राजस्थान विधानसभा में हंगामा : कांग्रेस विधायकों ने 'वोट चोर' के नारे लगाए, सदन स्थगित

राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र 1 सितंबर को हंगामे के साथ शुरू हुआ। कांग्रेस विधायकों ने 'वोट चोर' के नारे लगाए, जबकि भाजपा ने पलटवार किया। सदन स्थगित।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र 1 सितंबर को शुरू हुआ, लेकिन पहले ही दिन विपक्षी कांग्रेस विधायकों और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायकों ने 'वोट चोर' और 'गद्दी छोड़' जैसे नारे लगाकर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। 

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने हालात संभालने की कोशिश की। सदन की ​गरिमा का हवाला भी दिया। इसके बावजूद हंगामा जारी जारी रहा। आखिरकार विधानसभा अध्यक्ष ने बुधवार 11 बजे तक के लिए सदन एडजर्न कर दिया। 

कांग्रेस विधायकों का प्रदर्शन

सत्र के पहले दिन कांग्रेस विधायक दल ने एकजुट होकर विधानसभा की ओर पैदल मार्च किया। उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर 'वोट चोर, गद्दी छोड़' और 'पहले लड़े थे गोरों से, अब लड़ेंगे चोरों से' जैसे नारे लिखे हुए थे। विपक्षी नेता टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि भाजपा ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में वोट चोरी की है और जयपुर ग्रामीण सीट पर भी गड़बड़ी की है।

कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान, भाजपा विधायकों ने 'गालीबाज राहुल गांधी' के नारे लगाए। इस पर स्पीकर ने कहा कि सदन में इस तरह की हरकतें स्वीकार्य नहीं हैं और दोनों पक्षों को संयम बरतने की अपील की।

हंगामे के बाद स्पीकर की नाराजगी

सदन में हंगामे के दौरान, राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस विधायकों को फटकार लगाते हुए कहा कि वे सदन में हैं, न कि सड़क या चौराहे पर। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि उन्हें सदन की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। शोकाभिव्यक्ति के दौरान भी जब विपक्ष ने अपनी बात रखने की कोशिश की, तो स्पीकर ने साफ तौर पर इनकार किया और कहा कि सदन नियमों के तहत चलेगा।

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विधानसभा के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन

भाजपा का पलटवार

भाजपा विधायकों ने कांग्रेस के 'वोट चोर' के नारे का जवाब देते हुए 'गालीबाज राहुल गांधी' के नारे लगाए, जिससे स्थिति और गरमाई। स्पीकर ने भाजपा विधायकों को भी चेतावनी दी कि सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए दोनों पक्षों को संयम रखना होगा। राजस्थान विधानसभा में हंगामा उचित नहीं है।

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'खेजड़ी बचाओ' के पोस्टर

सदन में निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने खेजड़ी के संरक्षण के लिए कानून लागू करने की मांग उठाई। वे 'खेजड़ी बचाओ' के पोस्टर लेकर सदन पहुंचे और सरकार को चेतावनी दी कि अगर समय रहते यह कानून लागू नहीं किया गया तो वे मजबूती से विरोध करेंगे।

विधायी कार्य भी हुए

हंगामे के बावजूद, सदन में कुछ विधायी कार्य भी हुए। राजस्थान स्वास्थ्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश, 2025 को  चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने सदन के पटल पर रखा। कारखाना संशोधन विधेयक खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने पेश किया।  माल एवं सेवा कर द्वितीय संशोधन विधेयक को वित्त मंत्री और उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने सदन में पेश किया।

FAQ

1. राजस्थान विधानसभा में क्यों हुआ हंगामा?
राजस्थान विधानसभा में 1 सितंबर को कांग्रेस विधायकों ने भाजपा पर वोट चोरी का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इसके जवाब में भाजपा ने भी नारेबाजी की, जिससे सदन में हंगामा हुआ।
2. विधानसभा में कौन से विधायी कार्य हुए?
सदन में कुछ विधायी कार्य भी हुए, जिसमें राजस्थान स्वास्थ्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश, कारखाना संशोधन विधेयक और माल एवं सेवा कर द्वितीय संशोधन विधेयक शामिल थे।
3. खेजड़ी संरक्षण के लिए क्या मांग उठाई गई?
निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने खेजड़ी संरक्षण के लिए कानून की मांग उठाई ।

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