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Photograph: (the sootr)
Jaipur. दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य राज्यों की तरह राजस्थान भी इन दिनों गंभीर वायु प्रदूषण का सामना कर रहा है। हालांकि सोमवार सुबह राहत की खबर यह आई कि राज्य के शहर अब रेड जोन से बाहर आ गए हैं। बावजूद इसके हवा की गुणवत्ता अब भी खतरनाक बनी हुई है। जिससे राज्य के छह प्रमुख शहरों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
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रेड जोन से बाहर, प्रदूषण की स्थिति गंभीर
ताजा आंकड़ों के अनुसार राजस्थान के प्रमुख शहरों जैसे भिवाड़ी, बीकानेर, चूरू, जयपुर, कोटा और सीकर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में मामूली गिरावट आई है। हालांकि इन शहरों का AQI अब भी खराब श्रेणी में है। प्रमुख शहरों बीकानेर 246, कोटा 245, सीकर 238, भिवाड़ी 227, चूरू 215 और जयपुर का AQI 203 दर्ज किया गया है। इन सभी शहरों का AQI स्तर खराब श्रेणी में आता है। वहीं राज्य के सबसे कम प्रदूषित शहर फलोदी (112) और जैसलमेर (117) भी अब खराब श्रेणी के करीब हैं। राजस्थान में एक्यूआई लेवल थोड़ा कम हुआ है।
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महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों पर असर
प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने आम जनता की समस्याओं को और बढ़ा दिया है। खासकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है। सड़क पर ऑफिस जाने वाले लोग अब मास्क पहनने को मजबूर हो गए हैं। हवा में फैल रहे प्रदूषण के कारण लोगों को सिरदर्द, अत्यधिक थकान और सांस फूलने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अब खुले में सांस लेना भी एक चुनौती बन चुका है।
सरकार और जनता को जागरूक होने की आवश्यकता
राजस्थान में वायु प्रदूषण के इस बढ़ते स्तर के पीछे बदलते मौसम, फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुंआ और सड़कों पर दौड़ते वाहन मुख्य कारण माने जा रहे हैं। यदि इस दिशा में समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो राजस्थान की स्थिति भी दिल्ली जैसी हो सकती है। जहां लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो जाते हैं।
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महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता
प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार और जनता को कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता है। जिनमें प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों पर अस्थायी रोक लगाना, सड़कों पर नियमित पानी का छिड़काव करना, शहरी क्षेत्रों में वृक्षारोपण को प्राथमिकता देना, राज्यवासियों को जागरूक करना ताकि हम स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण की दिशा में कदम बढ़ा सकें जैसे कदम शामिल है। यदि इन पर जल्द ही काम नहीं किया गया, तो आने वाली पीढ़ी के लिए स्वच्छ वायु एक सपना बन सकती है।
मुख्य बिंदु
वायु प्रदूषण के कारण: वायु प्रदूषण के बढ़ने के कारणों में बदलते मौसम, फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं और सड़कों पर दौड़ते वाहन मुख्य हैं। इन सभी कारणों ने राजस्थान में प्रदूषण की स्थिति को गंभीर बना दिया है।
स्वास्थ्य को खतरा: ऑरेंज अलर्ट का मतलब है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर तक पहुंच सकता है। जिससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। खासकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों पर।
सरकार की कवायद: राज्य सरकार प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों पर अस्थायी रोक लगाने, सड़कों पर पानी का छिड़काव करने और शहरी क्षेत्रों में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के कदम उठा रही है। इसके अलावा जनता को जागरूक कर प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास किए जा रहे हैं।
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