राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के पहले अशोक गहलोत टेंशन में! प्रदेश में बड़े उलटफेर की तैयारी में बीजेपी

लोकसभा चुनाव के पहले राजस्थान में राज्यसभा चुनाव होना है। यहां से कांग्रेस ने पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना राज्यसभा प्रत्याशी बनाया है।

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Pratibha Rana
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राजस्थान में राज्यसभा चुनाव

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BHOPAL. सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के राजस्थान से राज्यसभा प्रत्याशी(rajya sabha elections) बनने के बाद कांग्रेस पार्टी को विधायकों और वरिष्ठ नेताओं के टूटने का डर सता रहा है। दरअसल कांग्रेस के आधा दर्जन से अधिक वरिष्ठ नेता-विधायक दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। सीडब्ल्यूसी  (CWC) सदस्य और पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्रजीत सिंह (Mahendrajeet Singh)  सहित 7 से अधिक विधायक-नेताओं के कांग्रेस का दामन छोड़ने की चर्चाएं चल रही हैं। इस हलचल से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई वरिष्ठ नेताओं की धड़कनें बढ़ गई हैं। 

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रास के लिए राजस्थान से सोनिया प्रत्याशी

सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को कांग्रेस ने राजस्थान से राज्यसभा चुनाव का प्रत्याशी घोषित किया है। जिसके बाद से राजस्थान में कांग्रेस विधायकों के तेवर से पार्टी के अंदरखाने तक तूफान मचा हुआ है, और मेल-मुलाकातों व एक दूसरे के संपर्क में रहने का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस को अंदाजा नहीं था कि सोनिया गांधी के राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने के बाद ऐसा सियासी संकट खड़ा हो जाएगा। सोनिया गांधी के प्रत्याशी बनने के कारण इस राज्यसभा चुनाव से कांग्रेस की प्रतिष्ठा जुड़ गई है। विधायकों की संख्या के लिहाज से कांग्रेस के पास फिलहाल 19 वोट अधिक हैं। लेकिन राज्यसभा के लिए राजस्थान से सोनिया गांधी के पर्चा भरने के बाद खुद के खेमे में ऐसा माहौल और बयानबाजियों के चलते प्रदेश कांग्रेस को पूरे देश में शर्मिंदा होना पड़ रहा है।

ये विधायक और नेता छोड़ सकते है कांग्रेस !

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राजस्थान की राजधानी जयपुर की बात करें, तो पूर्व कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया, वागड़ क्षेत्र के बड़े नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय, (Mahendrajeet Singh Malviya)  पूर्वी राजस्थान से राज्य मंत्री रहे राजेंद्र यादव सहित अर्जुनसिंह बामनिया, नानालाल निनामा और रमीला खड़िया जैसे विधायकों के भाजपा से संपर्क में होने की चर्चाएं हैं। भाजपा सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के और भी विधायक व नेता उनके संपर्क में हैं ।

डैमेज कंट्रोल में जुटे हैं पूर्व सीएम गहलोत

प्रदेश के सबसे बड़े कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (EX CM  Ashok Gehlot) के कंधों पर ही सबसे अधिक जिम्मेदारी रहेगी। जिन विधायकों के पार्टी छोड़ने को लेकर नाम चल रहे हैं, उनमें वे लोग हैं, जिन्होंने सियासी संकट के दौरान सरकार बचाने में गहलोत का साथ दिया था। वरिष्ठ नेता और सोनिया के नजदीकी होने के नाते पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत डैमेज कंट्रोल को लेकर सबसे अधिक सक्रिय नजर आ रहे हैं। वे अपने राजनीतिक अनुभव का इस्तेमाल कर रहे हैं और विधायकों-नेताओं को कांग्रेस से जोड़े रखने के लिए मुलाकात के साथ उनसे संपर्क भी कर रहे हैं। 

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विपक्षी नेताओं पर बीजेपी की पैनी नजर

राजस्थान में बीजेपी एक तीर से दो निशाने साध रही है। बीजेपी (BJP) न केवल सांसद और विधायक, बल्कि कई ऐसे विधायक जो हाल ही में चुने गए हैं, वे भी बीजेपी में शामिल होने के लिए तैयार हैं। बीजेपी में सबसे हालिया प्रवेश कांग्रेस के महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का था। बीजेपी ने उन्हें आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकित किया है। इतना ही नहीं यह घटनाक्रम कांग्रेस नेता कमलनाथ और छिंदवाड़ा सीट से उनके सांसद बेटे नकुलनाथ के बीजेपी में शामिल होने की तीव्र अटकलों के बीच सामने आया है।

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