राजस्थान में भाजपा नेता के बेटे पर डीजीजीआई की रेड, 10 करोड़ की जीएसटी चोरी का मामला

राजस्थान के भीलवाड़ा में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष के बेटे के यहां DGGI की छापेमारी की गई है, जिसमें 10 करोड़ की जीएसटी चोरी के आरोप में जांच की जा रही है।

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Nitin Kumar Bhal
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राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक बड़ी छापेमारी की गई, जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण डाड के बेटे निखिल डाड के ठिकानों पर डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) की टीमें पहुंची। यह छापेमारी करीब 10 करोड़ रुपए की जीएसटी (Goods and Services Tax) चोरी के आरोप में की गई है। टीमें निखिल डाड के विभिन्न ठिकानों पर पहुंचीं और जांच शुरू की। यह छापेमारी स्थानीय प्रशासन द्वारा टैक्स चोरी के आरोपों के आधार पर की गई थी, और यह राजस्थान में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई मानी जा रही है।

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भाजपा नेता लक्ष्मीनारायण डाड और उनका बेटा निखिल डाड। Photograph: (The Sootr)

निखिल के अलग-अलग छह ठिकानों पर DGGI की रेड

DGGI (Directorate General of GST Intelligence) की टीमें गुरुवार सुबह करीब 9 बजे भीलवाड़ा स्थित भाजपा नेता और पूर्व यूआईटी (Urban Improvement Trust) चेयरमैन लक्ष्मी नारायण डाड के घर पहुंची। हालांकि, टैक्स चोरी का आरोपी निखिल डाड, जो लक्ष्मी नारायण डाड का बेटा है, अपने पिता के घर में नहीं रहता था। इस जानकारी के बाद DGGI की टीम ने निखिल के अलग-अलग छह ठिकानों पर रेड की, जहां वे टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज, केमिकल और कोयला सप्लाई के बिजनेस से जुड़े हुए थे। इसके अलावा, निखिल प्रॉपर्टी और फाइनेंस के कारोबार में भी संलग्न था।

यह छापेमारी भाजपा के एक पूर्व अध्यक्ष के बेटे के खिलाफ की गई है। ऐसे में इसे लेकर राजनीतिक चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। विपक्ष जहां इस मुद्दे को ज्यादा से ज्यादा उछाल रहा है। वहीं, भाजपा फिलहाल इस मामले को लेकर चुप है।

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भीलवाड़ा के शास्त्रीनगर स्थित भाजपा नेता डाड का मकान। Photograph: (The Sootr)

दस्तावेज और डिजिटल डेटा की जांच की

टीम को निखिल डाड के खिलाफ करीब 10 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी के बारे में जानकारी मिली थी। इसके बाद DGGI की टीमें उसके कुमुद विहार स्थित फ्लैट और ऑफिस, रिको (Rico) और चित्तौड़गढ़ स्थित प्रोसेस यूनिट में भी पहुंची। यहां टीम ने दस्तावेज की जांच की और डिजिटल डेटा की जांच भी की। इसके साथ ही, कर्मचारियों और स्टाफ से पूछताछ की गई।

डीजीजीआई क्या है?

  • डीजीजीआई (DGGI) का परिचय:

    • डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) भारत में एक प्रमुख खुफिया एजेंसी है, जो वस्तु एवं सेवा कर (GST) चोरी से संबंधित जानकारी इकट्ठा करने और उस पर कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार है।

    • यह केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के तहत काम करता है और कर चोरी की जांच करता है।

  • DGGI का मुख्य कार्य:

    1. खुफिया जानकारी इकट्ठा करना:

      • यह जीएसटी चोरी, गलत चालान और अन्य कर चोरी से जुड़े मामलों के बारे में विभिन्न स्रोतों से जानकारी इकट्ठा करता है।

    2. जांच करना:

      • DGGI जीएसटी से संबंधित धोखाधड़ी के मामलों की जांच करता है, जिसमें संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ करना और वित्तीय दस्तावेजों की जांच करना शामिल है।

    3. प्रवर्तन:

      • यह जीएसटी कानूनों को लागू करने के लिए जिम्मेदार है और अवैध गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों पर कानूनी कार्रवाई करता है।

    4. अन्य एजेंसियों के साथ सहयोग:

      • DGGI कर चोरी से निपटने के लिए अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ भी सहयोग करता है।

  • डीजीजीआई की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:

    • जीएसटी के लागू होने से पहले, DGGI को केंद्रीय उत्पाद शुल्क खुफिया महानिदेशालय (DGCEI) के नाम से जाना जाता था।

    • 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद इसका नाम बदलकर डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) कर दिया गया।

  • DGGI की शक्तियां:

    1. पूछताछ:

      • यह कर चोरी के मामलों में व्यक्तियों को बुलाकर उनसे पूछताछ कर सकता है।

    2. दस्तावेजों की तलाशी और जब्ती:

      • DGGI कर चोरी के सबूत इकट्ठा करने के लिए दस्तावेजों की तलाशी और जब्ती कर सकता है।

    3. गिरफ्तारी:

      • गंभीर कर चोरी के मामलों में, DGGI के पास अपराधियों को गिरफ्तार करने और हिरासत में लेने की शक्ति है।

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निखिल डाड कौन है?

निखिल डाड भीलवाड़ा भाजपा के बड़े नेता लक्ष्मी नारायण डाड का बेटा है। उसका बिजनेस मुख्य रूप से टेक्सटाइल इंडस्ट्री, केमिकल और कोयला सप्लाई से जुड़ा हुआ था। इसके साथ ही, वह प्रॉपर्टी और फाइनेंस के क्षेत्र में भी सक्रिय था। निखिल का कारोबार एक विस्तृत नेटवर्क के तहत चलता था, जिसमें उसके कई दोस्तों और बिजनेस पार्टनर्स का हाथ था। इनमें से एक प्रमुख पार्टनर अनुज सोमानी था, जिसके यहां भी DGGI की टीमें सर्च कर रही हैं। यह सर्च ऑपरेशन निखिल डाड के बिजनेस और उसके कनेक्शंस के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाने के उद्देश्य से किया गया था।

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निखिल के घर और ऑफिस की तलाशी

DGGI की टीमें सबसे पहले शास्त्री नगर न्यू हाउसिंग बोर्ड में निखिल के पैतृक घर पर पहुंची। इस दौरान टीम को यह पता चला कि निखिल अपने कुमुद विहार स्थित फ्लैट नंबर 803 में रहता है, जो उसके कार्यस्थल और ऑफिस के रूप में भी इस्तेमाल होता है। यहां पहुंचने के बाद, टीम ने डिजिटल डेटा और दस्तावेजों की जांच शुरू की और स्टाफ से पूछताछ की। यह जांच इस बात का खुलासा करने के लिए की जा रही थी कि क्या निखिल ने अपने बिजनेस के दौरान किसी भी प्रकार की टैक्स चोरी की है।

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निखिल का कारोबार बहुत ही जटिल

DGGI की राजस्थान में छापेमारी में जो मुख्य पहलू सामने आया, वह यह था कि निखिल का कारोबार बहुत ही जटिल था, और उसके पास कई अलग-अलग ठिकानों पर काम करने का नेटवर्क था। इसके परिणामस्वरूप, DGGI की टीमें उसके सभी ठिकानों पर जांच कर रही हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी गड़बड़ी या टैक्स चोरी के रास्ते से सरकार को नुकसान न हुआ हो। यह छापेमारी राजस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन गई है, जिससे टैक्स चोरी की जाँच प्रक्रिया में नए दिशा-निर्देशों की जरूरत महसूस हो रही है।

टैक्स चोरी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी समस्या

टैक्स चोरी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी समस्या बन चुकी है। भारत में टैक्स चोरी के कारण सरकार को भारी नुकसान होता है, जो अंततः आम जनता के विकास कार्यों को प्रभावित करता है। इस कारण से, सरकार और विभिन्न एजेंसियां जैसे DGGI इस प्रकार की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही हैं। राजस्थान में जीएसटी चोरी भी एक बड़ी समस्या है।

FAQ

1. राजस्थान में DGGI की छापेमारी में किस पर आरोप लगे हैं?
DGGI की छापेमारी में भाजपा नेता के पुत्र निखिल डाड पर 10 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का आरोप है। वह टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज और कोयला सप्लाई के बिजनेस में सक्रिय था।
2. भीलवाड़ा भाजपा नेता के पुत्र निखिल डाड का व्यवसाय क्या था?
निखिल डाड का व्यवसाय टेक्सटाइल इंडस्ट्री, केमिकल सप्लाई, कोयला सप्लाई और प्रॉपर्टी व फाइनेंस से जुड़ा हुआ था।
3. भीलवाड़ा में DGGI की छापेमारी किस दिन हुई थी?
DGGI की छापेमारी 27 अगस्त 2025 को हुई थी, जब टीम ने निखिल डाड के विभिन्न ठिकानों पर जांच की।
4. DGGI टीम ने भीलवाड़ा में क्या कार्रवाई की?
DGGI टीम ने निखिल के कुमुद विहार स्थित फ्लैट, ऑफिस और चित्तौड़गढ़ स्थित प्रोसेस यूनिट में दस्तावेजों और डिजिटल डेटा की जांच की।
5. राजस्थान में DGGI टीम की छापेमारी क्यों महत्वपूर्ण है?
यह छापेमारी एक राजनीतिक व्यक्ति के परिवार पर की गई है, जो भारतीय राजनीति और टैक्स चोरी पर चर्चा का विषय बन गई है। यह कार्रवाई टैक्स चोरी के खिलाफ कड़ी नीतियों का हिस्सा है।

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