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Photograph: (the sootr)
राजस्थान सरकार अब मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना के लाभार्थियों को सौर ऊर्जा से जोड़कर 150 यूनिट निःशुल्क बिजली देगी। इस आशय के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में रविवार को हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई। प्रदेश में जल्द ही पीएम सूर्यघर 150 यूनिट निःशुल्क बिजली योजना लागू की जाएगी।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बैठक के बाद बताया कि सरकार के इस फैसले का फायदा एक करोड़ 4 लाख घरेलू श्रेणी के रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं को होगा। वे सौर ऊर्जा से जुड़कर प्रतिमाह 100 यूनिट के स्थान पर अब 150 यूनिट तक नि:शुल्क बिजली का लाभ उठा पाएंगे। सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना के रजिस्टर्ड लाभार्थियों को पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के जरिए टॉप सोलर पैनल लगाकर 150 यूनिट प्रतिमाह निःशुल्क बिजली उपलब्ध कराने की महत्वपूर्ण घोषणा की थी।
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150 यूनिट से अधिक औसत मासिक उपभोग
मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना में पंजीकृत 27 लाख लाभार्थी परिवारों, जिनका औसत मासिक उपभोग 150 यूनिट से अधिक है, उनके घर की छत पर इस योजना में 1.1 किलोवाट क्षमता के निःशुल्क सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इसके लिए ऐसे प्रत्येक उपभोक्ता को प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत भारत सरकार से प्रति संयंत्र 33,000 रुपए की वित्तीय सहायता मिलेगी।
वहीं राज्य सरकार द्वारा 17,000 रुपए प्रति संयंत्र की अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जाएगी। इससे 1.1 किलोवाट क्षमता का पैनल पूरी तरह निःशुल्क हो जाएगा और 150 यूनिट तक मासिक खपत पर उपभोक्ता का मासिक बिजली बिल शून्य हो जाएगा। वहीं करीब 27 लाख परिवारों के रूफटॉप संयंत्र लगने से 3,000 मेगावाट अतिरिक्त सौर ऊर्जा क्षमता सृजित होगी।
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150 यूनिट से कम औसत मासिक उपभोग
150 यूनिट से कम औसत मासिक उपभोग वाली श्रेणी के तहत प्रथम कैटेगरी में मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना के ऐसे 11 लाख लाभार्थी परिवार, जिनके पास अपने घर की छत पर नि:शुल्क रूफटॉप सोलर संयंत्र लगाने के लिए छत उपलब्ध है, उनके लिए वितरण कंपनियों द्वारा अपने चयनित वेंडर्स के माध्यम से निःशुल्क 1.1 किलोवाट क्षमता के सोलर संयंत्र लगाए जाएंगे।
द्वितीय कैटेगरी में ऐसे रजिस्टर्ड शेष उपभोक्ता जिनके रूफटॉप संयंत्र लगाने के लिए छत उपलब्ध नहीं है, के लिए डिस्कॉम्स सामुदायिक सोलर संयंत्र लगाएंगे। इन संयंत्रों पर वर्चुअल नेट मीटरिंग के माध्यम से ऐसे उपभोक्ताओं को इन सामुदायिक सोलर संयंत्रों से मिलने वाली बिजली के रूप में 150 यूनिट निःशुल्क बिजली प्रतिमाह उपलब्ध होगी। सामुदायिक सोलर संयंत्रों की स्थापना में होने वाला सम्पूर्ण व्यय डिस्कॉम्स वहन करेंगे। इससे उन लोगों को भी नि:शुल्क बिजली योजना का लाभ मिलेगा, जिनके पास स्वयं की छत उपलब्ध नहीं है।
नगरीय निकायों में अब 2 लाख स्ट्रीट लाइट
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में आबादी बढ़ने के साथ-साथ आवासीय क्षेत्र के विस्तार को देखते हुए सड़कों पर एक लाख एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने की घोषणा वर्ष 2025-26 के बजट में की गई थी। नगरीय निकायों की संख्या 282 से बढ़कर 312 हो जाने एवं कई नगरीय निकायों में पुरानी हो चुकी लाइटों के स्थान पर नवीन लाइट लगाने की जरूरत के मद्देनजर अब एक लाख लाइटों के स्थान पर 2 लाख स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी। संशोधित बजट घोषणा के अंतर्गत इस पर अनुमानित 160 करोड़ रुपए का व्यय होगा।
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राज सेस कॉलजों में होगी भर्ती
प्रदेश में राजस्थान कॉलेज एजुकेशन सोसाइटी (राज सेस) का गठन वर्ष 2020 में किया गया था। इसके तहत 374 कॉलेज संचालित हैं। राज सेस के तहत संचालित इन कॉलेजों में कुल 10,594 पद हैं, जिनमें 5,299 शैक्षणिक तथा 5,295 अशैक्षणिक पद हैं। ये सभी पद वर्तमान में रिक्त हैं। राज सेस महाविद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए 4,724 शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक संविदा पदों पर भर्ती की जाएगी।
3,540 शैक्षणिक पदों पर यूजीसी मापदंडों के अनुरूप योग्य अभ्यर्थियों का नेट/स्लेट/सेट/पीएचडी के माध्यम से भर्ती करने पर विचार किया जा रहा है। इन सभी पदों पर भर्ती के माध्यम से हायर किए जाने वाले कार्मिकों का सेवाकाल 5 वर्ष रहेगा। इन पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा पैटर्न तय करने एवं भर्ती एजेंसी के निर्धारण तथा राज सेस हायरिंग ऑफ मैनपावर रूल्स 2023 में संशोधन की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है।
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सीवरेज एवं अपशिष्ट जल नीति-2016 में संशोधन
प्रदूषित जल से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी दुष्प्रभावों से बचाव के लिए प्रदेश में सीवरेज एवं अपशिष्ट जल नीति-2016 में संशोधन को कैबिनेट में मंजूरी दी गई है। यह संशोधित नीति स्वच्छ भारत मिशन की अवधारणा के अनुरूप सुव्यवस्थित सीवरेज सिस्टम बनाकर सभी घरों को उससे जोड़ने में सहायक सिद्ध होगी।
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