आसाराम 30 अगस्त को होगा जेल की सलाखों के पीछे, जानें राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर क्या कहा

राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम की अंतरिम जमानत बढ़ाने की याचिका खारिज की। अदालत ने उनकी स्वास्थ्य स्थिति को गंभीर नहीं माना और आत्मसमर्पण का आदेश दिया।

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Nitin Kumar Bhal
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Photograph: (The Sootr)

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Asaram Bapu Latest News : राजस्थान हाईकोर्ट ने 27 अगस्त 2025 को आसाराम की अंतरिम जमानत बढ़ाने की याचिका खारिज कर दी। यह फैसला न्यायमूर्ति दिनेश मेहता और न्यायमूर्ति विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने सुनाया। अदालत ने अहमदाबाद सिविल अस्पताल की मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह स्पष्ट किया कि आसाराम की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर नहीं है, और इसलिए उनकी जमानत की अवधि को आगे बढ़ाने का कोई आधार नहीं है।

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आसाराम की स्वास्थ्य स्थिति कैसी है?

आसाराम की अंतरिम जमानत की याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने अहमदाबाद सिविल अस्पताल के मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का निरीक्षण किया। रिपोर्ट में कहा गया था कि आसाराम की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर नहीं है और वह इलाज के लिए व्हीलचेयर का उपयोग कर सकते हैं। अदालत ने इस आधार पर यह फैसला लिया कि आसाराम को जमानत की अवधि बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है।

व्हीलचेयर की सुविधा और सहायक की अनुमति

हालांकि अदालत ने आसाराम को जेल में व्हीलचेयर की सुविधा प्रदान करने का आदेश दिया है, साथ ही उन्हें एक सहायक की अनुमति भी दी है ताकि उनकी देखभाल की जा सके। अदालत ने यह भी निर्देशित किया कि यदि आवश्यक हो, तो आसाराम को AIIMS जोधपुर में चिकित्सकीय जांच के लिए ले जाया जा सकता है।

आसाराम को 30 अगस्त 2025 तक आत्मसमर्पण का आदेश

राजस्थान उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि आसाराम को 29 अगस्त 2025 को अपनी जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद 30 अगस्त 2025 तक जोधपुर सेंट्रल जेल में आत्मसमर्पण करना होगा। इससे पहले, 19 अगस्त 2025 को उच्च न्यायालय ने एक अन्य मामले में आसाराम को स्वास्थ्य आधार पर 3 सितंबर 2024 तक अंतरिम जमानत दी थी। उस समय उनकी स्थिति गंभीर थी और वह ICU में भर्ती थे।

अब, राजस्थान उच्च न्यायालय ने यह कहा है कि वर्तमान में आसाराम की चिकित्सा स्थिति इतनी गंभीर नहीं है कि उन्हें और राहत दी जा सके। अदालत ने यह भी कहा कि जमानत की अवधि बढ़ाने का कोई वैध कारण नहीं है। अदालत ने यह आदेश दिया कि आसाराम को निर्दिष्ट समय पर आत्मसमर्पण करना होगा।

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आसाराम और उसका बेटा नारायण सांई। Photograph: (The Sootr)

आसाराम का रेप मामला क्या है?

आसाराम फिलहाल रेप के आरोप में जोधपुर में सजा काट रहा है। उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जोधपुर की विशेष अदालत ने बुधवार को एक रेप केस में उन्हें दोषी ठहराया। फर्श से अर्श तक तक पहुंचने वाले आसाराम पर उनके आश्रम में आने वाली लड़कियों ने ही रेप के आरोप लगाए थे। इस वजह से आसाराम के साथ-साथ उनके बेटे नारायण साईं भी जेल गए। आसाराम 2013 से जेल में हैं। साल 2013 में शाहजहांपुर की 16 साल की लड़की ने आसाराम पर उनके जोधपुर आश्रम में बलात्कार करने का आरोप लगाया था। दिल्ली के कमला मार्केट थाने में यह मामला दर्ज कराया गया था, जिसे बाद में जोधपुर स्थानांतरित कर दिया गया। बता दें, आसाराम के भक्त उसे आसाराम बापू कहते हैं।

आसाराम गुजरात डबल रेप मामला

आसाराम को जोधपुर केस में गिरफ्तार कर लिया गया था, उसके दो महीने बाद ही गुजरात के सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे पर बलात्कार का आरोप लगाया था (बलात्कारी बाबा आसाराम)। बड़ी बहन की शिकायत के मुताबिक, आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच कई बार उनका यौन शोषण किया था, छोटी बहन ने नारायण साईं पर रेप का आरोप लगाया था। इसके बाद दिसंबर 2013 में नारायण साईं को भी गिरफ्तार किया गया था।

आसाराम पर गवाहों की हत्या के भी आरोप 

आसाराम पर अपने खिलाफ गवाहों की हत्या के आरोप भी लगे हैं। सूरत की निवासी दो बहनें जिन्होंने आसाराम और उसके बेटे नारायण सांई पर बलात्कार करने का आरोप लगाया है उनमें से एक के पति जो कि इस मामले का गवाह था उस पर 28 फरवरी 2014 की सुबह सूरत शहर में ही जानलेवा हमला हुआ।  इस हमले के अगले 15 दिनों तक ये मामला गर्म रहा जिसमें शक की सुईयां आसाराम और उसक बेटे पर ही जाती है। वहीं एक और मामला था जब आसाराम का कैमरामैन भी जिसका नाम राकेश पटेल है वो भी उसके खिलाफ गवाही के लिए तैयार था उसके ऊपर भी जानलेवा हमला हुआ। इसके कुछ ही दिनों के बाद एक और गवाह जिसका नाम दिनेश भगनानी था उसके ऊपर भी सूरत की एक मार्केट में तेजाब से हमला किया गया।

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2024 में दी गई आसाराम को जमानत

आसाराम को 2024 में उनकी स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी। उस समय, वह ICU में भर्ती थे और अदालत ने उन्हें 3 सितंबर 2024 तक जमानत दी थी। हालांकि, कोर्ट ने यह स्पष्ट किया था कि यह जमानत केवल उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए दी गई थी और इसका उद्देश्य किसी प्रकार की दंड से बचाव नहीं था।

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अदालत का आदेश और भविष्य में आसाराम का कानूनी रास्ता

अदालत के आदेश के बाद, आसाराम को 30 अगस्त 2025 तक जोधपुर सेंट्रल जेल में आत्मसमर्पण करना होगा। इसके बाद, उनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी और अदालत के आदेश के अनुसार उन्हें सजा दी जा सकती है। अदालत ने यह भी कहा कि यदि उनकी स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ती है, तो उन्हें उचित चिकित्सा सहायता दी जाएगी।

आसाराम की कानूनी स्थिति

आसाराम के खिलाफ कई आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिनमें बलात्कार, बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न, और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रहे मामलों की सुनवाई को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया कि जमानत बढ़ाने का कोई उचित कारण नहीं है।

FAQ

1. राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम की जमानत याचिका क्यों खारिज की?
राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम की जमानत याचिका खारिज की क्योंकि उनकी स्वास्थ्य स्थिति गंभीर नहीं पाई गई थी। मेडिकल रिपोर्ट में यह बताया गया था कि वह व्हीलचेयर का उपयोग कर सकते हैं और उनकी स्थिति में कोई आपातकालीन स्थिति नहीं है।
2. आसाराम को व्हीलचेयर की सुविधा क्यों दी गई है?
आसाराम को व्हीलचेयर की सुविधा इसलिए दी गई है ताकि वह जेल में आसानी से चल फिर सकें और उनकी देखभाल की जा सके। अदालत ने उनके लिए एक सहायक की अनुमति भी दी है।
3. आसाराम को आत्मसमर्पण कब करना होगा?
आसाराम को 29 अगस्त 2025 को उनकी जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद 30 अगस्त 2025 तक जोधपुर सेंट्रल जेल में आत्मसमर्पण करना होगा।
4. आसाराम की जमानत क्यों बढ़ाई नहीं गई?
आसाराम की जमानत इसलिए नहीं बढ़ाई गई क्योंकि उनके स्वास्थ्य की स्थिति अब उतनी गंभीर नहीं थी। मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि वह अब अपने इलाज के लिए व्हीलचेयर का उपयोग कर सकते हैं।
5. आसाराम के खिलाफ कौन से मामले चल रहे हैं?
आसाराम के खिलाफ कई गंभीर मामले चल रहे हैं, जिनमें बलात्कार, यौन उत्पीड़न और हत्या के प्रयास के आरोप शामिल हैं। अदालत ने इन मामलों को ध्यान में रखते हुए जमानत बढ़ाने से इनकार किया।

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