभिषेक अंडासु ने मौके पर पहुंचकर परिजनों से बातचीत की, लेकिन मामला अभी तक सुलझा नहीं पाया है।

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मुआवजे और नौकरी की मांग  

परिजनों ने पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद एक करोड़ रुपये मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग की है। इस मुद्दे पर प्रशासन और परिजनों के बीच बातचीत जारी है, लेकिन समाधान नहीं निकल पाया है।


लोकेश सुमन पर हत्या का आरोप  

पुलिस के मुताबिक, 23 जुलाई को किशनगंज के रामगढ़ रोड पर बबलू मीणा का शव लहूलुहान अवस्था में मिला था। जांच में पता चला कि लोकेश सुमन ने बबलू से पैसे उधार लिए थे और उसे चुकाने में आनाकानी कर रहा था। इस विवाद के दौरान लोकेश ने बबलू के साथ शराब पी और फिर पत्थर व लकड़ी से उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद वह सांवरिया सेठ घूमने चला गया था। पुलिस ने उसे शनिवार को गिरफ्तार किया था।

FAQ

1. मौत किस कारण हुई?  
लोकेश सुमन की मौत पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उससे मारपीट की, जिससे उसकी मौत हुई।
2. पुलिस प्रशासन ने  क्या कार्रवाई की? 
पुलिस प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए किशनगंज थाने के  23 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है।
3. परिजनों ने इस मामले में क्या मांग की?   
परिजनों ने एक करोड़ रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग की है। इसके अलावा, पुलिस पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

 

 


 

 

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